भारत व अमेरिका ने आज संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी: जीवन में बदलाव लाने के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजीज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अनुसंधान के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करने (कॉल फॉर प्रपोजल्स) की घोषणा की

अमेरिकी ऊर्जा विभाग की सचिव सुश्री जेनिफर एम. ग्रैनहोम ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से आज यहां नॉर्थ ब्लॉक में मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।यह बैठक विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे के ठीक बाद हो रही है। सुश्री जेनिफर के साथ एक उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी था। भारत व अमेरिका ने संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी: जीवन में बदलाव लाने के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजीज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अनुसंधान के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करने की भी घोषणा की।

भारत-अमेरिका विज्ञान और प्रौद्योगिकी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) और यूएसआईएसटीईएफ सचिवालय ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रतिस्पर्धी अनुदान कार्यक्रम के माध्यम से, यूएसआईएसटीईएफ ऐसी आशाजनक संयुक्त अमेरिकी-भारत प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण और उद्यमशीलता पहलों का चयन और सहायता करता है जो व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य और सामाजिक रूप से सुसंगत हैं।

उन्होंने कहा कि इन संयुक्त पहलों का उद्भव स्टार्टअप, सरकारी, शैक्षणिक या वाणिज्यिक प्रयासों सहित अमेरिकी और भारतीय निकायों से और इसके किसी भी संयोजन से हो सकता हैं, बशर्ते कि वे प्रयुक्त अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करें, एक व्यवसाय योजना और वाणिज्यिक अवधारणा का प्रमाण शामिल करें और उनकी उल्लेखनीय टिकाऊ वाणिज्यिक क्षमता भी हो।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के बाद उठाया गया है, जहां उन्होंने द्विपक्षीय व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक नए अध्याय पर बल दिया।

डॉ. सिंह ने कहा, उन्हें प्रसन्नता है कि भारतीय और अमेरिकी दोनों पक्षों ने अपने नेताओं के निर्णय को कार्यान्वयन स्तर तक ले जाने के लिए खुद को शीघ्रता से तैयार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि इस साझेदारी ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) युग में एआई (अमेरिका-भारत) संबंध में एक नई दिशा और नई ऊर्जा के साथ भविष्य के लिए एक प्रौद्योगिकी साझेदारी की रूपरेखा तैयार की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “उच्च प्रासंगिकता के अन्य प्रौद्योगिकी-उन्मुख मामलों के अतिरिक्त, यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और क्वांटम प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास व व्यावसायीकरण के लिए यूएस-इंडिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंडॉमेंट फंड (यूएसआईएसटीईएफ) के तहत 2 मिलियन डॉलर के अनुदान कार्यक्रम के शुभारंभ का स्वागत किया था और भारत में हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) सुविधाओं को विकसित करने के लिए सार्वजनिक-निजी सहयोग को प्रोत्साहित किया था।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि “भारत ने हाल ही में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को आरंभ करने, पोषण करने और उसे बढ़ावा देने तथा क्वांटम प्रौद्योगिकी (क्यूटी) में एक जीवंत और नवोन्मेषी इकोसिस्टम का निर्माण करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को स्वीकृति दी है।”

उन्होंने कहा कि निसंदेह एआई में विश्व की सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता है और यह आर्थिक विकास के लिए असीम अवसर उपलब्ध कराता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “एआई और क्वांटम प्रौद्योगिकी में निवेश से हमारे दैनिक जीवन में बदलाव लाने वाली प्रगति होगी और स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, जलवायु परिवर्तन और अन्य चीजों को प्रभावित करने के माध्यम से हमारे सामाजिक कल्याण को अत्यधिक लाभ पहुंचेगा।” उन्होंने दान कोष की परिवर्तनकारी क्षमता का स्वागत किया।

प्रस्ताव के लिए यह आमंत्रण 31 अगस्त, 2023 तक खुला रहेगा और संभावनापूर्ण संयुक्त भारत-अमेरिका प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण और उद्यमशीलता प्रस्तावों को भी आमंत्रित करेगा जो व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य और सामाजिक रूप से सुसंगत है। यह सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के विभिन्न पहलुओं को देखते हुए घरेलू और साथ ही अमेरिकी प्राथमिकताओं को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देगा।

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