आखिर क्या वजह है कि परंपरागत रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले साड़ी और सलवार कमीज को पैंट शर्ट के आगे घुटने टेकने पड़े है ?

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भारत में फैशन का रिश्ता हमेशा से ही बॉलीवुड के साथ रहता आया है और नायक, नायिकाओं के परिधान से ही नए-नए ट्रेंड शुरू होते रहे है। आज की अधिकतर अभिनेत्रियां जब शूटिंग नहीं कर रही होती है तब पैंट शर्ट में ही नजर आती है।रानी मुखर्जी,प्रीति जिंटा,सुष्मिता सेन,ऐश्वर्या राय वगैरह को अक्सर ही पैंट शर्ट में देखा जा सकता है।वैसे पर्दे पर भी अभिनेत्रियां जींस टी-शर्ट में खूब दिखाई दे रही है।

फिल्मों में कॉलेज छात्रा या फिर कामकाजी महिला का पहनावा ही यही हो गया है। और आज देखते ही देखते अपने देश में महिलाओं के पहनावे में काफी बड़ा फर्क आ गया है।वह वक्त काफी पीछे छूट गया है। जब 10-20 साल की उम्र तक की लड़किया स्कर्ट ब्लाउज ही पहना करती थीं।

और हाई स्कूल आते-आते वह सलवार सूट में नजर आने लगती थी। यह सिलसिला शादी होने के उम्र तक जारी रहता था।फिर साड़ी उनके साथ ऐसे चिपकती थी कि उम्र भर साथ नहीं छोड़ती थीं। और साड़ी को महिलाओं का खास पहनावा माना जाता था। इसमें भारतीय संस्कृति भी झलकती थी। साड़ी का पहनावा विदेशियों को भी आकर्षित करता है। लेकिन कुछ साल पहले एक खास वर्ग की महिलाओं ने शादी के बाद सलवार सूट पहनना शुरू किया,जो कि धीरे-धीरे हर वर्ग में ही फैलता गया।

हां,पंजाब,हरियाणा,हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर ऐसे प्रदेश अवश्य रहे हैं जहां हर उम्र की महिलाएं परंपरागत रूप से सलवार सूट पहनती रही है। लेकिन बाकी प्रदेशों में लगभग एक-डेढ़ दशक पहले तक अगर कोई शादीशुदा महिला सलवार सूट पहन लेती थी। उसे फैशनेबल घोषित कर दिया जाता था। ये भी अब पुरानी बात हो गई। और आज उसकी जगह पैंट,शर्ट तथा टी-शर्ट ने ले ली है।

जो शर्ट पैंट युवकों तथा पुरूषों की ड्रेंस हुआ करता था,अब वह युवतियों एवं महिलाओं का डे्रेस लगभग बन गया। इस संबंध में एक व्यावसायिक कंपनी ने एक सर्वेक्षण करवाया था। जिसके नतीजे से यह स्पष्टï होता है कि भारत में पैंट शर्ट युवतियों की पहली पसंद बन गया है। इसमें जींस और टी-शर्ट भी शामिल है। एक व्यावसायिक कंपनी जो लेडिज गारमेंट के व्यवसाय में लगी हुई है। इस परिवर्तन का नतीजा है कि बाजारों में पोशाकों के विदेशी ब्रांडों की धूम मची हुई है। पैंट शर्ट की इस भीड़ में दूसरे परिधान कहीं खो से गए है।

आप किसी भी महाविद्यालय में चले जाएंगे तो आप को दूसरे परिधन नजर नहीं आयेंगे। और आज स्थिति यह है कि हर वक्त पहने जाने वाले सलवार सूट और साड़ी को आज की औरतों ने खास मौके पर पहने जाने वाली ड्रेंस बना दिया। पिछले एक वर्ष के दौरान पैंट शर्ट के कारोबार में लगभग 30-35 प्रतिशत की वृद्घि हुई है। वैसे भी लडक़े-लड़कियों की ड्रेस में अब थोड़े बहुत का ही अंतर रह गया है।

पैंट तो लगभग एक जैसा ही हैं थोड़ा डिजाइन का फर्क है,जब कि युवक-युवतियों के मुकाबले थोड़ी लंबी शर्ट पहनते हैं। आज के दिन कम से कम बड़े शहरों में तो पैंट,टॉप टी शर्ट वगैरह ने सलवार कुर्ते को युवा वर्ग के बीच पछाड़ ही दिया है। आखिर क्या वजह है कि परंपरागत रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले साड़ी और सलवार कमीज को पैंट शर्ट के आगे घुटने टेकने पड़े हैं?


दिल्ली विश्वविद्यालय में पढऩे वाली शालिनी कहती है कि उन्होंने पैंट शर्ट को इस लिए अपनाया क्यों कि यह आरामदायक तो है ही साथ-साथ इसकी वजह से लुक में भी स्मार्टनेस आती है। एक अन्य छात्रा का कहना है था कि वह जानती है कि उसकी फीगर बहुत अच्छी है और दूसरे परिधानों के मुकाबले वह जींस और टॉप में बेहतर ढंग से उभरकर आती है।एक कॉल सेंटर में काम करने वाली सुनीता का कहना है कि इस पहनावे से उसे आत्मनिर्भरता एवं आत्मविश्वास से परिपूर्ण होने का एहसास होता है।

आज मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव या फिर किसी भी तरह के शो बिजनेस से जूड़ी हुई युवतियों ने पैंट शर्ट को अपना लिया है। फिल्मों एवं धारावाहिकों के साथ-साथ हाल के वर्षेां में भारत आई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की वजह से यह पहनावा लोक प्रिय हुआ है। आज समाज के उच्च वर्ग के बीच तो यह पहनावा बहुत पहले से ही लोकप्रिय था,लेकिन मध्यम वर्गीय युवतियां,अगर बहुत आधुनिक विचारों की होती थीं तब इन्हें घर के अंदर पहन लिया करती थीं।


लेकिन अब ऐसा नहीं है। पैंट शर्ट पहनकर बसों से यात्रा करती युवतियां इस बात की गवाही दे रही है कि पहनावे का यह चलन मध्यम वर्ग में भी अच्छा लोक प्रिय हो चुका है। पिछले वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में लड़कियों के लिए डे्रंस कोड लागू करने की बात हुई थी। काफी लोग कहते थे कि इस डे्रंस के कारण घटनाएं होती है। लेकिन यह बताने के लिए जरूरी नहीं है कि संस्कृति के नाम पर आप किसी को भी एक दायरे में बाध नहीं सकते।

आज की आधुनिक औरते अगर अपने को बहन जी नहीं,बल्कि मैडम जी कहलाना चाह रही है तो फिर औरों को आपत्ति क्यों है। अगर युवतियों को,महिलाओं को पैंट शर्ट सुविधानजक लग रहा है तो उन्हें पूरा हक है इस परिधान को धारण करने का,फिर फैशन तो बदलता ही रहता है। कभी कोई पहनावा हिट तो कभी कोई। फिल हाल तो महिलाओं एवं युवतियों के बीच नंबर वन पर जींस,टॉप,पैंट टी-शर्ट वगैरह है ही।

सोनी राय
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