गेट सेट लर्न कॉन्क्लेव में उपस्थित 100 से अधिक शिक्षकों ने माना, शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भविष्य के कौशल को अपनाना जरुरी
कोलकाता: अरविंद मफतलाल ग्रुप के प्रमुख एजुकेशन स्टार्टअप, गेट सेट लर्न ने हाल ही में कोलकाता में अपना 7वाँ फ्यूचर रेडी कॉन्क्लेव आयोजित किया। इस इवेंट में 100 से अधिक शिक्षक उपस्थित रहे, जिन्होंने शिक्षा में 21वीं सदी के कौशल के महत्व पर चर्चा की। इस दौरान, कक्षाओं में आंत्रप्रेन्योरशिप, लाइफ स्किल्स, एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे आवश्यक कौशल को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरव त्रिवेदी ने एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसके अंतर्गत उन्होंने कक्षाओं में एसटीईएम और एआई को पढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने भारत में युवा शिक्षार्थियों के भविष्य को आकार देने में आधुनिक शिक्षा के दृष्टिकोण की भूमिका के बारे में भी बात की।
कॉन्क्लेव की ऊर्जा को बरकरार रखते हुए, मुख्य भाषण के बाद गतिशील पैनल चर्चाएँ और ब्रेकआउट सेशंस आयोजित किए गए। इस दौरान, शिक्षकों ने आधुनिक शिक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित करते हुए, 21वीं सदी के कौशल को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार साझा किए।
गेट सेट लर्न की चीफ एकेडेमिक्स ऑफिसर, डॉ. रितु उप्पल ने कहा, “भारत की शिक्षा प्रणाली रटने से हटकर अधिक समग्र और कौशल-आधारित दृष्टिकोण की ओर बढ़ रही है। गेट सेट लर्न में, हम सीखने के अनुभव को आकर्षक बनाने के लिए प्रोजेक्ट-आधारित गतिविधियों का उपयोग करते हैं। इससे न सिर्फ छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में मदद मिलती है, बल्कि उनमें सहयोग और बेहतर सोच को भी बढ़ावा मिलता है और साथ ही अंतःविषय पाठों का विलय होता है।”
उन्होंने कहा, “इस पहल के माध्यम से, हमारा मिशन शिक्षकों और छात्रों दोनों को आवश्यक उपकरणों से लैस करना है, ताकि वे दुनिया के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में खुद को आगे बढ़ा सकें।”
सम्मान समारोह, कॉन्क्लेव का विशेष आकर्षण था। इस दौरान, स्कूलों में लाइफ स्किल्स, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, आंत्रप्रेन्योरशिप और एसटीईएम जैसे नए कौशल सिखाने के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए और इन टेक्नोलॉजीस को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर अपने विचार साझा करते हुए डॉ. त्रिवेदी ने कहा, “कक्षाओं में एसटीईएम और एआई को अपनाना छात्रों को भविष्य के लिए उपकरण देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विकसित भारत 2047 के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण तैयार करने पर भी आधारित है।”
उन्होंने कहा, “हम नवाचार अपनाने, समस्याओं को हल करने, एकजुटता को बढ़ावा देने और अंततः एक उज्जवल और अधिक स्थायी भविष्य बनाने में अगली पीढ़ी की मदद कर सकते हैं।”
फ्यूचर रेडी कॉन्क्लेव ने सहयोग के लिए खुद को एक सार्थक मंच के रूप में स्थापित कार्य किया। इसने प्रतिभागियों को भारत में 21वीं सदी के कौशल पर केंद्रित शिक्षा में सुधार पर अपने विचार और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उम्मीद है कि गेट सेट लर्न की पहल शिक्षकों को सशक्त बनाएगी और शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार करने पर एक स्थायी प्रभाव डालेगी।