आगामी सी.बी.एस.ई. बोर्ड परीक्षा में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए अभीष्टतम सफलता की मंगल कामना हेतुु आज विद्यालय के इंद्रधनुष सभागार में ’’शुभकामना – 2025’’ का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें उनके शिक्षकों एवं कक्षा -11वीं के विद्यार्थियों ने उनकी आगामी सफलता एवं शैक्षणिक यात्रा के लिए शुभता की मंगल कामना की।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ले0 कर्नल पुष्पेन्द्र सिंह (कीर्ति चक्र विजेता) जी ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें स्वयं पर विश्वास रखने और हौसलों की उड़ान के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साथ ही साथ उन्होंने बाधाओं को कठिन परिश्रम के बल पर परास्त करते हुए आगे बढ़ाने की सीख दी और वर्तमान में भारतीय सेना के विविध आयामों एवं अवसरों के बारे में विस्तार से चर्चा की। संस्था सचिव श्री राहुल सिंह जी ने सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए कहा कि सफलता के शीर्ष पर जाने के लिए विद्यार्थी विद्यालय के संस्कारों को सदैव याद रखें और जीवन पथ पर सदैव आगे बढ़ते रहें।
आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कक्षा 11 के विद्यार्थियों ने एकल गीत, समूह गीत, समूह नृत्य तथा लघु नाटिका के माध्यम से ऐसा समा बांधा कि सभी हर्षपूरित होने के साथ-साथ भाव विभोर भी हो उठे। विगत कई वर्षों से विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए यह शुभकामना उनके जीवन की अविस्मरणीय स्मृतियों के रूप में उनके साथ सदैव जीवंत और अंकित रहेगी। इस वर्ष 40 से भी अधिक विद्यार्थियों को विविध क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने हेतु स्टार अवार्ड से नवाजा गया तथा गत वर्ष की भाँति 39 विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया।
संस्था निदेशिका डॉ0 वंदना सिंह जी ने विद्यार्थियों के लिए अपने संदेश में कहा कि जीवन के बढ़ते क्रम में वे सभी भ्रम एवं भटकाव से विचलित ना हो और सावधान रहते हुए संस्कारों के बीज को अपने भीतर जीवित रखे और एक ऐसे वृक्ष की शाखा के रूप में उभरे जिससे मानवता से पोषित समाज की संरचना की जा सके। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ0 नीलम सिंह जी ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, विशेष रूप से कौशल अभिक्षमता के संवर्धन हेतु उन्हें निर्देशित किया तथा उनके द्वारा अपने संस्कारों को चरित्र में ढ़ाल कर एक आर्दश समाज की परिकल्पना को साकार किये जाने पर विश्वास जताया। कार्यक्रम का संचालन कक्षा 11वीं की छात्राओं – अदिति चौबे, आर्या सिंह, पृथा सिंह एवं आकृति द्वारा किया गया।