इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 7 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में शिकायत अपील समिति (जीएसी) पर एक कार्यशाला आयोजित की। इस आयोजन का उद्देश्य सुरक्षित इंटरनेट को लेकर हितधारकों की चिंताओं को दूर करना था। इस कार्यक्रम में उपस्थित जीएसी के सदस्य, सोशल मीडिया मध्यस्थ और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत शिकायत निवारण ढांचे को मजबूत बनाने पर चर्चा की।
सरकार ने सोशल मीडिया मध्यस्थों से आग्रह किया कि वे शिकायत अधिकारियों के प्रति जनता का विश्वास बनाने के लिए फर्जी सामग्री के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करें। इस बात पर भी बल दिया गया कि जीएसी को समस्याओं का तुरंत हल करने के लिए कुशलतापूर्वक काम करना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उपयोगकर्ता सुरक्षित तरीके से और आत्मविश्वास के साथ इंटरनेट का उपयोग कर सकें।
शिकायतों का कुशलतापूर्वक समाधान से ही व्यवस्था में विश्वास बनता है
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर जोर दिया कि जीएसी को समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए एक त्वरित शिकायत निवारण प्रक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए क्योंकि तंत्र में विश्वास तभी स्थापित होता है जब शिकायतों का कुशलतापूर्वक समाधान किया जाता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि संभावित मुद्दों की पहचान करने और प्रभावी समाधान खोजने के लिए अपीलीय प्राधिकरण और नियामक ढांचे के बीच नियमित संपर्क महत्वपूर्ण है और इससे अंततः हितधारकों का ही लाभ होगा।
बढ़ती जागरूकता के कारण अधिक लोग शिकायत निवारण मंच का उपयोग करने लगे हैं
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार ने उपयोगकर्ता-केंद्रित शिकायत निवारण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शिकायत अपील समितियों (जीएसी) द्वारा अपीलीय स्तर पर प्राप्त शिकायतों की संख्या शुरू में सीमित थी लेकिन अब इसमें उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो मुख्य रूप से लोगों में जागरूकता के कारण संभव हुआ है।
लोगों को शिकायत निवारण तंत्रों के बारे में अधिक जानकारी हो गई है और इसलिए वे अपनी चिंताओं के समाधान के लिए तेजी से इन प्लेटफार्मों तक पहुंच रहे हैं।
शिकायत अपील समिति (जीएसी) के बारे में
जीएसी की स्थापना सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत की गई थी जो इंटरनेट को सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेही बनाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। जनवरी 2023 से शुरू होने के बाद से जीएसी, मध्यस्थों के शिकायत अधिकारियों के निर्णयों से नाखुश उपयोगकर्ताओं के लिए एक ऑनलाइन विवाद समाधान तंत्र प्रदान करता आ रहा है। जीएसी, अपीलों को शीघ्रता से हल करने का प्रयास करता है और शिकायत प्राप्ति की तारीख से तीस दिनों के भीतर इनका समाधान करने का उद्देश्य रहता है।
वर्तमान में, तीन जीएसी गठित की गई हैं। इनमें एक-एक अध्यक्ष और दो-दो पूर्णकालिक सदस्य हैं, जिन्हें शिकायतों की समीक्षा और निर्णय करने, अपीलों का निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है।
जीएसी अपने समर्पित वेब पोर्टल (https://gac.gov.in) के माध्यम से डिजिटल रूप से संचालित होता है और इसके माध्यम से उपयोगकर्ता निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
- ऑनलाइन अपील दायर करना
- अपील की स्थिति किस चरण में, इस पर नज़र रखना और
- अपनी शिकायतों के संबंध में समय पर अपडेट प्राप्त करना
यह मंच अपीलकर्ताओं और समिति के बीच निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करता है तथा उपयोगकर्ताओं के अनुकूल और कुशल निवारण प्रक्रिया प्रदान करता है।
जीएसी की प्रमुख उपलब्धियां
- अब तक 2,322 से अधिक अपीलें प्राप्त हुईं, जिनमें से 2,081 का निपटारा हो चुका है।
- 1,214 आदेशों के माध्यम से 980 अपीलों पर राहत प्रदान की गई।
- दूसरे वर्ष में प्रति माह औसतन 300 से अधिक अपीलें प्राप्त हुईं, जो पहले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है।
- इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 10,000 उपयोगकर्ताओं ने पंजीकरण कराया, जो बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
- डिजिटल मध्यस्थों द्वारा जीएसी आदेशों का सक्रिय अनुपालन, जिससे जवाबदेही में वृद्धि होगी।
डिजिटल इंडिया पहल के तहत जीएसी, देश के प्रयासों की वह आधारशिला है जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित, संरक्षित और समावेशी डिजिटल वातावरण बनाना है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस ढांचे को मजबूत करने और लोगों के अधिकारों तथा हितों को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है।