दिल्ली में सियासी पारा इस सर्दी के बीच चरम पर है। राष्ट्रीय राजधानी 5 फरवरी (बुधवार) को एक ही चरण में मतदान करेगी, जबकि नतीजे 8 फरवरी (शनिवार) को घोषित किए जाएंगे। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। इसी दिन उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर और तमिलनाडु के एरोड (ईस्ट) में उपचुनाव भी होंगे।
चुनाव आयोग के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली अरविंद केजरीवाल की AAP इस बार हैट्रिक लगाने की कोशिश में है। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी पार्टी के लिए यह एक प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। दूसरी ओर, BJP, जो पिछले दो चुनावों में सिर्फ सिंगल डिजिट सीटों तक सिमट गई थी, 26 साल बाद सत्ता में वापसी का सपना देख रही है। वहीं, कांग्रेस, जिसने दिल्ली पर 15 साल तक राज किया था, इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है।
AAP की प्रतिष्ठा दांव पर
इस चुनाव को सभी तीन पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा है। पिछले साल, शराब नीति मामले में जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और जनता से समर्थन मिलने के बाद वापसी का दावा किया था। इस बार AAP महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं के सहारे चुनाव मैदान में है।
इसके अलावा, पार्टी ने बीजेपी के “चुनावी हिंदू” के आरोपों को काटने के लिए “सॉफ्ट हिंदुत्व” का सहारा लिया है। AAP ने मंदिर पुजारियों और गुरुद्वारा ग्रंथियों को ₹18,000 मासिक वेतन देने का वादा किया है।
BJP का ‘आपदा’ हमला
बीजेपी ने AAP पर जोरदार हमले के लिए ‘आपदा’ शब्द गढ़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते कहा, “आपदा को हटाना है, बीजेपी को लाना है।”
केंद्र सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों द्वारा केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी ने बीजेपी और कांग्रेस को AAP पर हमला करने का बड़ा मुद्दा दे दिया है।
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री के बंगले की “शानदार सजावट” को लेकर सवाल उठाए हैं, जिसे विपक्ष ने ‘शीशमहल’ करार दिया है। बीजेपी के लिए यह मुद्दा भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का केंद्र बना हुआ है।
कांग्रेस का धीमा अभियान
जहां AAP और BJP ने अपनी प्रचार गति तेज कर दी है, कांग्रेस अब भी अपनी रणनीति तय करती दिख रही है। सोमवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने ‘प्यारी दीदी योजना’ लॉन्च की, जिसमें दिल्ली की पात्र महिलाओं को ₹2,500 मासिक देने का वादा किया गया है। इसे AAP की महिला सम्मान योजना का जवाब माना जा रहा है।
इस सर्द मौसम में दिल्ली की सियासत का पारा तेजी से चढ़ रहा है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच यह लड़ाई हाई-वोल्टेज होने जा रही है, और जनता की नजरें 8 फरवरी को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं।