नियमित योग का अभ्यास करेगा हार्मोनल डिसऑर्डर की समस्या को दूर

पॉलिसिस्टिक ऑवेरियन सिंड्रोम एक हॉर्मोनल डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर युवा महिलाओं में देखा जाता है। इस समस्या के मुख्य कारण जेनेटिक और एंवायर्नमेंटल होते हैं। पीसीओडी की समस्या लाइफस्टाइल, खान-पान से जुड़ी आदतों, स्ट्रेस और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण भी हो सकती है। इस समस्या में मुख्य रूप से ओवरी के अंदर छोटी गांठ बन जाती है। इस कारण अनियमित पीरियड्स, शरीर पर बहुत अधिक बालों का उगना, मोटापा बढ़ना और लगातार ऐक्ने की समस्या रहना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। – 

पहले सिर्फ लेट उम्र में शादी करने के कारण पीसीओडी की समस्या का महिलाओं को सामना करना पड़ता था लेकिन अब 15 से 16 साल की उम्र की लड़कियां भी इस दिक्कत से ग्रसित हो रही हैं। इनमें पीसीओडी के लक्षण चेहरे और शरीर के अंगों पर घने बाल उगने, पीरियड्स के समय बहुत अधिक दर्द होने, हेवी ब्लीडिंग होने या समय पर पीरियड्स ना होने जैसे लक्षण नजर आते हैं।

हमारे देश में करीब 10 प्रतिशत महिला आबादी पीसीओडी की समस्या से परेशान है। पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD)में  हॉर्मोन्स के कारण बच्चेदानी (ओवरी) में सिस्ट यानी छोटी-छोटी गांठें हो जाती हैं। इन सिस्ट के कारण महिलाओं में बड़े स्तर पर हॉर्मोनल बदलाव होने लगते हैं। क्योंकि ये सिस्ट, पीरियड्स, प्रेग्नेंसी दोनों को डिस्टर्ब करती हैं। यहां जानें योग के माध्यम से इन्हें नियंत्रित रखने का तरीका..

योग से संभव है पीसीओडी का इलाज:

योग के माध्यम से भी पीसीओडी का इलाज संभव है। योग हमारे शरीर पर मानसिक, शारीरिक और सूक्ष्म रूप से प्रभाव डालता है। यह हमारे मेंटल टॉक्सिन्स और फिजिकल टॉक्सिन्स को दूर करने में मदद करता है। यहां कुछ ऐसे खास आसनों के बारे में बता रहे हैं, जो विशेष रूप से पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को करने चाहिए।

सूर्य नमस्कार:- सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है। सूर्य नमस्कार करने से प्यूबिक एरिया की मसल्स, यूरिनरी ट्रैक्ट वेन्स और लोअर अबडॉमिन की मसाज होती है और मजबूती भी आती है। यह पीसीओडी को खत्म करने के साथ मेन्सट्रुअल साइकिल को रेग्युलर करने में भी फायदेमंद होता है।

दवाई नहीं इन योगासनों से दूर करें पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या:

  • हलासन 
  • सर्वांगासन 
  • उष्ट्रासन 
  • धनुरासन 
  • भुजंगासन 
  • वीरभद्रासन 
  • विपरीत नौकासन 

उत्तानपादासन और भी बहुत से आसन है जो है पीसीओडी में काफी लाभकारी होते हैं योग द्वारा हम पीसीओडी का इलाज कर सकते हैं कुछ आसान से योगासनों का अभ्यास करके पूरी तरीके से पीसीओडी की समस्या से निजात पाई जा सकती है 

आपका डेली रुटीन हो ऐसा:

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि पीसीओडी की समस्या हॉर्मोन्स से संबंधित है। इसलिए आपको अपनी लाइफस्टाइल को इस तरह मैनेज करना होगा कि हॉर्मोन्स का सीक्रेशन सही तरीके से हो सके। आप अपनी डायट का ध्यान रखें और मौसम के अनुसार ही खान-पान अपनाएं।

प्रकृति के साथ जुड़ें। यानी वॉक, रनिंग करें और पार्क में टहलें। रोज एक्सर्साइज करें।

अंततः निष्कर्ष यह निकलता है कि यदि नियमित योगाभ्यास किया जाए और अपनी जीवनशैली में बदलाव किया जाए अच्छी आदतों को रखा जाए तो हम काफी हद तक हार्मोनल डिसऑर्डर को कंट्रोल कर सकते हैं

अलका सिंह
( योग विशेषज्ञ )
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