इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने 22 मार्च, 2025 को हरियाणा के मानेसर स्थित अपने परिसर में कॉरपोरेट बचाव रणनीतियों पर आधारित राष्ट्रीय प्रतियोगिता ‘सामर्थ्य 2025’ का शुभारंभ किया। 22 और 23 मार्च को आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को वित्तीय संकट से जूझ रहे व्यवसायों के पुनरुद्धार के लिए नवाचारपूर्ण रणनीतियां विकसित करने का मंच प्रदान करना है।

प्रतिभागियों के लिए सुनहरा अवसर
‘सामर्थ्य 2025’ न केवल व्यावहारिक शिक्षा और रणनीतिक सोच को बढ़ावा देता है, बल्कि प्रतिभागियों को वैश्विक वित्तीय संकट परिदृश्यों से निपटने का वास्तविक अनुभव भी प्रदान करता है। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी:
- वित्तीय विवरणों का विश्लेषण करेंगे
- व्यवसायों के लिए बचाव योजनाएं विकसित करेंगे
- अपने समाधान प्रतिष्ठित न्यायाधीशों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे
साथ ही, उन्हें पैनल चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जहां वे दिवालियापन पेशेवरों, कानूनी विशेषज्ञों और उद्योग जगत के दिग्गजों से महत्वपूर्ण सीख प्राप्त कर सकेंगे।
उद्घाटन समारोह की भव्यता
प्रतियोगिता का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसमें कार्यक्रम के प्रतिष्ठित न्यायाधीशों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
इसके बाद, छात्र संयोजक सुश्री आयुषी अग्रवाल, सुश्री ईप्सा बंसल और सुश्री हर्षिता उल्फास ने कार्यक्रम का परिचय दिया और प्रतियोगिता की औपचारिक शुरुआत की।
स्कूल ऑफ कॉरपोरेट लॉ के प्रमुख और कोर्स डायरेक्टर डॉ. पायला नारायण राव ने उद्घाटन भाषण देते हुए व्यवसाय की स्थिरता और वित्तीय लचीलेपन में कॉरपोरेट बचाव रणनीतियों के महत्व पर जोर दिया।
गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुश्री पवित्रा रवि ने प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को नवाचार और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।
एलएलएम संकाय के श्री कपिलेश्वर भल्ला ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को अपने वित्तीय ज्ञान, आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल को सर्वोत्तम रूप में प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया।
समारोह का समापन आईआईसीए में एलएलएम (आईबीएल) के पाठ्यक्रम समन्वयक श्री प्रमोद जांगड़ा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रतियोगिता की चुनौती और मूल्यांकन
इस प्रतियोगिता के दौरान छात्रों को वैश्विक वित्तीय संकट परिदृश्यों का अनुकरण करने वाली व्यावहारिक केस स्टडीज़ सौंपी जाएंगी।
प्रतिभागियों का मूल्यांकन निम्नलिखित मानकों पर किया जाएगा:
- समाधानों की व्यावहारिकता
- नवाचार और सृजनात्मकता
- रणनीतिक सोच और विश्लेषणात्मक कौशल
भविष्य के कॉरपोरेट लीडर्स की तैयारी
आईआईसीए का यह मंच छात्रों को वित्तीय पुनरुद्धार की जटिल चुनौतियों को हल करने की दक्षता प्रदान करेगा। यह आयोजन भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र में अगली पीढ़ी के विशेषज्ञों और दिग्गजों को तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ डॉ. अजय भूषण पांडे ने आयोजन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए इसे भविष्य के कॉरपोरेट नेतृत्व को संवारने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।