ओरल केयर में मार्केट लीडर कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड ने कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ ब्रांड के तहत अपना नवीनतम अभियान ‘#द डेली ग्राइंड’ लॉन्च किया है। यह अभियान भारत भर में स्नैक्स खाने की फ्रीक्वेंसी में बढ़ोत्तरी को दर्शा रहा है जिसके परिणामस्वरूप दांत कमजोर होते हैं, जिससे संपूर्ण ओरल हेल्थ प्रभावित होता है। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 44% भारतीय दिन के किसी भी समय कुछ न कुछ खाते या पीते रहते हैं। यह व्यवहार शहरी आबादी में आम है, जहाँ भोजन के बीच में खाने की आदत बढ़ती जा रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में भी दिन भर चाय और नाश्ते के लिए लगातार समय मिलता रहता है।
यह कैंपेन इस बात को स्पष्ट रूप से उजागर करता है कि हर दिन बार-बार खाने से हमारे दांतों से कैल्शियम की हानि बढ़ जाती है। कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ का विज्ञान-समर्थित फ़ॉर्मूला जिसमें यूनिक आर्जिनिन + कैल्शियम बूस्ट तकनीक शामिल है, खोए हुए कैल्शियम की भरपाई करने में बेहतर है, जिससे हमारे दांत 2 गुना मज़बूत बनते हैं।
इस कैंपेन में दो फ़िल्में शामिल हैं जिसमें दो पिताओं के जीवन के एक दिन को दिखाया गया है, एक शहरी और दूसरा ग्रामीण परिवेश में। वे अपने सामान्य रूटिन में व्यस्त हैं, लेकिन समय-समय पर उन्हें खाना मिल जाता है।
पिताओं के कार्यों को देखकर, उनके बेटे चिंतित हो जाते हैं और बताते हैं कि लगातार खाने के कारण दांतों में कैल्शियम की कमी हो जाती है, और उन्हें बेहतर ओरल हेल्थ के लिए दांतों में खोए कैल्शियम को वापस लाने के समाधान के रूप में कोलगेट स्ट्रांग टीथ से परिचित कराते हैं।
इस कैंपेन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग, गुंजीत जैन ने कहा, “10 में से 8 भारतीय कैविटी से पीड़ित हैं, केवल 10 में से 1 को पता है कि उनके दांत सड़ रहे हैं! समस्या की सीमा चिंताजनक है क्योंकि हम सभी दिन में कई बार भोजन को काटने, कुतरने या चबाने के लिए अपने दांतों का उपयोग करते हैं। इससे दांतों में डिमिनरलाइजेशन नामक प्रक्रिया के माध्यम से कैल्शियम की कमी हो जाती है। आने वाले त्योहारों के मौसम में बार-बार नाश्ता करने की आदत और बढ़ जाएगी। कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ टूथपेस्ट से दांतों को ब्रश करने से ही इससे दूर रहा जा सकता है! इसकी अनूठी आर्जिनिन और कैल्शियम बूस्ट तकनीक खोए हुए कैल्शियम को फिर से वापस करके दांतों को फिर से मिनरलयुक्त बनाती है, जिससे वे 2 गुना मजबूत हो जाते हैं ।”
ओगिल्वी इंडिया के हर्षद और कैनाज ने आगे कहा, “कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ अपने नाम से ही स्पष्ट हो जाता है। कम्यूनिकेशन में हमारा काम इसे अलग-अलग तरीकों से जीवंत करना है। इस साल, हमारी समझ इस बारे में है कि हम अपने दांतों का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल कैसे करते हैं। कैसे? पूरे दिन कुछ न कुछ खाते रहने से। यह खाने-पीने के शौकीन या पेटू होने के बारे में नहीं है। अगर आप फिल्म देखेंगे तो आपको एहसास होगा कि आजकल की ज़िंदगी बस ऐसी ही है। एक बेटे की नज़र से देखी गई यह फिल्म और साथ में गाया गया गाना एक ऐसे आदमी की कहानी बताता है जो सुबह से रात तक खाता रहता है। इस टुकड़े को इतना मज़ेदार बनाने के लिए कोलगेट पर हमारे ईसीडी जूनस्टन मथाना और क्रोम फिल्म्स के अमित शर्मा को श्रेय जाता है।”
यह फिल्म पूरे भारत में दो संस्करणों में प्रदर्शित की गई है तथा इसे अलग-अलग तरह के दर्शकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।