सर्दियों के मौसम में हृदय गति रुकने के मामलों की रोकथाम के लिए किया जागरूक

सर्दी के मौसम के अतिरिक्त वायु प्रदूषण में हाल के दिनों में हुई वृद्धि भी हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन रही है जिसमें कई लोगों की शराब पीने, धूम्रपान करने और पार्टिकुलेट मैटर जैसी आदतों वाली जीवनशैली भी आम जनता के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि सर्दियों का मौसम उच्च नमी वाली सामग्री के कारण हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ने के लिए जाना जाता है।

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश: सर्दियों के मौसम में वैश्विक स्तर पर हृदय गति रुकने के मामलों में खतरनाक इजाफा हुआ है और इस बीमारी को लेकर लोगों को बहुत कम जानकारी है। आम जनता के बीच बीमारी के साथ ही इसकी रोकथाम के उपाय को लेकर भी काफी कम जागरुकता है। अभी भी इसे लेकर जागरुकता बढ़ाए जाने की जरूरत है, अत्यंत महत्वपूर्ण है। सर्दी का मौसम दिल का दौरा पड़ने के साथ ही हृदय से जुड़ी समस्याओं के उच्च जोखिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि कम तापमान के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती है जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और शरीर के अंदर सर्कुलेशन कम हो जाता है जो हृदय पर दबाव डालता है।
सर्दी के मौसम के अतिरिक्त वायु प्रदूषण में हाल के दिनों में हुई वृद्धि भी हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन रही है जिसमें कई लोगों की शराब पीने, धूम्रपान करने और पार्टिकुलेट मैटर जैसी आदतों वाली जीवनशैली भी आम जनता के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि सर्दियों का मौसम उच्च नमी वाली सामग्री के कारण हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ने के लिए जाना जाता है। इसे लेकर मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज के सीनियर डायरेक्टर डॉ. मनोज कुमार ने कहा, “वायु प्रदूषण वाले तत्व प्रो इंफ्लेमेटरी या ऑक्सीडेटिव तनाव प्रतिक्रिया और प्रत्यक्ष पारगमन के जरिए ऊतक में हानिकारक यौगिकों के माध्यम से दिल और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करते हैं। इन फैक्टर्स के अलावा भारत मधुमेह की राजधानी है जिसके अधिकतर मरीजों को साइलेंट हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं होती हैं। डायबिटीज हार्ट फेलियर के खतरे को दोगुना कर देने के लिए जाना जाता है और इसे अक्सर उच्च रक्त दाब से भी जोड़ा जाता है। एक अध्ययन में ये सामने आया था कि मधुमेह पीड़ित दिल के मरीज के उस व्यक्ति की तुलना में मरने का खतरा दोगुना रहता है जिसे मधुमेह नहीं है।”
सर्दियों के मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ने, अव्यवस्थित कोगुलेशन तंत्र, खराब एंडोथेलियल कार्य और विटामिन डी 3 की कमी के साथ-साथ सर्दियों के मौसम में खानपान की खराब आदतों के कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि होती है। इसकी रोकथाम के उपाय बताते हुए डॉक्टर कुमार ने कहा, “अच्छी और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें जैसे फल, सब्जियों का सेवन करें जबकि रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और मधुमेह के स्तर को मेंटेन रखें। इससे ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है. यह भी महत्वपूर्ण है कि धूम्रपान से बचें और अच्छे स्वास्थ्य को मेंटेन करने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें और हार्ट अटैक के किसी भी तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत एंबुलेंस मंगवाएं। सीने में बेचौनी, फुलनेस या बांहों तक पहुंचने वाले दर्द को नजरअंदाज कभी नहीं करें, हमेशा मदद लें।

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