भारत के ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक ने आज नई दिल्ली में ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट (जीईएलएस) 2025 का आधिकारिक लोगो और वेबसाइट लॉन्च किया। यह बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन आगामी 5 से 7 दिसंबर, 2025 के बीच पुरी (ओडिशा) में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन की मेजबानी ओडिशा सरकार द्वारा टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज के सहयोग से की जाएगी।

ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु नेतृत्व पर वैश्विक संवाद की तैयारी
इस अवसर पर ओडिशा के उपमुख्यमंत्री श्री कनक वर्धन सिंह देव, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री विशाल देव, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अनूप सिंह तथा टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज के कंट्री डायरेक्टर (भारत) श्री विवेक अग्रवाल उपस्थित रहे।
लोगो और वेबसाइट लॉन्च करते हुए श्री श्रीपद नाइक ने कहा कि जीईएलएस 2025 ऊर्जा परिवर्तन, जलवायु नेतृत्व और प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार पर एक सार्थक राष्ट्रीय और वैश्विक संवाद की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि भारत न केवल ऊर्जा क्षेत्र में तीव्र गति से प्रगति कर रहा है बल्कि वैश्विक स्तर पर एक जिम्मेदार ऊर्जा भागीदार के रूप में उभर रहा है।
भारत: विश्व का तेजी से बढ़ता ऊर्जा बाजार
श्री नाइक ने कहा कि भारत बिजली उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा, ट्रांसमिशन क्षमता और डिजिटल आधुनिकीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर चुका है। आज देश दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ऊर्जा बाजारों में से एक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का ऊर्जा परिवर्तन केवल उत्पादन क्षमता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें स्थायित्व, दक्षता और हरित प्रौद्योगिकी का संतुलित समावेश भी शामिल है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य न केवल घरेलू ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को भी प्रोत्साहित करना है ताकि नेट-जीरो 2070 के लक्ष्य की दिशा में ठोस प्रगति की जा सके।
ओडिशा सरकार के नेतृत्व की सराहना
इस अवसर पर श्री नाइक ने ओडिशा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह राज्य भारत का पहला प्रदेश था जिसने 1990 के दशक में ही बिजली क्षेत्र में सुधारों की दिशा में कदम उठाए थे। उन्होंने कहा कि ओडिशा ने दक्षता, लचीलेपन और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखा है।
श्री नाइक ने कहा, “ओडिशा का मॉडल यह दर्शाता है कि आर्थिक विकास पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ संतुलित रूप से आगे बढ़ सकता है। स्वच्छ ऊर्जा निवेश न केवल उद्योगों के विकास को गति देता है बल्कि स्थानीय रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
जीईएलएस 2025 की थीम – “सशक्त भारत: पर्याप्तता, संतुलन, नवाचार”
श्री नाइक ने बताया कि जीईएलएस 2025 की थीम “सशक्त भारत: पर्याप्तता, संतुलन, नवाचार” भारत के ऊर्जा भविष्य के चार प्रमुख स्तंभों को परिभाषित करती है — ऊर्जा पहुंच (Access), दक्षता (Efficiency), स्थायित्व (Sustainability) और सुरक्षा (Security)। यह थीम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के विजन पर आधारित है, जो ऊर्जा के क्षेत्र में समावेशी और सतत विकास की दिशा को आगे बढ़ाती है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन ऊर्जा नीति, प्रौद्योगिकी और वित्त के क्षेत्र में वैश्विक नेताओं, उद्योग विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहां ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी और नवाचार के नए आयामों पर गहन विचार-विमर्श होगा।
केंद्र सरकार और मंत्रालयों की प्रतिबद्धता
श्री नाइक ने इस अवसर पर यह भी दोहराया कि विद्युत मंत्रालय तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, दोनों ही जीईएलएस 2025 को हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से भारत न केवल अपनी प्रगति को प्रदर्शित करेगा बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक साझेदारी और निवेश को भी प्रोत्साहित करेगा।
वैश्विक सहयोग और सतत विकास की दिशा में भारत का नेतृत्व
श्री नाइक ने कहा कि भारत की नेट-जीरो 2070 प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्यों, उद्योगों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ओडिशा सरकार, उसके ऊर्जा विभाग और सभी सहयोगी संस्थानों को जीईएलएस 2025 के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सम्मेलन ऊर्जा क्षेत्र में एक स्थायी सहयोग मंच का निर्माण करेगा, जहां से भविष्य के वैश्विक ऊर्जा समाधान और साझेदारी की नई राहें निकलेंगी।