इन्तजार 

उस दिन मै सुबह- सुबह घर के बाहर आ कर बैठा ही था कि एक वयोवृद्ध…

कामचोरों का भय

लगभग पच्चीस साल पुरानी बात है। एक परिचित मेरे  आफिस आए। बोले, "मेरे पानी का बिल…

गिरगिट

वरिष्ठ पत्रकार दीनदयाल जी के पास एक पड़ौसन आईं और बोली, सर आपसे एक मदद चाहिए।…

अंधविश्वास 

उस दिन मै सुबह सुबह आफिस पहुंच गया। दरवाजे पर चौकीदार गणेश मिल गया। वह कुर्सी…

चार धाम की यात्रा 

अनुज आफिस से घर आया तो बहुत खुश था। वह पत्नी वन्दिनी से बोला, "बधाई हो।…

बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देगी डॉ.सविता मिश्रा मागधी की कहानी बस एक चाहत!

कोहरे के कारण लेट ट्रेन थी. प्लेटफार्म लगभग सूना सा हो गया था. इस बार महेशजी…

गंदी सोच का चश्मा

रामनाथजी बरामदे में बैठे धूप का आनन्द ले रहे थे। आज सर्दी कुछ ज्यादा ही थी।…

Translate »