आईआईएसएफ 2024 में भारत के लिए विज्ञान-आधारित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की गई

आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित 10वां भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 30 नवंबर से शुरू हुआ और 4 दिसंबर, 2024 को समाप्त होगा। इस 4 दिवसीय बड़े विज्ञान महोत्सव में 24 विभिन्न कार्यक्रम हुए, जिनमें 7000 प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में छात्रों सहित 45000 लोगों ने भाग लिया।

चांद की प्रतिकृति ने सुर्खियां बटोरी और लोगों का ध्‍यान आकर्षित किया। यह आईआईटी गुवाहाटी में स्थापित चंद्रमा की एक विशाल 10 मीटर ऊंची ‘वास्तविक सतह’ प्रतिकृति है, जो अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की प्रगति को दिखाती है।

इस वर्ष कुछ नए कार्यक्रम जोड़े गए। सागरिका-पृथ्वी विज्ञान की कहानी, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, इसका उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मौसम विज्ञान, समुद्र विज्ञान, इकोसिस्‍टम आदि के बारे में लोगों को शिक्षित करना और उनसे जोड़ना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, आईआईएसएफ पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर लोगों में जागरूकता बढ़ाना चाहता है।

साइंस बियॉन्ड बॉर्डर्स – इसका उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और संस्थानों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग, साझेदारी और संवाद के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

फ्यूजन फोरम-परमाणु सम्मेलन कार्यक्रम में भारत में परमाणु ऊर्जा के कार्यान्वयन में वर्तमान परिप्रेक्ष्य, भविष्य के लाभ और विभिन्न क्षेत्रों-विद्युत उत्पादन, परमाणु चिकित्सा, कृषि, योगात्मक विनिर्माण आदि-के लिए चुनौतियों पर चर्चा की गई।

एक अन्य आकर्षक कार्यक्रम साइंस क्रॉनिकल्स की गाथा थी, जिसमें एलईडी लाइट शो के माध्यम से भारतीय विज्ञान और वैज्ञानिकों के इतिहास और हालिया विकास को बताया गया। यह शो आईआईएसएफ 2024 के प्रत्येक दिन शाम 7:30 बजे से 9:30 बजे के बीच आयोजित किया गया।

पूर्वोत्तर के विज्ञान ओडिसी जैसे आयोजनों में पूर्वोत्तर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में बाधा डालने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया तथा पूर्वोत्तर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की गई।

द टेस्ट ऑफ द हिल्स-नॉर्थ ईस्ट फूड स्ट्रीट ने नॉर्थ ईस्ट की खाद्य विरासत को प्रदर्शित किया और लोगों को उनके पारंपरिक खाद्य पदार्थों का आनंद लेने का मौका दिया। फूडस्ट्रीट पूरे आईआईएसएफ 2024 के दौरान खुली रही।

आईआईएसएफ 2024 में दो महत्वपूर्ण आयोजनों में प्रभावी विज्ञान संचार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया रणनीतियों पर चर्चा की गई: पहला विज्ञानिका और दूसरा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव। विज्ञानिका कार्यक्रम ने आम जनता तक सरल भाषा में विज्ञान का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (NIScPR) द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विज्ञान संचारकों, वैज्ञानिकों, पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों के बीच की दूरी को मिटाना था।

आईआईएसएफ 2024 का समापन, समापन समारोह के साथ हुआ, जिसमें कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक और सीएसआईआर-एनआईआईएसटी के निदेशक डॉ. सी. आनंदधर्मा कृष्णन ने सभी संयोजकों, समन्वय प्रयोगशालाओं, विज्ञान भारती, छात्र स्वयंसेवकों और प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया।

अपने अध्यक्षीय भाषण में, सीएसआईआर की महानिदेशक और आईआईएसएफ 2024 की संचालन समिति की अध्यक्ष डॉ. एन. कलैसेलवी ने कहा- “हमने इस आईआईएसएफ 2024 में पूर्वोत्तर की गतिविधियों पर केंद्रित एक कार्ययोजना विकसित की है,” और घोषणा की कि एसएंडटी हैकथॉन के विजेताओं को सीएसआईआर से समर्थन प्राप्त होगा।

मुख्य अतिथि श्री केशव महंत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन मंत्री, असम सरकार ने राष्ट्र के विकास को गति देने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व पर बल दिया।

श्री महंत ने कहा- “हम विज्ञान संचार के लिए एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं, जिसमें 219 विकास जिलों में विज्ञान केंद्र स्थापित करना शामिल है। गुवाहाटी में जल्द ही एक विज्ञान शहर होगा। आईआईएसएफ ने हमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में वैज्ञानिक विकास को प्रदर्शित करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान किया है।”

आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित आईआईएसएफ 2024 के समापन पर संस्थान के निदेशक प्रो. देवेंद्र जलिहाल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आईआईएसएफ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एकजुटता और सशक्तिकरण की क्षमता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। आईआईएसएफ की विरासत ऐसे ठोस परिणामों पर निर्भर करेगी जो समुदाय को समाधान प्रदान करें और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दें।

Loading

Translate »