प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में वीर बाल दिवस कार्यक्रम में भाग लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। तीसरे वीर बाल दिवस आयोजन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने साहिबजादों की अद्वितीय वीरता और बलिदान की याद में वीर बाल दिवस की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह दिन अब करोड़ों भारतीयों के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है और इस दिन ने कई बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस के लिए प्रेरित किया है। श्री मोदी ने वीरता, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल और कला के क्षेत्र में आज वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित किए गए 17 बच्चों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के पुरस्कार विजेता भारत के बच्चों और युवाओं की विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गुरुओं और वीर साहिबजादों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों को बधाई भी दी।

वीर साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज के युवाओं के लिए उनकी वीरता की गाथा को जानना आवश्यक है और इसलिए उन घटनाओं को याद करना भीआवश्यक है। उन्होंने कहा कि तीन शताब्दी पहले आज ही के दिन वीर साहिबजादों ने बाल्यवस्था में अपने प्राणों की आहुति दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि साहिब जोरावर सिंह और साहिब फतेह सिंहमें बाल्यवस्था में ही अपार साहस था। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के सभी प्रलोभनों को ठुकरा दिया, सभी अत्याचारों को सहन किया और वजीर खान द्वारा दिए गए मृत्यु दंड को पूरी बहादुरी के साथ स्वीकार किया। श्री मोदी ने कहा कि साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता की याद दिलाई और यह वीरता हमारी आस्था की आध्यात्मिक ताकत थी।

उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति देने का विकल्प चुना और आस्था के मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वीर बाल दिवस हमें सिखाता है कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, राष्ट्र और राष्ट्रहित से बड़ा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, “देश के लिए किया गया हर काम वीरता का कार्य है और देश के लिए जीने वाला हर बच्चा और युवा वीर बालक है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “इस वर्ष का वीर बाल दिवस और भी विशेष है, क्योंकि यह भारतीय गणतंत्र और हमारे संविधान की स्थापना का 75वां वर्ष है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संविधान के इस 75वें वर्ष में देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए काम करने के लिए वीर साहिबजादों से प्रेरणा ले रहा है। श्री मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत के मजबूत लोकतंत्र को इस बात पर गर्व है कि यह दिन साहिबजादों की बहादुरी और बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान की ओर प्रेरित करता है। श्री मोदी ने कहा, “संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई छोटा या बड़ा नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत हमारे गुरुओं की शिक्षाओं के अनुरूप है, जिन्होंने सभी के कल्याण की वकालत की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि साहिबजादों का जीवन हमें राष्ट्र की अखंडता और आदर्शों से समझौता न करने की शिक्षा देता है और इसी तरह, संविधान भारत की संप्रभुता और अखंडता के सिद्धांत को कायम रखता है। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र की विशालता गुरुओं की शिक्षाओं, साहिबजादों के बलिदान और राष्ट्रीय एकता के मंत्र का प्रतीक है।

श्री मोदी ने कहा, “अतीत से लेकर आज तक युवाओं की ऊर्जा ने भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 21वीं सदी के आंदोलनों तक, भारतीय युवाओं ने हर क्रांति में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि युवा शक्ति के कारण ही दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीदों से देखती है। उन्होंने कहा कि आज स्टार्ट-अप से लेकर विज्ञान, खेल से लेकर उद्यमिता तक, युवा शक्ति नई क्रांतियों को जन्म दे रही है इसलिएसरकार की नीतियों में सबसे बड़ा फोकस युवाओं को सशक्त बनाने को लेकर है। उन्होंने कहा कि सभी नीतियां, चाहे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के लिए हों, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए हों, खेल और फिटनेस क्षेत्र, फिनटेक और विनिर्माण उद्योग, या कौशल विकास और इंटर्नशिप योजनाओं के लिए हों, सब युवा पर केंद्रित हैं और इनका उद्देश्य युवाओं को लाभान्वित करना है। उन्होंने आगे बताया कि देश के विकास से जुड़े हर क्षेत्र में युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं और उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास को सरकार की ओर से समर्थन मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज तेजी से बदलती दुनिया में नई जरूरतें, उम्मीदें और भविष्य की दिशाएं उभररही हैं। उन्होंने पारंपरिक सॉफ्टवेयर से ए. आई. की ओर बदलाव और मशीन लर्निंग के दौर को देखते हुए हमारे युवाओं को भविष्योन्मुखी बनाने के महत्व पर जोर दिया। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ बहुत पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी, जिसने शिक्षा को आधुनिक बनाया और सीखने के लिए खुले अवसर प्रदान किये। उन्होंने बताया कि युवा बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि ‘मेरा युवा भारत’ अभियान का उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक अवसर प्रदान करना, युवाओं में समाज के प्रति कर्तव्य की भावना को बढ़ाना है।

