छात्रों को यूरोप में तकनीकी नौकरियाँ दिलाने के लिए हरियाणा सरकार की विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी और ओयो ने साझेदारी की

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हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से संबंधित विभिन्न विषयों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों के चयन और प्रशिक्षण की सुविधा के लिए ओयो एसवीएसयू के साथ साझेदारी करेगा

प्रमुख ग्लोबल हॉस्पिटैलिटी कंपनी, ओयो ने हरियाणा सरकार की श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी (एसवीएसयू) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका लक्ष्य डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से संबंधित विभिन्न विषयों में छात्रों को नौकरी पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।

हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री मनोहरलाल की उपस्थिति में उनके आवास पर सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह कार्यक्रम कौशल विकास के लिए प्रमुख सरकारी पहलों में उल्लिखित सिद्धांतों और उद्देश्यों को शामिल करता है, जिसमें ‘कौशल भारत’ और ‘विश्वकर्मा योजना’ शामिल है, जिनकी घोषणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के कौशल को बढ़ावा देना, उनके ज्ञान एवं अनुभव को व्यापक बनाना और आवश्यक उपकरणों से लैस करना है, ताकि वे प्रतिस्पर्धी वैश्विक वातावरण में खुद को श्रेष्ठ साबित कर सकें।

इस पूरे कार्यक्रम की अवधि के लिए इन छात्रों को भत्ता भी दिया जाएगा। ओयो और एसवीएसयू द्वारा पारस्परिक रूप से नौकरी के दौरान प्रशिक्षण स्थान निर्धारित किए जाएँगे। और साथ ही, यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों का मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण किया जाएगा। ओयो और विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी डेनमार्क जैसे देशों में ओयो के वेकेशन होम्स बिज़नेस में नौकरी के दौरान प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेंगे, ताकि छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और इंटरनेशनल हॉस्पिटैलिटी से अवगत होने का मौका मिल सके।

ओयो वेकेशन होम्स यूरोप में डैनसेंटर और बेलविला जैसे फुल-सर्विस प्रोवाइडर्स एवं ट्रॉम-फेरिएनवोनगेन जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस का संचालन करता है। गुरुग्राम स्थित विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी भारत की पहली सरकारी स्किल यूनिवर्सिटी है, जिसकी स्थापना हरियाणा सरकार द्वारा की गई है। यह कार्यक्रम सरकार की विभिन्न पहलों के अनुरूप है, जो इंडस्ट्री-एकेडमिक साझेदारी कार्यक्रमों के माध्यम से कुशल और इंडस्ट्री के लिए तैयार प्रोफेशनल्स की पेशकश करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस पर टिप्पणी करते हुए, रितेश अग्रवाल, संस्थापक और सीईओ, ओयो, ने कहा, “मैं विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी के माध्यम से कौशल विकास को बढ़ावा देने की माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लालजी की दूरदर्शी पहल के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूँ। इस ग्लोबल कंपनी का हेडक्वार्टर भारत में है, जिसका संचालन विभिन्न क्षेत्रों में होता है। इसके तहत, हम भारत में नियमित रूप से विभिन्न पहलों को इजात करते हैं और फिर उनका विस्तार अन्य देशों में करते हैं। हमने देखा है कि भारतीय प्रतिभा हर क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखती है। इस बात ने हमें एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है और हमारे वेकेशन होम्स बिज़नेस में तकनीकी और व्यावसायिक भूमिकाओं के लिए यूनिवर्सिटी के प्रतिभाशाली छात्रों को डेनमार्क, नीदरलैंड आदि जैसे विभिन्न यूरोपीय देशों में भेजकर उनकी एक अलग पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।”

ओयो और एसवीएसयू के बीच यह सहमति पत्र हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में प्रतिभाशाली छात्रों को बढ़ावा देने और नवाचार को अपनाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राज नेहरू, वाइस चांसलर, श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, ने कहा, “ओयो के साथ यह साझेदारी हमारी यूनिवर्सिटी को एक नई दिशा की ओर अग्रसर करेगी। इससे कक्षा में सीखने और उसका वास्तविक अनुभव करने के बीच का अंतर काफी कम हो जाएगा। इस साझेदारी के माध्यम से हमारे छात्रों को एक्सपर्ट्स से सीखने और ग्लोबल हॉस्पिटैलिटी परिदृश्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने की अनुमति मिलेगी।”

एक सार्थक प्रतिभा की तलाश करने के लिए हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री गहन संघर्ष से गुजर रही है। इस तथ्य को भारतीय राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद ने अपनी रिपोर्ट ‘ट्रेवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में मानव विकास और कौशल की आवश्यकता’ में उजागर किया है।

टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी स्किल काउन्सिल (टीएचएससी) के अनुसार, कुशल मैनपॉवर के लिए हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को 60 प्रतिशत से अधिक माँग-आपूर्ति अंतर का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इंडस्ट्री में वर्तमान में 3.5 लाख प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है। अमेरिकन होटल एंड लॉजिंग एसोसिएशन (एएचएलए) द्वारा हाल ही में 200 होटल्स पर किए गए एक सर्वे से पता चला है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के 87 प्रतिशत होटल्स में पर्याप्त कर्मचारियों की कमी है।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री बहुत तेजी से विकसित और विविध हो रही है, लेकिन इस बात को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है कि कुशल कर्मियों की कमी इसकी प्रगति में बाधा डालने का काम कर सकती है। बात चाहे पाक कला की हो या हाउसकीपिंग की, इनसे लेकर फ्रंट-लाइन सेवा तक, महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और शानदार आतिथ्य अनुभव प्रदान करने के लिए कुशल पेशेवरों की कमी है। अतिथियों की बढ़ती अपेक्षाएँ, तकनीकी प्रगति और निरंतर बदलते उद्योग परिदृश्य कहीं न कहीं इस चुनौती को और भी अधिक बढ़ा देते हैं।

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