डॉ. मनसुख मांडविया ने कर्मचारी भविष्य निधि के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 237वीं बैठक की अध्यक्षता की

Live News
Pahalgam attack Live: पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन सीमा पर गोलीबारी की, कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सेना का एक्शन जारीभारत के कदम से बौखलाया पाकिस्तान, लगातार दूसरे दिन सीज़फायर का उल्लंघन, इन इलाकों में पूरी रात फायरिंगभीषण गर्मी के बीच यूपी समेत इन राज्यों में बारिश की चेतावनी, जानें-आपके इलाके में आज कैसा रहेगा मौसममिसाइल डेवलपमेंट के फील्ड में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, स्क्रैमजेट इंजन का किया गया टेस्ट'आतंकियों से मिले हैं CM उमर अब्दुल्ला, राहुल-वाड्रा सोच-समझकर बात करें', कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह का बयानएक बूंद पानी भी नहीं जाएगा पाकिस्तान, गृह मंत्री अमित शाह ने की जलशक्ति मंत्री के साथ बैठक'राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने झन्नाटेदार चांटा मारा', कांग्रेस नेता पर क्यों भड़के CM फडणवीस?Pahalgam Attack: अटारी वाघा बॉर्डर से 191 पाकिस्तानी नागिरक भेजे गए पाकिस्तान, 287 भारतीय लौटे वापस‘आतंकियों ने ऐसा कौन सा इस्लाम सीखा है?’, पहलगाम आतंकी हमले पर बोले सैयद अहमद बुखारीवक्फ संशोधन अधिनियम मामले में केंद्र सरकार ने SC में दाखिल किया जवाब, जानें क्या कहा?
Pahalgam attack Live: पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन सीमा पर गोलीबारी की, कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सेना का एक्शन जारीभारत के कदम से बौखलाया पाकिस्तान, लगातार दूसरे दिन सीज़फायर का उल्लंघन, इन इलाकों में पूरी रात फायरिंगभीषण गर्मी के बीच यूपी समेत इन राज्यों में बारिश की चेतावनी, जानें-आपके इलाके में आज कैसा रहेगा मौसममिसाइल डेवलपमेंट के फील्ड में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, स्क्रैमजेट इंजन का किया गया टेस्ट'आतंकियों से मिले हैं CM उमर अब्दुल्ला, राहुल-वाड्रा सोच-समझकर बात करें', कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह का बयानएक बूंद पानी भी नहीं जाएगा पाकिस्तान, गृह मंत्री अमित शाह ने की जलशक्ति मंत्री के साथ बैठक'राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने झन्नाटेदार चांटा मारा', कांग्रेस नेता पर क्यों भड़के CM फडणवीस?Pahalgam Attack: अटारी वाघा बॉर्डर से 191 पाकिस्तानी नागिरक भेजे गए पाकिस्तान, 287 भारतीय लौटे वापस‘आतंकियों ने ऐसा कौन सा इस्लाम सीखा है?’, पहलगाम आतंकी हमले पर बोले सैयद अहमद बुखारीवक्फ संशोधन अधिनियम मामले में केंद्र सरकार ने SC में दाखिल किया जवाब, जानें क्या कहा?

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी), की 237 वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बोर्ड की उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे, सह-उपाध्यक्ष तथा सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सुश्री सुमिता डावरा,  और सदस्य, सचिव केंद्रीय पीएफ आयुक्त श्री रमेश कृष्णमूर्ति भी उपस्थित रहे।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सीबीटी ने सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार द्वारा ब्याज दर को आधिकारिक रूप से अधिसूचित करने के बाद बाद ईपीएफओ ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा।

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कई अन्य निश्चित आय साधनों की तुलना में, अपेक्षाकृत अधिक और स्थिर लाभ प्रदान करता है, जिससे बचत में स्थिर वृद्धि सुनिश्चित होती है। ईपीएफ जमाराशि पर अर्जित ब्याज कर-मुक्त (एक निर्दिष्ट सीमा तक) है, जो इसे वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक अत्यधिक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है। यह ईपीएफओ ​​के निवेशों की जमा धन साख और अपने सदस्यों को प्रतिस्पर्धी लाभ देने की इसकी क्षमता में मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में सुधार कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए, सीबीटी ने बैठक के दौरान कई अहम निर्णय लिए। बोर्ड द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों में सम्मिलित हैं:

ईडीएलआई योजना के तहत बीमा लाभों में वृद्धि : कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा (ईडीएलआई) योजना के बीमांकिक मूल्यांकन के बाद, बोर्ड ने सदस्यों के परिवार को अधिक वित्तीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए योजना में प्रमुख संशोधनों को अनुमति दी। इससे इस श्रेणी के तहत प्रमुख शिकायतों का समाधान होगा और लाभ दावेदारों के लिए अधिक समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा।

संशोधित योजना के अंतर्गत प्रमुख वृद्धि निम्नलिखित होंगी:

