वोट खातिर जोत देले बा खेत खलिहान

वोट खातिर जोत देले बा खेत खलिहान। अपना देश के नेता लोग महान। गांवे-गांवे घुमत बा…

होली आई लेकर महंगाई

होली आई होली आई। भर के पिचकारी में महंगाई। अब कैसे खेलें हम रंग-रंग अब कैसे…

ट्रेनवा में भीड़ भइल बा

सोचले रहनी एह बार हम गांवे जाइबधूमधाम से सबके साथे छठ मनाइब। बाकी टूट गइल देखल…

हिंसा को ना बनाओ यारों जीवन का हिस्सा।

हिंसा को ना बनाओ यारों जीवन का हिस्सा। वर्ना बिखर जाओगे जैसे टूट कर शीशा। हिंसा…

ऐ कवि सबकी कहते रहना।

ऐ कवि सबकी कहते रहना। नदियों की कलकल के संग बहते रहना। ऐ कवि सबकी कहते…

आजकल के अफ़सर

आजकल के अधिकतर अफ़सर ज़मीन पर कम और सोशल मीडिया पर ज़्यादा काम करते हुए नज़र…

वेलेंटाइन डे

प्यार कीजिए। अजी प्यार कीजिए। चाहे कोई आप सा हो या अलग, पराया। जान वार दीजिए।…

  एड़ी की बिवाय (कहानी किसान की)

दाल-भात खाते हो ले-ले के चाव। अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।

कवना काम के बजट

कवना काम के बजट। जवना से दिक्कते नइखे हटत। मार-मार के महंगाई से

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