भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, विशेषकर टीकाकरण के माध्यम से बाल मृत्यु दर और शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या में प्रभावशाली गिरावट के संदर्भ में। वर्ष 2024 में जारी संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी बाल मृत्यु दर आकलन समूह (UN IGME) की रिपोर्ट इस दिशा में भारत के सशक्त प्रयासों का प्रमाण प्रस्तुत करती है।

शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट
भारत में 2023 में कुल जनसंख्या में शून्य खुराक (Zero Dose) वाले बच्चों की दर 0.11% थी, जो 2024 में घटकर 0.06% हो गई है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि भारत अब बाल स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में वैश्विक उदाहरण बनकर उभरा है।
टीकाकरण आज के समय में सबसे प्रभावशाली और लागत-प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों में से एक माना जाता है। भारत की टीकाकरण के प्रति प्रतिबद्धता उसके सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के माध्यम से स्पष्ट होती है, जिसके तहत प्रतिवर्ष 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ नवजात शिशुओं (0-1 वर्ष आयु वर्ग) को निःशुल्क टीके लगाए जाते हैं।
आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं की अथक भूमिका
देश भर में 1.3 करोड़ से अधिक टीकाकरण सत्रों का आयोजन करते हुए, आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। उनके प्रयासों ने न केवल बच्चों तक टीके पहुँचाए हैं, बल्कि उन्होंने परिवारों को टीकाकरण के महत्व से भी अवगत कराया है।
भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान
भारत को 6 मार्च 2024 को वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकन रेड क्रॉस मुख्यालय में, Measles & Rubella Partnership (American Red Cross, BMGF, Gavi, US CDC, UNF, UNICEF और WHO) द्वारा Measles & Rubella Champion Award से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार भारत की प्रतिबद्धता और सफलता का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य प्रमाण है।
नवजात और बाल मृत्यु दर में गिरावट
भारत ने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) में 78% की गिरावट दर्ज की है, जो वैश्विक औसत 61% से अधिक है। नवजात मृत्यु दर (NMR) में 70% की गिरावट भी दर्ज की गई है, जबकि वैश्विक गिरावट 54% रही है।
मातृ मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय प्रगति
नवीनतम सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) 2020-22 के अनुसार, भारत की मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2014-16 के 130/लाख जीवित जन्म से घटकर 2020-22 में 88/लाख जीवित जन्म हो गई है। UN-MMEIG रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट 86% रही है, जबकि वैश्विक गिरावट 48% रही है।
टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तारीकरण और नवाचार
वर्ष 2013 तक भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में केवल 6 टीके शामिल थे। लेकिन 2014 के बाद से 6 नए टीकों को शामिल किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
- निष्क्रिय पोलियो वायरस वैक्सीन (IPV)
- रोटावायरस वैक्सीन (RVV)
- न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (PCV)
- खसरा-रूबेला वैक्सीन
- वयस्क जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन
- टेटनस-डिप्थीरिया वैक्सीन
वर्तमान में भारत के यूआईपी में कुल 12 वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियाँ शामिल हैं।
लक्ष्य आधारित रणनीतियाँ और अभिनव पहलें
भारत ने वंचित, दूर-दराज, प्रवासी और झुग्गी क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशेष रणनीतियाँ अपनाई हैं:
- शून्य खुराक कार्यान्वयन योजना 2024: 11 राज्यों के 143 जिलों में लागू, जहां शून्य खुराक बच्चों की संख्या अधिक है।
- मिशन इंद्रधनुष: वर्ष 2014 में प्रारंभ और 2017 में तेज़ किया गया। इसके तहत अब तक 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए हैं।
- पल्स पोलियो अभियान: 2014 से भारत ने पोलियो मुक्त दर्जा बनाए रखा है।
- ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस (VHND): नियमित अंतराल पर समुदाय स्तर पर टीकाकरण और जागरूकता अभियान।
- बहु-स्तरीय टास्क फोर्स: राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर समन्वित निगरानी एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित करती हैं।
तकनीक और समुदाय का संगम
भारत सरकार ने टीकाकरण को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ट्रैक करने के लिए यू-विन (U-WIN) प्रणाली लागू की है, जो बच्चों की टीकाकरण स्थिति पर नज़र रखती है। इसके साथ ही, सामाजिक जागरूकता के लिए जनसंचार, रेडियो, सोशल मीडिया और नुक्कड़ नाटक जैसे माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है।
वैश्विक तुलना में भारत की श्रेष्ठता
भारत में 93% DTP-1 टीकाकरण कवरेज दर्ज की गई है, जो नाइजीरिया (70%) की तुलना में कहीं अधिक है। WUNiC 2023 के अनुसार, भारत ने DTP-1 से DTP-3 में गिरावट को 2013 में 7% से घटाकर 2023 में 2% कर दिया है।
अनुलग्नक 1 और 2 के अनुसार, भारत के सभी एंटीजन टीकाकरण कवरेज वैश्विक औसत से अधिक हैं।
शून्य खुराक बच्चों की तुलना में:
| देश | शून्य खुराक दर (%) |
|---|---|
| यमन | 1.68 |
| सूडान | 1.45 |
| अंगोला | 1.10 |
| अफगानिस्तान | 1.10 |
| नाइजीरिया | 0.98 |
| डी.आर. कांगो | 0.82 |
| इथियोपिया | 0.72 |
| इंडोनेशिया | 0.23 |
| पाकिस्तान | 0.16 |
| भारत (2024) | 0.06 |
यह तुलनात्मक दृष्टिकोण दर्शाता है कि भारत ने विशाल जनसंख्या के बावजूद टीकाकरण के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को पार कर लिया है।