महंगाई की मार में होली के रंग भी फीके! इस कविता में पढ़ें कैसे बढ़ती कीमतों…
Tag: रौनक द्विवेदी
वोट खातिर जोत देले बा खेत खलिहान
वोट खातिर जोत देले बा खेत खलिहान। अपना देश के नेता लोग महान। गांवे-गांवे घुमत बा…
ट्रेनवा में भीड़ भइल बा
सोचले रहनी एह बार हम गांवे जाइबधूमधाम से सबके साथे छठ मनाइब। बाकी टूट गइल देखल…
हिंसा को ना बनाओ यारों जीवन का हिस्सा।
हिंसा को ना बनाओ यारों जीवन का हिस्सा। वर्ना बिखर जाओगे जैसे टूट कर शीशा। हिंसा…