  1. सेवा के एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर न्यूनतम लाभ की शुरुआत : ईपीएफ सदस्य की मृत्यु एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी किए बिना होने पर न्यूनतम 50 हजार रुपये का जीवन बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संशोधन से हर साल सेवा के दौरान होने वाली 5 हजार से अधिक मृत्यु के मामलों में अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
  2. गैर-योगदान अवधि के बाद सेवा में रहते हुए मृतक सदस्यों के लिए लाभ : पहले, ऐसे मामलों में ईडीएलआई लाभ से इनकार किया जाता था क्योंकि इन्हें सेवा से बाहर मृत्यु माना जाता था। अब, यदि किसी सदस्य का अपने अंतिम अंशदान प्राप्त करने के छह महीने के भीतर निधन होने पर ईडीएलआई लाभ स्वीकार्य होगा, बशर्ते सदस्य का नाम रोल से हटाया न गया हो। इस संशोधन से अनुमान है कि हर वर्ष ऐसी मृत्यु के चौदह हजार से अधिक मामलों में लाभ मिलेगा।
  3. सेवा निरंतरता पर विचार : पहले, दो प्रतिष्ठानों में रोजगार के बीच एक या दो दिन (जैसे सप्ताहांत या छुट्टियां) का अंतर होने पर न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम 7 लाख रुपये के ईडीएलआई लाभ से इनकार कर दिया जाता था, क्योंकि एक वर्ष की निरंतर सेवा की शर्त पूरी नहीं होती थी। नए संशोधनों के तहत, रोजगार के दो दौरों के बीच दो महीने तक के अंतराल को अब निरंतर सेवा माना जाएगा। इससे अधिक मात्रा में ईडीएलआई लाभ के लिए पात्रता सुनिश्चित होगी। इस परिवर्तन से हर साल सेवा में मृत्यु के एक हजार से अधिक मामलों में लाभ मिलने की उम्मीद है।

इन संशोधनों के परिणामस्वरूप हर साल सेवा के दौरान मृत्यु के 20 हजार से अधिक मामलों में ईडीएलआई के तहत अधिक लाभ मिलने का अनुमान है। इन सुधारों का उद्देश्य ईपीएफ सदस्यों के परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभों को बढ़ाना, बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और संकटग्रस्त परिवारों की कठिनाइयों को कम करना है।

  • उच्चतम न्यायालय के पेंशनभोगियोंकोउच्चवेतनपरपेंशन (पीओएचडब्ल्यू) निर्णय पर जानकारी– पेंशनभोगियों को उच्च वेतन पर पेंशन (पीओएचडब्ल्यू) से संबंधित उच्चतम न्यायालय के दिनांक 04.11.2022 के निर्णय के कार्यान्वयन के लिए, ईपीएफओ द्वारा सदस्यों/पेंशनभोगियों/नियोक्ता की सुविधा के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय न्यासी बोर्ड को जानकारी दी गई कि ईपीएफओ एक मिशन मोड पर काम कर रहा है और 72 प्रतिशत आवेदनों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
  • केंद्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) में प्रदर्शन : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जनवरी 2025 से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों (आरओ) में केंद्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) को सफलतापूर्वक लागू किया है। इस प्रणाली के तहत, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए पेंशन भुगतान स्टेट बैंक की नई दिल्ली शाखा में बनाए गए एक केंद्रीयकृत पेंशन संवितरण खाते (सीपीडीए) के माध्यम से वितरित किए जाते हैं। इससे पेंशनभोगियों की शिकायतों में काफी कमी आएगी, जिन्हें पहले अपने मामले के विवरण को एक क्षेत्रीय कार्यालय से दूसरे क्षेत्रीय कार्यालय में स्थानांतरित करने के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी होती थी। जनवरी, 2025 के दौरान, सीपीपीएस के माध्यम से 69.35 लाख पेंशनभोगियों को 1710 करोड़ रुपये की पेंशन वितरित की गई।
  • नुकसान को तर्कसंगत बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना: मुकदमेबाजी के प्रमुख कारणों में से एक पीएफ बकाया के विलंबित प्रेषण के लिए हर्जाना लगाने के मामले हैं। 14.06.2024 के राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से हर्जाना लगाने की दर को युक्तिसंगत बनाकर देरी के लिए 1 प्रतिशत प्रति माह कर दिया गया है। यह अधिसूचना की तिथि यानी जून 2024 के बाद की चूक के लिए प्रभावी है। इस अवधि से पहले हुई चूक के संबंध में लागू हर्जाने की दर दो महीने की देरी के लिए 5 प्रतिशत से लेकर 6 महीने से अधिक की देरी के लिए 25 प्रतिशत तक है। इस स्थिति को कम करने और मुकदमेबाजी को कम करने और नियंत्रित करने के उद्देश्य से, एक वैधानिक प्रणाली शुरू करने पर चर्चा की गई, जिसमें देरी के लिए 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से हर्जाना जमा करने पर मामलों में स्वतः कमी आएगी।
  • ईपीएफओ के वार्षिक बजट को अनुमति : बोर्ड ने ईपीएफओ और इसके द्वारा प्रशासित योजनाओं के लिए वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान और वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान को भी अनुमति प्रदान की।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की इस बैठक में नियोक्ताओं तथा कर्मचारियों के प्रतिनिधि और केन्द्र सरकार एवं ईपीएफओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Loading

Book Showcase
Book 1 Cover

मोदी की विदेश नीति

By Ku. Rajiv Ranjan Singh

₹495

Book 2 Cover

पीएम पावर

By Kumar Amit & Shrivastav Ritu

₹228

संभोग से समाधि की ओरर

By Osho

₹288

चाणक्य नीति - चाणक्य सूत्र सहितढ़ता

By Ashwini Parashar

₹127

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »