अलीगढ़: भारत सरकार द्वारा आम नागरिकों को सेव वाटर के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 20 नवंबर से 25 नवंबर तक अमृत 2.0 के तहत शुरू किए गए अमृत मंथन अभियान को छोटे-छोटे बच्चों के बीच में चलने के निर्देश दिए है। अमृत मंथन कार्यक्रम को छोटे-छोटे बच्चों के साथ जन आंदोलन के रूप में चलाने के लिए नगर आयुक्त के निर्देश पर नगरीय क्षेत्र के लगभग 100 प्राथमिक विद्यालयों और पब्लिक स्कूलों को नगर निगम ने चिन्हित किया है जिसमें नगर निगम के जलकल विभाग के अधिकारी और स्टाफ पहुंचकर बच्चों को जल है तो जीवन है और पानी को कैसे बचाएं के बारे में शिक्षा दे रहे हैं।
नगर आयुक्त अमित आसेरी ने इस अभियान को व्यापक और जन सहभागिता के साथ स्कूलों में चलाने के लिए अपर नगर आयुक्त ऋतु पूनिया को नोडल अधिकारी नामित किया है।
नगर आयुक्त अमित आसेरी ने कहा भारत सरकार का अमृत मंथन अभियान सेव वाटर और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एक बेहतरीन अभियान है नगर निगम का प्रयास नन्हे मुन्ने बच्चों के माध्यम से पानी की बर्बादी को रोकने के लिए उनके घर परिवार वालों को जागरूक करने का है इस अभियान को व्यापक जनसहभागिता के साथ नगर में चलाया जा रहा है।
मंगलवार को अपर नगर आयुक्त ऋतु पूनिया के नेतृत्व में विजडम पब्लिक स्कूल और महाप्रबंधक जल अनवर ख्वाजा लक्ष्मण सिंह के नेतृत्व में शहर के कई प्राथमिक विद्यालयों में अमृत मंथन अभियान चलाया गया।
विजडम पब्लिक स्कूल में अपर नगर आयुक्त ने बच्चों को पानी की बर्बादी रोकने घर में कम से कम पानी का इस्तेमाल करने, हाथ कपड़े धोने और नहाते वक्त पानी का कम इस्तेमाल करने के साथ-साथ जागरूकता वीडियो के माध्यम से बच्चों को सेव वाटर के बारे में बताया अन्य मुन्ने बच्चों से कई सवाल पूछे। अपर नगर आयुक्त ने नन्हे मुन्ने बच्चों से अपने घर पर जाकर माता-पिता को इस बारे में बताने और स्कूल को सेव वाटर पर महीने में एक दिन कार्यशाला आयोजित करने के बारे में कहा।
उन्होंने कहा की “जल ही जीवन है” जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है…
“जल है तो कल है”, बावजूद इसके जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है।
अपर नगर आयुक्त ने बताया हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमुल्य संसाधन है जल, या यूं कहें कि यही सभी सजीवो के जीने का आधार है जल।
महाप्रबंधक जल अनवर ख्वाजा ने बताया शुद्ध पेयजल की अनुपलब्धता और संबंधित ढेरों समस्याओं को जानने के बावजूद देश की बढ़ती आबादी जल संरक्षण के प्रति सचेत नहीं है। जहां लोगों को मुश्किल से पानी मिलता है, वहां लोग जल की महत्ता को समझ रहे हैं, लेकिन जिसे बिना किसी परेशानी के जल मिल रहा है, वे ही बेपरवाह नजर आ रहे हैं। आज भी शहरों में फर्श चमकाने, गाड़ी धोने और गैर-जरुरी कार्यों में पानी को निर्ममतापूर्वक बहाया जाता इस दिशा में अगर त्वरित कदम उठाते हुए सार्थक पहल की जाए तो स्थिति बहुत हद तक नियंत्रण में रखी जा सकती है, अन्यथा अगले कुछ वर्ष हम सबके लिए चुनौतिपूर्ण साबित होंगे।