पी पी एफ में निवेश : भविष्य की बचत

सेविंग करने का बहुत बढिया तरीका है-पी पी एफ अकाउंट यानी कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट

बढ़ती महंगाई और बेलगाम खर्चों को कंट्रोल करना किसी के लिए भी आसान नहीं है. माडर्न जमाने में अच्छा लाइफस्टाइल और बुढ़ापे के लिए बैंक में मोटी रकम का होना सबके लिए जरूरी है. ऐसे में हर महीने की कमाई में खर्चे के साथ-साथ अपने भविष्य के लिए भी कुछ न कुछ जोड़ते रहते हैं. भारत में तो लगभग हर कोई सेविंग करने में विश्वास रखता है. तरह तरह के तरीकों जैसे एल आई सी, म्युचुअल फंड, मंथली कमिटी, प्रापर्टी निवेश के माध्यम से लोग पैस बचाते हैं. ऐसा ही सेविंग करने का बहुत बढिया तरीका है-पी पी एफ अकाउंट यानी कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट. फिर यह टैक्स बचाने का भी एक बहुत अच्छा माध्यम है. दरअसल, कई लोग पी एफ और पी पी एफ के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं. लेकिन ये दोनों अलग-अलग अकाउंट हैं.
क्या है पी पी एफ अकाउंट?
वैसे यह अकाउंट किसी भी पोस्ट आफिस या किन्ही चुनिंदा बैंकों में खोले जा सकते हैं. अकाउंट शुरु करते समय आप को अपने पैन कार्ड की फोटोकापी व कम से कम पांच सौ रुपये निवेश करने होते हैं.
कितना ब्याज?
इस पर जमा किए गए पैसों पर लगभग 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. प्रत्येक फाइनेंशियल वर्ष में पी पी एफ अकाउंट में हर महीने का ब्याज आंका जाता है. यदि आप किसी भी महीने की पांच तारीख या उससे पहले इस अकाउंट में पैसे जमा करते हैं, तो आप को उस महीने के ब्याज के हकदार होते हैं, लेकिन अगर आप पांच तारीख के बाद पैसे जमा करते हैं, तो आगामी महीने में उसका ब्याज आंका जाता है. इसीलिए पांच तारीख या उससे पहले अगर आप पैसे जमा करते हैं, तो आप को अधिक फायदा मिलता है.
टैक्स में किस प्रकार फायदेमंद?
सेक्शन 80 सी के तहत आप पी पी एफ में जो भी पैसा जमा करते हैं, उस पर आप को कोई टैक्स नहीं देना होता है और उन पैसों पर मिलने वाले ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है.
कितना पैसा जमा किया जा सकता है?
प्रत्येक वर्ष आप इसमें अपनी मर्जी व सुविधा के अनुसार कम से कम पांच सौ रुपये से लेकर अधिक से अधिक एक लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं.
कब होता है मैच्योर?
पी पी एफ अकाउंट शुरु होने के 15वे वर्ष में मैच्योर होता है. तब आप चाहें तो इसे तोड़ सकते हैं या फिर पांच साल के लिए और आगे बढ़ा सकते हैं. आप पी पी एफ अकाउंट के छठे वर्ष से पैसा निकाल सकते हैं. पी पीएफ के चौथे वर्ष में आप जमा की गई रकम में से 50 प्रतिशत तक की रकम निकाल सकते हैं, लेकिन इस अकाउंट से एक वित्तीय वर्ष में एक बार ही पैसा निकाला जा सकता है.
क्या इस पर कोई ऋण लिया जा सकता है?
इस अकाउंट के तीसरे वर्ष में आप पिछले वर्षों तक जमा की गई रकम पर लगभग 25 प्रतिवर्त तक ऋण लेने के काबिल हो जाते हैं.
क्या कोई एन आर आई यह अकाउंट खोल सकता है?
कोई एन आर आई यह अकाउंट नहीं खोल सकता है, लेकिन अगर कोई भारत में निवास करते हुए यह अकाउंट खोले और बाद में एन आर आई बन जाए तो आप इस अकाउंट के मैच्योर हो जाने तक प्रत्येक वर्ष इसमें पैसा जमा करा सकते हैं.
अकाउंट होल्डर की मत्यु के बाद क्या?
यदि पी पीएफ अकाउंट होल्डर की मुत्यु हो जाए तो उस केस में तो अकाउंट में जमा की गई राशि व उसका ब्याज 15 वर्ष पूरे होने से पहले ही नोमिनी को दिया जा सकता है. लेकिन नोमिनी इसमें कोई अन्य राशि नहीं जमा करा सकता है. प्रस्तुति : सोनी राय

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