फिट रहने के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ युवा एक सक्षम राष्ट्र का नेतृत्व करेगा, श्री मोदी ने कहा कि ‘फिट इंडिया’ और ‘खेलो इंडिया’ पहलों का उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ शुरू करने की घोषणा की, जो कुपोषण को खत्म करने और विकसित भारत का आधार बनाने के लिए ग्राम पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “वीर बाल दिवस हमें प्रेरणा से भर देता है और हमें नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब हमारा मानक सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपने-अपने क्षेत्रों को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा, “अगर हम बुनियादी ढांचे पर काम करते हैं, तो हमारी सड़कें, रेल नेटवर्क और हवाई अड्डे का बुनियादी ढांचा दुनिया में सबसे अच्छा होना चाहिए। अगर हम विनिर्माण पर काम करते हैं, तो हमारे सेमी कंडक्टरस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो वाहन वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ होने चाहिए। अगर हम पर्यटन में काम करते हैं, तो हमारे गंतव्य, यात्रा सुविधाएं और आतिथ्य सर्वश्रेष्ठ होने चाहिए। अगर हम अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करते हैं, तो हमारे उपग्रह, नेविगेशन तकनीक और खगोल विज्ञान अनुसंधान सर्वश्रेष्ठ होने चाहिए।” प्रधान मंत्री ने कहा कि ऐसे उच्च लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा साहिबजादों की बहादुरी से मिलती है। उन्होंने कहा कि बड़े लक्ष्य अब हमारे संकल्प हैं और देश को अपने युवाओं की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि भारत के युवा, जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं, आधुनिक दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए नवाचार कर सकते हैं और हर प्रमुख देश और क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित कर सकते हैं, नए अवसर मिलने पर अपने देश के लिए कुछ भी हासिल कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है और आत्मनिर्भर भारत की सफलता निश्चित है।

श्री मोदी ने कहा कि हर युग में देश के युवाओं को देश की नियति बदलने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय युवाओं ने विदेशी सत्ता  के अहंकार को तोड़कर अपने लक्ष्य हासिल किए, जबकि आज युवाओं के सामने विकसित भारत का लक्ष्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों में तीव्र विकास की नींव रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने युवाओं से समय का अधिकतम लाभ उठाने, हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और देश को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। जिनके परिवार कभी सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं रहे ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने के अपने विजन के बारें में बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह पहल अगले 25 वर्षों के लिए महत्वपूर्ण है और युवाओं को राजनीति में नई पीढ़ी लाने के इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री मोदी ने घोषणा की कि अगले साल की शुरुआत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर के गांवों, कस्बों और शहरों से लाखों युवा इसमें भाग लेंगे और विकसित भारत के विजन और रोडमैप पर चर्चा करेंगे।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाला दशक, खास तौर पर अगले पांच साल अमृत काल के 25 साल के संकल्पों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने देश की संपूर्ण युवा शक्ति का दोहन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि युवाओं का समर्थन, सहयोग और ऊर्जा भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने गुरुओं, वीर साहिबजादों और माता गुजरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने संबोधन का समापन किया।

कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद थीं।

पृष्ठभूमि

वीर बाल दिवस भारत के भविष्य की नींव के रूप में बच्चों का सम्मान करने वाला एक राष्ट्रव्यापी उत्सव है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का उद्देश्य पोषण सम्बंधी सेवाओं के कार्यान्वयन को मजबूत करके और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करके पोषण परिणामों और कल्याण में सुधार करना है।

युवाओं को जोड़ने, इस दिवस के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और राष्ट्र के प्रति साहस और समर्पण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश भर में विभिन्न पहल भी की जाएंगी। माय गोव और माय भारत पोर्टल के माध्यम से इंटरैक्टिव क्विज़ सहित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। स्कूलों, बाल देखभाल संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में कहानी सुनाना, रचनात्मक लेखन, पोस्टर बनाने जैसी रोचक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) के विजेता भी मौजूद थे।

वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

भारत माता की जय! 

भारत माता की जय! 

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों, 

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों, 

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है। 

साथियों, 

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है। 

साथियों, 

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है। 

मेरे युवा दोस्तों, 

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है। 

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है। 

साथियों, 

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है। 

साथियों, 

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी। 

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !

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