-16 अक्टूबर को विश्व स्पाइन दिवस-
हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व स्पाइन दिवस (World Spine Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है लोगों को रीढ़ की हड्डी (Spine) के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना। रीढ़ की हड्डी मानव शरीर का केंद्रीय स्तंभ है — यह शरीर को आकार देती है, संतुलन बनाए रखती है, और मस्तिष्क से शरीर के बाकी हिस्सों तक संदेश पहुँचाने वाली नसों का मार्ग प्रदान करती है। आज की तेज़-तर्रार, कंप्यूटर-केंद्रित जीवनशैली में रीढ़ से जुड़ी बीमारियाँ एक “मूक महामारी” बन चुकी हैं।

कमर दर्द अब केवल वृद्धों की समस्या नहीं रही, बल्कि युवाओं और यहाँ तक कि किशोरों में भी यह आम हो चुकी है। लंबे समय तक बैठकर काम करना, मोबाइल और लैपटॉप पर झुककर देखना, व्यायाम की कमी और गलत पोस्चर — ये सब स्पाइन डिसऑर्डर्स के प्रमुख कारण हैं। वर्तमान में लगभग 80–85% लोग जीवन में कभी न कभी कमर दर्द से पीड़ित होते हैं। इनमें से अधिकांश लोग बिना सर्जरी के ही ठीक हो जाते हैं, परंतु लगभग 15% मरीजों को ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है।
मानव शरीर की रीढ़ वास्तव में 33 छोटी-छोटी हड्डियों (वर्टिब्रा) से मिलकर बनी होती है। हर दो वर्टिब्रा के बीच एक डिस्क (Disc) होती है, जो झटकों को सोखने और लचीलेपन को बनाए रखने का काम करती है। उम्र बढ़ने, चोट, गलत बैठने या अत्यधिक वजन के कारण ये डिस्क घिसने लगती हैं, जिससे दर्द, सुन्नपन और नसों पर दबाव जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
रीढ़ के दो प्रमुख हिस्से:
- सर्वाइकल (गर्दन का भाग)
- लम्बर (कमर का भाग) —सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
कमर दर्द के सैकड़ों कारण हो सकते हैं, परंतु लगभग 90% मामलों में ये तीन प्रमुख कारण होते हैं:
- डीजनरेटिव बदलाव (Degenerative Changes) – उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी और डिस्क में विकार आना।
- स्लिप्ड डिस्क (Slipped Disc) – डिस्क का अपनी जगह से खिसक जाना और नस पर दबाव डालना।
- लम्बर केनाल स्टेनोसिस (Lumbar Canal Stenosis) – रीढ़ की हड्डी की नली का संकुचित होना, जिससे नसें दब जाती हैं। इसके अलावा संक्रमण, ट्यूमर या कुछ प्रकार के आर्थराइटिस भी कमर दर्द के रूप में प्रकट हो सकते हैं।
स्लिप्ड डिस्क और लम्बर स्टेनोसिस: जब सर्जरी बनती है जरूरी
स्लिप्ड डिस्क या लम्बर स्टेनोसिस के रोगियों में आमतौर पर कमर से लेकर पैरों तक दर्द जाता है।
कई बार पैरों में सुन्नपन, झुनझुनी या भारीपन महसूस होता है। धीरे-धीरे चलने में कठिनाई और बैठने-लेटने में असहनीय दर्द हो सकता है। जब दवाओं, फिजियोथेरेपी और आराम से भी राहत नहीं मिलती, तब सर्जरी का विकल्प अपनाना पड़ता है।
कमर दर्द से बचाव के उपाय
रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखना हर व्यक्ति के लिए संभव है, यदि वह कुछ सरल आदतें अपनाए:
- नियमित व्यायाम करें – योग, स्ट्रेचिंग और वॉक से रीढ़ मजबूत होती है।
- सही पोस्चर रखें – बैठते, झुकते और उठते समय रीढ़ सीधी रखें।
- वजन नियंत्रण में रखें – अधिक वजन रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
- लंबे समय तक बैठने से बचें – हर 30 मिनट में थोड़ी देर चलें या स्ट्रेच करें।
- ज्यादा देर कार या बाइक न चलाएं – झटके रीढ़ को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार लें – हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- कमर दर्द को नज़रअंदाज़ न करें – समय रहते विशेषज्ञ से परामर्श लें।
विश्व स्पाइन दिवस का संदेश
विश्व स्पाइन दिवस हमें यह याद दिलाता है कि स्वस्थ रीढ़ ही स्वस्थ जीवन की नींव है। एक छोटी सी लापरवाही जीवनभर के दर्द में बदल सकती है। सही मुद्रा अपनाएँ, सक्रिय रहें और अपनी रीढ़ की रक्षा करें। रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर का आधार है — इसे मजबूत, लचीला और स्वस्थ रखना हमारी जिम्मेदारी है। “हम अपनी रीढ़ की सेहत का ध्यान रखेंगे, नियमित व्यायाम करेंगे और सही जीवनशैली अपनाकर दर्द-मुक्त जीवन की ओर बढ़ेंगे।”
यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।
