भारतीय नौसेना के नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) द्वारा आयोजित सेमिनार ‘स्वावलंबन-2025’ के चौथे संस्करण के लिए कर्टेन रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन 20 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने की। सेमिनार का मुख्य आयोजन 25 से 26 नवंबर 2025 तक दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में होगा, जिसमें भारतीय नौसेना के बढ़ते नवाचार, अनुसंधान, स्वदेशी तकनीकों और रक्षा उद्योग के साथ साझेदारी को केंद्र में रखा जाएगा।

‘नवाचार और स्वदेशीकरण के माध्यम से शक्ति और सामर्थ्य’ पर आधारित दिशा
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (वीसीएनएस) ने कहा कि स्वावलंबन-2025 भारतीय नौसेना के आत्मनिर्भरता मिशन और नवाचार-चालित आधुनिकरण का सशक्त मंच है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष का विषय “नवाचार और स्वदेशीकरण के माध्यम से शक्ति और सामर्थ्य” नौसेना की उस दूरदर्शी रणनीति को दर्शाता है जिसके तहत परिचालन चुनौतियों के समाधान के लिए अत्याधुनिक और घरेलू प्रौद्योगिकियों पर बल दिया जा रहा है।
वीसीएनएस ने यह भी कहा कि इस वर्ष के संस्करण में उभरती तकनीकों, क्रांतिकारी नवाचारों तथा समुद्री सुरक्षा के भविष्य को परिभाषित करने वाली तकनीकों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत की बदलती रक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नौसेना उन्नत स्वदेशी समाधानों को अपनाने की दिशा में निरंतर प्रगति कर रही है।
स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा व्यापक प्रदर्शनी क्षेत्र
स्वावलंबन-2025 में एक बड़ा प्रदर्शनी क्षेत्र शामिल होगा, जिसमें भारतीय नौसेना और उद्योग द्वारा विकसित सफल स्वदेशी उत्पादों के साथ-साथ उन प्रोटोटाइप प्रौद्योगिकियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा जो ‘विचार से प्रेरणा’ के सिद्धांत पर आधारित हैं। इन उत्पादों में हथियार प्रणालियों से लेकर स्वचालित प्लेटफॉर्म, उन्नत सेंसर, रोबोटिक समाधान, साइबर सुरक्षा ढांचे और समुद्री तकनीकों का विस्तृत संग्रह शामिल होगा।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना है कि कैसे भारतीय उद्योग, एमएसएमई, स्टार्टअप और अनुसंधान संस्थान नौसेना की युद्धक और सामरिक क्षमताओं को नए स्तर पर ले जा रहे हैं।
उभरती तकनीकों और नीतियों पर गहन विचार-विमर्श
सेमिनार के दौरान कई तकनीकी और नीतिगत चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विशेषज्ञ उभरती समुद्री तकनीकों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वायत्त प्रणालियों, संचार ढांचों, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक क्षमताओं और भविष्य के समुद्री युद्ध के रुझानों पर अपने विचार साझा करेंगे।
नीतिगत ढांचों पर केंद्रित विशेष सत्र स्वदेशी तकनीकों को अपनाने की प्रक्रिया को गति देने के लिए बाधाओं, अवसरों और सुधारों पर प्रकाश डालेंगे।
इसके साथ ही उद्यम पूंजीपतियों के साथ एक समर्पित संवाद सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें रक्षा क्षेत्र में निवेश, नवाचारों के लिए वित्तीय सहायता, वाणिज्यिक विस्तार और बाजार क्षमता पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
इनोवाथॉन, तकनीकी चुनौतियाँ और स्वावलंबन-4.0 दस्तावेज
स्वावलंबन-2025 के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- ‘इनोवाथॉन’ का औपचारिक शुभारंभ
- नौसेना की तकनीकी चुनौतियों और समस्या विवरणों का संग्रह जारी
- स्वावलंबन-4.0 दस्तावेज का अनावरण
- आयुध स्वदेशीकरण संग्रह का विमोचन
ये पहल भविष्य के नौसैनिक उपकरणों और प्रणालियों के विकास में नवाचारी समाधान खोजने तथा भारतीय उद्योगों और स्टार्टअप्स के साथ सहयोग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं।
नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने का लक्ष्य
स्वावलंबन-2025 का व्यापक उद्देश्य नवप्रवर्तकों, एमएसएमई, स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों और रक्षा उद्योग के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना है ताकि भविष्य के नौसैनिक क्षमता विकास के लिए मजबूत, आत्मनिर्भर और अभिनव इकोसिस्टम तैयार किया जा सके। एनआईआईओ के माध्यम से भारतीय नौसेना न केवल अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है, बल्कि देश की वैज्ञानिक क्षमता, औद्योगिक प्रतिभा और युवा उद्यमियों को राष्ट्रीय रक्षा में योगदान देने के लिए एक मजबूत मंच भी प्रदान कर रही है।