राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी एजेंसी (नाडा), युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), शिक्षा मंत्रालय ने आज स्कूली बच्चों और शिक्षकों के बीच मूल्य आधारित खेल शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के खेल विभाग की सचिव श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की अपर सचिव श्रीमती लमछोंघोई स्वीटी चांगसन, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी की डीजी और सीईओ सुश्री रितु सैन, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के खेल विभाग निदेशक विमल आनंद, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के एनसीईआरटी के प्रो. निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सीआईईटी-एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक प्रो. अमरेंद्र बेहरा की उपस्थिति में शास्त्री भवन स्थित शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के कॉन्फ्रेंस हॉल में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर सचिव (खेल विभाग) श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने कहा, “कम उम्र से सकारात्मक खेल मूल्यों को बढ़ावा देना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि युवा एथलीट उम्र बढ़ने के साथ भी ईमानदार तरीके से खेल का अभ्यास करें। यह समझौता ज्ञापन एनसीईआरटी, शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से नाडा के जनसंपर्क प्रयासों को कई गुना बढ़ाएगा और जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने में सहायता करेगा।”
भारत की खेल में डोपिंग के विरुद्ध यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के एक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में खेलों में न्यायसंगत तरीकों संबंधी प्रयासों को प्रोत्साहित करने और देश में मूल्य-आधारित खेल शिक्षा को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी है। यह सहयोग स्कूली छात्रों, अभिभावकों, युवा और नवोदित एथलीटों एवं शारीरिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों के लिए पीएम ई-विद्या के माध्यम से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की डिजिटल अवसंरचना और जनसंपर्क क्षमता का लाभ प्राप्त करेगा।
इस सम्झौता ज्ञापन के माध्यम से की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में खेल मूल्यों और नैतिकता जैसे अखंडता, विविधता, समानता, निष्पक्ष खेल, सम्मान और टीमवर्क पर सुलभ प्रारूप में ई-सामग्री विकसित करना और हर कक्षा में यूनेस्को मूल्य आधारित खेल शिक्षा टूलकिट को बढ़ावा देना शामिल है।