भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लगभग 5 साल में पहली बार अपनी मुख्य रेपो दर में कटौती की है ताकि अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से ब्याज दर को 6.5% से घटाकर 6.25% करने का निर्णय लिया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली प्रमुख प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घोषणा की। उन्होंने पिछले दिसंबर में RBI गवर्नर का कार्यभार संभाला था।

MPC, जिसमें तीन RBI सदस्य और तीन बाहरी विशेषज्ञ शामिल हैं, ने इससे पहले मई 2020 में रेपो दर में कटौती की थी और पिछले 11 नीति बैठकों में इसे अपरिवर्तित रखा था।
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत
संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक औसत से नीचे बढ़ रही है, जिससे चुनौतियां बनी हुई हैं। हालांकि, उच्च-आवृत्ति संकेतक (high-frequency indicators) वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिकूलताओं से पूरी तरह अछूती नहीं है, लेकिन यह अब भी मजबूत और स्थिर बनी हुई है।
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें घटने से बॉन्ड यील्ड और डॉलर में बढ़ोतरी देखी गई है।
आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति पर RBI का अनुमान
RBI गवर्नर के अनुसार, मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित GDP वृद्धि दर इस प्रकार है:
- Q1: 6.7%
- Q2: 7%
- Q3: 6.5%
- Q4: 6.5%
मुद्रास्फीति को लेकर भी RBI ने अहम संकेत दिए हैं। चालू वित्तीय वर्ष में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) 4.8% रहने का अनुमान है, जबकि अंतिम तिमाही में यह 4.4% तक घटने की उम्मीद है। हालांकि, कोर मुद्रास्फीति में हल्की वृद्धि हो सकती है लेकिन यह नियंत्रित रहेगी। खाद्य महंगाई दर में नरमी आने की संभावना है।
बैंकिंग सेक्टर और साइबर धोखाधड़ी पर RBI की चिंता
RBI गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में तरलता की स्थिति संतोषजनक है और RBI इसे सुचारू बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। बैंकों की परिसंपत्ति और इक्विटी पर रिटर्न भी मजबूत बना हुआ है।
हालांकि, उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी में बढ़ोतरी पर चिंता जताई और सभी हितधारकों से इस पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने बैंकों से साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए अपनी रोकथाम और पहचान प्रणालियों को और मजबूत करने को कहा।
आगे की राह
RBI का यह निर्णय देश की आर्थिक वृद्धि को नई दिशा देने के लिए लिया गया है। ब्याज दरों में कटौती से लोन सस्ते होंगे, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, बैंकिंग सेक्टर को स्थिर बनाए रखने और डिजिटल धोखाधड़ी पर कड़ी नजर रखने की जरूरत भी होगी। अब देखना यह होगा कि RBI के इस फैसले से आम जनता और उद्योगों को कितना फायदा मिलता है।