केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह 30 सितंबर 2024 को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र नई दिल्ली में जन योजना अभियान पर (सबकी योजना सबका विकास) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर, केन्द्रीय पंचायती राज के राज्य मंत्री प्रो एस. पी. सिंह बघेल, पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री विवेक भारद्वाज, जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव श्रीमती विनी महाजन, ग्रामीण विकास मंत्रालय में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह और देश भर के पंचायत प्रतिनिधि और पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पंचायती राज मंत्रालय उच्च गुणवत्ता और प्रभावी पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी के लिए अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों को आवश्यक कौशल और रणनीतियों से लैस करने हेतु ‘सबकी योजना सबका विकास’ अभियान के नाम से जानी जाने वाली जन योजना अभियान पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
इस कार्यशाला में विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकार के विभागों के प्रतिनिधियों, प्रशिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों तथा पंचायतों के विभिन्न स्तरों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को एक मंच पर एक साथ लाया जाएगा, ताकि विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा किया जा सके। इस मौके पर, वित्तीय वर्ष (2025-26) के लिए पंचायत विकास योजनाएं तैयार करने के लिए जन योजना अभियान (2024-25) से संबंधित एक पुस्तिका और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की वार्षिक कार्य योजना 2024-25 रिपोर्ट को जारी किया जाएगा। इस अवसर पर, पंचायती राज मंत्रालय की वेबसाइट के हिंदी संस्करण का भी शुभारंभ किया जाएगा।
“सबकी योजना सबका विकास” के रूप में जाना जाने वाला जन योजना अभियान पंचायती राज मंत्रालय द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए भागीदारी पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) की तैयारी के लिए 2018 में शुरू की गई एक परिवर्तनकारी राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों, संबंधित विभागों के आगे रहकर काम करने वाले कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), समुदाय आधारित संगठन (सीबीओ) और अन्य संबंधित हितधारकों की स्वैच्छिक साझेदारी है। यह अभियान सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के आधारभूत सिद्धांत के साथ संरेखित करने तथा पंचायतों की विकास योजना तैयार करने में लोगों की साझेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।
पंचायती राज संस्थाओं द्वारा पंचायत विकास योजना तैयार करने का काम हर साल किया जाता है और यह प्रक्रिया सामान्यतः अनिवार्य ग्राम सभा से 2 अक्तूबर को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जन योजना अभियान शुरू करने के साथ प्रारंभ होती है। यह एक अभियान है, जहां आम लोगों का मंच-ग्राम सभा-अपनी ग्राम पंचायत की आवश्यकताओं और उपलब्ध संसाधनों पर विचार-विमर्श करती है और इसके पश्चात विकास कार्यों को पूरा करने के लिए आने वाले वित्तीय वर्ष हेतु ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार की जाती है।
पंचायत नियोजन प्रक्रिया आमतौर पर 2 अक्टूबर को अनिवार्य ग्राम सभा के साथ शुरू होती है, जिसमें चालू वर्ष की योजना की प्रगति, आगामी वर्ष के लिए संसाधनों की उपलब्धता, आने वाले वर्ष की योजना में शामिल की जाने वाली गतिविधियों/कार्यों के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श होता है। आगामी वर्ष की योजना में शामिल की जाने वाले गतिविधियों/कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है और ग्राम सभा की आगे होने वाली बैठकों में स्वीकृति के लिए रखा जाता है। अनुमोदित ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को बेहतर पारदर्शिता, जवाबदेही के लिए एक एकीकृत कार्य प्रवाह सक्षम पोर्टल ‘ईग्रामस्वराज’ पर अपलोड किया जाता है।
इस अभियान के दौरान,संबंधित विभागों के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को ग्राम सभा में अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों, संसाधन उपलब्धता, लाभार्थियों आदि का विवरण प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसलिए, यह अभियान अभिसरण योजना तैयार करने और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं और सामाजिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पंचायतों के संसाधन को बढ़ाने के लिए भी एक सक्षम औजार है।
समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, इस अभियान को वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ जोड़ा गया है। इन लक्ष्यों का स्थानीयकरण करते हुए, जिन्हें अक्सर सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के रूप में जाना जाता है, यह अभियान यह सुनिश्चित करता है कि देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पहलें वैश्विक उद्देश्यों के अनुरूप हों। गरीबी उनमूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर त्वरित ध्यान केन्द्रित करने के लिए नौ प्रमुख विषयों की पहचान की गई है।
राज्य सरकारों के पंचायती राज विभाग और राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी और पीआर) इस प्रक्रिया को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे व्यापक कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का संचालन करते हैं तथा स्थानीय नेताओं और समुदाय के सदस्यों को नियोजन प्रक्रिया में प्रभावी ढंग से संलग्न करने के लिए आवश्यक ज्ञान और टूल्स से लैस करते हैं। ग्राम सभा की बैठकें चर्चा और विचार-मंथन के लिए जीवंत मंच बन जाती हैं, जहां विचारों को साझा किया जाता है, उन पर बहस की जाती है तथा विचारों को और बेहतर किया जाता है।
जन योजना अभियान केवल एक प्रशासनिक कार्य नही है, बल्कि इसका महत्व इससे अधिक है। यह सहभागी लोकतंत्र और समावेशी विकास की दिशा में एक आंदोलन है। यह नागरिकों को अपने भविष्य के सक्रिय निर्माता बनने के लिए सशक्त करता है, संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देता है तथा विकास प्रक्रिया में स्वामित्व और जवाबदेही की भावना को बढ़ावा देता है। यह जन योजना अभियान ग्रामीण विकास के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण का उदाहरण है, जो “विकसित भारत के लिए विकसित पंचायतों” के विज़न के साथ संरेखित है।