प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ बुधवार को संपन्न हुआ, जिसमें 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम स्थल) में आस्था की डुबकी लगाई। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक आयोजन की सराहना करते हुए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रशासन और प्रयागराज के निवासियों की भव्य मेजबानी के लिए प्रशंसा की।

“महाकुंभ – एकता का महायज्ञ”
पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, “महाकुंभ का समापन हो चुका है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एकता का महायज्ञ था।” उन्होंने इस आयोजन को भारतीय संस्कृति और सभ्यता की अद्भुत शक्ति का प्रतीक बताया और कहा कि यह आयोजन पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बन चुका है।
उन्होंने कुंभ की भव्यता और विशाल जनसैलाब को देखकर कहा, “पूरी दुनिया हैरान है कि इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों लोग त्रिवेणी संगम के तट पर कैसे एकत्रित हो गए। न कोई औपचारिक निमंत्रण, न कोई तय समय, बस एक आस्था और भावना, जिसने उन्हें प्रयागराज तक खींच लाया।”
“अगर कोई कमी रह गई हो, तो क्षमा करें”
पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि इतने विशाल आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराना किसी चुनौती से कम नहीं था। उन्होंने मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करते हुए कहा, “अगर हमारी पूजा में कोई कमी रह गई हो, तो हमें क्षमा करें। यदि हम श्रद्धालुओं, जिन्हें मैं भगवान मानता हूं, की सेवा में किसी तरह की चूक कर बैठे हों, तो मैं उनसे भी क्षमा चाहता हूं।”
हालांकि, इस भव्य आयोजन के दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना भी घटी, जब भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई।
“स्नान की उमंग, श्रद्धालुओं की आस्था अद्वितीय”
पीएम मोदी ने कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था और भावनाओं को याद करते हुए कहा, “पिछले 45 दिनों में, मैंने हर दिन लाखों लोगों को संगम की ओर बढ़ते देखा। संगम में स्नान की भावना और श्रद्धा दिन-ब-दिन बढ़ती रही। हर भक्त का सिर्फ एक ही उद्देश्य था – ‘संगम में स्नान’।”
“भारत की युवा पीढ़ी हमारी संस्कृति को आगे बढ़ा रही”
पीएम मोदी ने यह भी खुशी जताई कि इस बार युवा पीढ़ी ने बड़ी संख्या में महाकुंभ में भाग लिया। उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि भारत के युवा अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
“योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ऐतिहासिक आयोजन”
प्रधानमंत्री मोदी ने योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व क्षमता की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश का सांसद होने के नाते, मुझे गर्व है कि योगी जी के नेतृत्व में सरकार, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस महाकुंभ को ऐतिहासिक सफलता दिलाई।”
इसके अलावा, उन्होंने सफाई कर्मचारियों, पुलिस बल, नाविकों, वाहन चालकों और रसोइयों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इन सभी की अथक मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को भव्य बनाया।
“इतिहास में दर्ज होगा यह महाकुंभ”
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार का कुंभ कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। “जो कुछ बीते दशकों में नहीं हुआ, वह इस बार हुआ। इसने आने वाले कई सदियों की नींव रख दी है।”
उन्होंने बताया कि 66 करोड़ श्रद्धालुओं का पहुंचना एक रिकॉर्ड है, और यह संख्या अमेरिका की कुल आबादी से लगभग दोगुनी है।
“संगम में डुबकी लगाने की दिव्यता अविस्मरणीय”
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के दौरान की गई अपनी संगम स्नान यात्रा (5 फरवरी) को याद करते हुए कहा कि “मैं वे दृश्य नहीं भूल सकता, जहां स्नान के बाद श्रद्धालुओं के चेहरे पर अपार संतोष और दिव्यता थी। चाहे महिलाएं हों, बुजुर्ग हों, या दिव्यांगजन – हर कोई किसी भी तरह संगम तक पहुंचने के लिए संकल्पित था।”
“एक नए युग की शुरुआत”
पीएम मोदी ने अंत में कहा कि “महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता और अध्यात्म का सबसे बड़ा उदाहरण है। इसने यह साबित कर दिया कि भारत अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा रहा है।”
“दुनिया ने देखा, भारत की संस्कृति की ताकत”
इस कुंभ ने यह भी दिखाया कि भारत कैसे अपनी परंपराओं और आध्यात्मिक धरोहर को गर्व के साथ संजोकर आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने लिखा, “यह आयोजन केवल एक मेला नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का विश्वव्यापी प्रमाण है।”