आईएफसी ने भारत में 500 मिलियन डॉलर का क्लाइमेट लोन देने के लिए एक्सिस बैंक के साथ की साझेदारी

टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने और ग्रीन / ब्लू प्रोजेक्ट्स को वित्तपोषित करने के लिए लोन

विश्व बैंक समूह का सदस्य और सबसे बड़ा वैश्विक विकास संस्थान, द इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईएफसी), भारत में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों में से एक, एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि भारत में ग्रीन प्रोजेक्ट्स के वित्तपोषण को बढ़ाने और ब्लू फाइनेंस मार्केट विकसित करने में मदद करने के लिए 500 मिलियन डॉलर का लोन दिया जा सके।

यह भारत में आईएफसी का पहला ब्लू निवेश है और देश में किसी वित्तीय संस्थान द्वारा किया गया यह पहला ब्लू ट्रांजेक्शन है। ब्लू लोन वित्तपोषण साधन हैं, जो जल और अपशिष्ट जल प्रबंधन, समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण में कमी, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली, टिकाऊ शिपिंग, पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन और अपतटीय नवीकरणीय ऊर्जा जैसे निवेशों के लिए धन जुटाते हैं|

यह लेनदेन देश में आईएफसी द्वारा किया गया सबसे बड़ा ग्रीन फाइनेंसिंग भी है। इस फंडिंग से एक्सिस बैंक को अपने जलवायु वित्त पोर्टफोलियो का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

भारत में तेजी से बढ़ते शहरीकरण और आर्थिक विकास के साथ, जल और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने का यह एक बड़ा अवसर है। 2022 तक जल और अपशिष्ट जल उपचार बाजार का आकार 1.6 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2029 तक 3 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। इसके अलावा, ग्रीन बिल्डिंग सेक्टर 2030 तक 1.4 ट्रिलियन डॉलर का निवेश अवसर प्रस्तुत करता है, जो टिकाऊ बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। सीमित सार्वजनिक फंडिंग की भरपाई के लिए इनमें से अधिकांश निवेश निजी क्षेत्र से आने की जरूरत है।

इस अवसर पर बोलते हुए, एक्सिस बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अमिताभ चौधरी ने कहा, “वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों और पर्यावरण स्थिरता के बारे में बढ़ती जागरूकता के साथ, बैंकों के लिए टिकाऊ ऋण प्रथाओं को अपनाना अनिवार्य है। हम आईएफसी के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं, जिसके साथ हम भारत में टिकाऊ वित्त को बढ़ावा देने के लिए मानकों और ऋण प्रथाओं को मजबूत करने का एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। एक्सिस बैंक के जलवायु और सतत वित्त पोर्टफोलियो को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ इसके बड़े आकार, प्रणालीगत महत्व और व्यापक पहुंच को देखते हुए, हम भारत में जलवायु वित्त के प्रमुख फोकस क्षेत्र में आईएफसी के लिए एक मजबूत और स्थिर भागीदार बनने की उम्मीद करते हैं।“

आईफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मख्तर डियोप ने कहा, “हम भारत में अपने पहले ब्लू लोन और देश में अब तक की हमारी सबसे बड़ी जलवायु वित्त पहल की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं। भारत जलवायु अनुकूलन के लिए अभिनव दृष्टिकोणों के लिए एक असाधारण परीक्षण स्थल के रूप में कार्य करता है। यह ऋण न केवल इस उभरते परिसंपत्ति वर्ग में निजी क्षेत्र के निवेश को उत्प्रेरित करेगा, बल्कि एक सतत ब्लू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में दीर्घकालिक वित्तपोषण को भी निर्देशित करेगा। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य भारत में जलवायु परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण को बढ़ाना है, जिसमें हरित भवनों पर विशेष जोर दिया जाएगा, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करेंगे और रोजगार पैदा करेंगे। समान विचारधारा वाले सहयोगी एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी करके, हम भारत के सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

एक्सिस बैंक भारत के उन पहले बैंकों में से है, जिसके पास ऋण देने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) नीति है, जो आईएफसी प्रदर्शन मानकों का पालन करती है। बैंक 2030 तक (अगस्त 2021 से) ईएसजी-संरेखित क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रुपये (लगभग 7.2 बिलियन डॉलर) के वृद्धिशील वित्तपोषण की सार्वजनिक प्रतिबद्धता के साथ भारत के जलवायु एजेंडा का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें से 30,000 करोड़ रुपये (लगभग 3.1 बिलियन डॉलर) का वृद्धिशील वित्तपोषण मार्च 2024 तक हासिल किया गया था।

एक्सिस बैंक भारतीय वित्तीय संस्थानों के बीच सतत उपकरणों का अग्रणी जारीकर्ता रहा है। एक्सिस ने 2016 में पहला ग्रीन यूएसडी बॉन्ड जारी किया था और 2021 में भारत से पहला सतत यूएसडी एटी1 बॉन्ड भी जारी किया। सतत वित्तपोषण में अग्रणी होने के लंबे समय के इतिहास के साथ, बैंक, संसाधन-कुशल विकास को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए आईएफसी वित्तपोषण का उपयोग करेगा, साथ ही महत्वपूर्ण स्वच्छ जल संसाधनों की रक्षा करेगा और देश के जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करेगा।

अपनी सलाहकार सेवाओं के हिस्से के रूप में, आईएफसी किफायती आवास परियोजनाओं और प्रभाव रिपोर्टिंग के लिए क्षमता निर्माण सहित अपने ग्रीन बिल्डिंग पोर्टफोलियो को बढ़ाने में एक्सिस बैंक का समर्थन करेगा। इस साझेदारी के माध्यम से, आईएफसी का लक्ष्य भारत में ग्रीन बिल्डिंग के बाजार को उत्प्रेरित करना है। आईएफसी ग्रीन कंस्ट्रक्शन कार्यक्रम के लिए यूके-आईफसी मार्केट एक्सेलेरेटर से 2.9 मिलियन डॉलर तक का प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन भी प्रदान करेगा, जिसका उद्देश्य आईएफसी के ईडीजीई (अधिक दक्षता के लिए डिजाइन में उत्कृष्टता) ग्रीन बिल्डिंग मानक द्वारा प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग के डिजाइन और निर्माण का समर्थन करना है।

आईएफसी ने ग्रीन फाइनेंस मार्केट में एक सफल ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है और दुनिया भर में ब्लू फाइनेंस को लॉन्च करने और बढ़ाने के लिए आधार तैयार कर रहा है। 2020 से, आईएफसी ने दुनिया भर के निजी संस्थानों को 1.9 अरब डॉलर से अधिक के ब्लू लोन और बॉन्ड प्रदान किए हैं।

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