सेवा से सीखें कार्यक्रम युवाओं को सशक्त बनाना और समुदाय में करुणा और सेवा की संस्कृति को बढ़ावा देना

(छत्तीसगढ़)

भारत के युवाओं को जोड़ने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, युवा मामले विभाग, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने एमवाए भारत पहल के तहत “सेवा से सीखें” कार्यक्रम शुरू किया है। 17 सितंबर को शुरू की गई इस राष्ट्रव्यापी स्वयंसेवी पहल का उद्देश्य युवाओं को व्यावहारिक शिक्षण अनुभव प्रदान करना है, साथ ही अस्पतालों में मरीजों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करना है।

कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “यह कार्यक्रम पूरे भारत में रोगियों की ज़रूरतों को पूरा करते हुए सेवा की संस्कृति को पोषित करने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, हमारे युवा एमवाए भारत स्वयंसेवक हमारे राष्ट्र की भलाई में योगदान करते हुए अमूल्य अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।”

(राजस्थान)

कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, एमवाए भारत के स्वयंसेवकों को 700 स्थानों पर तैनात किया जा रहा है, जिसमें सरकारी अस्पताल और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाए) के तहत सूचीबद्ध अस्पताल दोनों शामिल हैं। प्रत्येक अस्पताल में 10-20 स्वयंसेवकों के साथ, इस पहल का लक्ष्य न केवल रोगी सेवाओं में सुधार करना है, बल्कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी- पीएमजेएवाए) के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है। स्वयंसेवक कई तरह के कार्यों में सहायता करते हैं, जिसमें रोगियों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में मदद करना, आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) काउंटरों का प्रबंधन करना, सूचना डेस्क का संचालन करना और पीएम-जेएवाए दस्तावेज़ीकरण का समर्थन करना शामिल है।

(गुजरात)

“सेवा से सीखें” कार्यक्रम ने अपने लॉन्च के बाद से ही तेजी से प्रगति की है। 861 अस्पताल पहले ही एमवाए भारत पोर्टल पर शामिल हो चुके हैं। इन सुविधाओं ने 304 अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम और 2,649 स्वयंसेवा के अवसर पैदा किए हैं।

वर्तमान में, 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 319 अस्पतालों में 1732 स्वयंसेवक सक्रिय हैं। गुजरात ने इस मामले में सबसे आगे रहते हुए 33 अस्पतालों में 273 स्वयंसेवकों को तैनात किया है, जिसके बाद राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश का स्थान आता है, जहाँ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन करने वाले स्वयंसेवकों की मजबूत उपस्थिति है।

(ओडिशा)

युवाओं को ऐसे सार्थक काम में शामिल करके, “सेवा से सीखें” कार्यक्रम से सेवा और जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह पीएम-जेएवाई सेवाओं के उपयोग को बढ़ावा देने का भी प्रयास करता है, जिससे वंचित समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुँच में वृद्धि होगी। इस पहल की सफलता के दीर्घकालिक प्रभाव होंगे, सामाजिक रूप से जिम्मेदार नेताओं की एक नई पीढ़ी को बढ़ावा मिलेगा और सार्वजनिक सेवा के महत्व को मजबूत किया जाएगा।

जैसे-जैसे ‘ एमवाए भारत’ अपनी पहुंच का विस्तार कर रहा है और ‘सेवा से सीखें’ कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है, यह पहल पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा सहायता और युवा सशक्तिकरण दोनों में एक परिवर्तनकारी बदलाव लाने का वादा करती है।

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