कैलाश गहलोत का इस्तीफा: ‘शीशमहल’ विवाद के साथ AAP को बड़ा झटका

दिल्ली के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले यह कदम पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। सूत्रों के अनुसार, गहलोत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं।

गहलोत, जो गृह, परिवहन, आईटी और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के प्रभारी थे, ने अपने इस्तीफे में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को संबोधित करते हुए “आंतरिक चुनौतियों” का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है। हमारे द्वारा किए गए कई वादे अधूरे रह गए। उदाहरण के तौर पर यमुना नदी, जिसे साफ करने का वादा किया था, आज और भी अधिक प्रदूषित हो चुकी है।”

गहलोत ने ‘शीशमहल’ विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि “ऐसे विवाद अब हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी की भावना में विश्वास रखते हैं।” यह विवाद मुख्यमंत्री के आवास की 45 करोड़ रुपये की लागत से हुई मरम्मत को लेकर था, जिसे भाजपा ने ‘शीशमहल’ करार दिया था। आप ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि यह आवास 1942 में बना था और इसकी मरम्मत जरूरी थी।

गहलोत के इस कदम पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “गहलोत जी ने बताया है कि आम आदमी पार्टी अब ‘खास आदमी पार्टी’ बन चुकी है। उन्होंने अपने सभी वादे तोड़ दिए हैं और अब यह ‘अरविंद आदमी पार्टी’ बन गई है।”

दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने इसे “साहसिक कदम” बताया। उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि खुद अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लोग मानते हैं कि उन्होंने दिल्ली के करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया है। जो भी ईमानदार व्यक्ति दिल्ली से प्यार करता है, वह ‘लुटेरों के गिरोह’ का हिस्सा नहीं बन सकता।”

विधानसभा चुनावों के पहले बड़ा झटका

कैलाश गहलोत का पार्टी छोड़ना, खासकर तब जब वे गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे थे, आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि वह “जनता के फैसले” के बाद ही मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। वर्तमान में, आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया है।

गहलोत ने कहा, “आप अब अपने राजनीतिक एजेंडे की लड़ाई लड़ रही है, जिससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं भी उपलब्ध कराने में हमारी क्षमता प्रभावित हुई है। अगर दिल्ली सरकार का अधिकांश समय केंद्र के साथ लड़ाई में ही बीतता रहेगा, तो दिल्ली का असली विकास संभव नहीं है।”

अपने राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, “मैंने राजनीति की शुरुआत दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए की थी और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। इसलिए, मुझे कोई और विकल्प नहीं दिखा और मैंने आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया। मैं आपको भविष्य और स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

कैलाश गहलोत, जो नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, 2015 से कैबिनेट मंत्री हैं। पिछले साल पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने वित्त विभाग का भी कार्यभार संभाला था।