अतर्रा (बांदा): प्रदेश समिति में 11 प्रकोष्ठ के साथ जनपदों में होगा टोलियों का गठन, किसी भी संगठन के सफल संचालन के लिए एक मजबूत ढांचे का होना अति आवश्यक है। समूह के सदस्यों को नियत लक्ष्य के प्रति समर्पित रहना चाहिए तभी बड़े और महान लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उक्त बातें शैक्षिक संवाद मंच के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय ने समिति के सदस्यों की ऑनलाइन बैठक में कहीं।
बैठक में मंच की प्रदेश कार्यकारिणी में तकनीकी, साहित्यिक, सांस्कृतिक, योग एवं खेल, प्रबंधन, वित्त, कला एवं क्राफ्ट, जनसंपर्क, दीवार पत्रिका अभियान सहित कुल 11 प्रकोष्ठों के गठन का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। प्रदेश समिति में कुल 31 लोग होंगे। जनपद स्तर पर भी प्रत्येक जनपद में एक समिति का गठन का निर्णय लिया गया जिसमे प्रदेश समिति के लोग मार्गदर्शक और सहयोगी की भूमिका में होंगे।
बैठक का आरंभ मां शारदे को नमन करने के साथ एक दूसरे से परिचय प्राप्त कर किया गया। प्रमोद दीक्षित ने 18 नवंबर, 2012 को स्थापित शैक्षिक संवाद मंच के मूल उद्देश्य “विद्यालय बनें आनंदघर” को रेखांकित करते हुए बताया कि बच्चों और शिक्षक के मध्य संबंध मैत्रीपूर्ण हों। शिक्षक भय एवं दंड से बाहर आकर रूचिपूर्ण शिक्षा प्रदान करें जिससे बच्चों के मन मस्तिष्क में विद्यालय की छवि एक आनंदघर की बन सके। इसके लिए शिक्षण में गीत, कविता, नाटक, कहानी और शैक्षिक भ्रमण का सहारा लेना उचित होगा।
शिक्षक को अपने घर में एक समृद्ध पुस्तकालय स्थापित कर स्वयं को पठन पाठन से जोड़ते हुए अपने अनुभवों को लिपिबद्ध भी करना चाहिए। इन्ही उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मंच द्वारा विभिन्न विधाओं पर पुस्तक प्रकाशन योजना गतिमान है। अब तक कुल छः साझा संग्रह पहला दिन, हाशिए पर धूप, कोरोना काल में कविता, प्रकृति के आंगन में, राष्ट्र साधना के पथिक, स्मृतियों की धूप-छांव प्रकाशित हो चुके हैं। इस वर्ष क्रांतिपथ के राही, विद्यालय में एक दिन के साथ यात्रा वृत्तांत और डायरी विधा पर पुस्तक प्रकाशन योजना गतिमान है। वर्ष 2024 में पत्र लेखन और प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तरीय विषय आधारित नवाचार पर पुस्तक प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया।
मंच के आदर्श व्यक्तित्व गिजुभाई बधेका के जन्मदिन के अवसर पर नवंबर माह में चित्रकूट में तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला के अयोजन का निर्णय लिया गया जिसमें मंच की छमाही पत्रिका “शैक्षिक संवाद” का विमोचन होगा। मंच की सदस्यता का प्रकार पूर्व की भांति वार्षिक ही रखते हुए नए सदस्यों के जोड़े जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में प्रदेश के उन्नाव, वाराणसी, प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर, बांदा, गोरखपुर, फतेहपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, हरदोई, हापुड़, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, ललितपुर आदिक जनपदों से दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया। आभार प्रदर्शन दुर्गेश्वर राय, गोरखपुर ने किया।