शब्दों में शक्ति तभी होगी जब सोच में गहराई होगी…

एक शाम मैं अपनी बालकनी में सुकून से बैठा था, बड़े दिनों बाद ऐसा मौका मिला…

सड़कें न हो जरुरतमंदों का घर……

हमारे शहरों के हर कोने में, जहाँ पर जीवन एक अलग लय में बहता है और…

पहले अपने गिरेबान में झाँकना सीख लीजिए..

अंबानी जी ने अपने सागर में से एक गागर पानी निकाला है, सागर भी उन्हीं का,…

भ्रष्टाचार और पेपर लीक की आग की लपटों में झुलसते छात्र – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार

भारत की शिक्षा प्रणाली एक भयानक तूफान के चपेट में आ बैठी है। एक ऐसा तूफान,…

शिक्षक तो पढ़ा रहे हैं, लेकिन क्या बच्चे सीख भी रहे हैं?

शिक्षा का मतलब कभी-भी किसी खाली पात्र में जल भरने तक ही सीमित नहीं रहा है।…

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