प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ मेले की शुरुआत कल सुबह हुई, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर पहले पवित्र स्नान के लिए 50 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम माने जाने वाला कुंभ मेला, इस बार 12 वर्षों के बाद आयोजित हो रहा है। करीब 4,000 हेक्टेयर में फैले इस आयोजन में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो अमेरिका और रूस की जनसंख्या से भी अधिक है। यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती देने की संभावना है। राज्य ने इस 45 दिन लंबे मेगा इवेंट के लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
महाकुंभ से होगा 2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न
माना जा रहा है कि महाकुंभ 2025 उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान देगा। आंकड़ों के अनुसार, यदि 40 करोड़ श्रद्धालु औसतन 5,000 रुपये खर्च करते हैं, तो यह राजस्व उत्पन्न हो सकता है।
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार, यदि प्रति व्यक्ति खर्च 10,000 रुपये तक बढ़ता है, तो कुल आर्थिक प्रभाव 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इस आयोजन से राज्य की नाममात्र और वास्तविक जीडीपी में 1% से अधिक की वृद्धि का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2019 में आयोजित प्रयागराज का अर्धकुंभ मेला राज्य की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे चुका है।
व्यापार और उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार:
- खाद्य और पेय पदार्थ: 20,000 करोड़ रुपये।
- धार्मिक सामग्री: दीपक, गंगाजल, मूर्तियां और धार्मिक पुस्तकों से 20,000 करोड़ रुपये।
- परिवहन और लॉजिस्टिक्स: 10,000 करोड़ रुपये।
- पर्यटन सेवाएं: टूर गाइड और ट्रैवल पैकेज से 10,000 करोड़ रुपये।
- आयुर्वेद और दवाएं: 3,000 करोड़ रुपये।
- डिजिटल सेवाएं: 1,000 करोड़ रुपये।
- मनोरंजन और विज्ञापन: 10,000 करोड़ रुपये।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ की शुरुआत को “करोड़ों भारतीयों के लिए एक विशेष दिन” बताया।
उन्होंने कहा, “महाकुंभ भारत की सदियों पुरानी आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। मैं सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को शुभकामनाएं देता हूं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे “धर्म और आधुनिकता के संगम” का उत्सव बताया और कहा, “यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है।”
महाकुंभ की खास बातें
हर 12 साल में आयोजित होने वाला कुंभ मेला भारत के चार पवित्र स्थलों – हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में होता है।
इस साल के प्रमुख स्नान तिथियां:
- 14 जनवरी (मकर संक्रांति): पहला शाही स्नान।
- 29 जनवरी (मौनी अमावस्या): दूसरा शाही स्नान।
- 3 फरवरी (बसंत पंचमी): तीसरा शाही स्नान।
- 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा): पवित्र स्नान।
- 26 फरवरी (महाशिवरात्रि): अंतिम स्नान।
आयोजन की तैयारी
- 1,50,000 टेंट, 3,000 रसोई, 1,45,000 शौचालय और 99 पार्किंग स्थल।
- 40,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती।
- एआई तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी।
- भारतीय रेलवे ने 100 अतिरिक्त ट्रेनें चलाईं।
- विदेश से 15 लाख पर्यटकों के आने की संभावना।
पर्यटन मंत्रालय ने योग, आयुर्वेद और पंचकर्म के साथ एक टेंट सिटी तैयार की है।
महाकुंभ मेले के इस आयोजन से उत्तर प्रदेश को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी और देश की संस्कृति, आध्यात्म और आर्थिक प्रगति का संदेश दुनिया भर में जाएगा।