खड़े हैं सीमा पर सीना ताने, झेलकर कितनी तकलीफ़ें दुनिया क्या जाने, चाहे आये आँधी या आये तूफान, डटकर…
Category: कविता
शिव नहीं कहते
शिव नहीं कहते कि, मैं ॐ, मैं सर्वस्व, मैं त्रिलोचन, मैं आदिशक्ति, मैं जगत विश्राम, हैं…
गणतंत्र दिवस
विधान-संविधान के हृदय में सजा लो, कर्तव्य को अधिकार सा थोड़ा तो निभा लो,जो हो रहे…
अवध में राम पधारे ….
अवध में राम पधारे ….सजी अयोध्या नगरी सारी, बज रहे ढोल-नगाड़े, हो रही जय-जयकार, अवध में…
पल रही है ज़िंदगी….
सोच हर दिन की नई ले पल रही है जिंदगी, बस कभी हँस कर कभी रो…
ट्रेनवा में भीड़ भइल बा
सोचले रहनी एह बार हम गांवे जाइबधूमधाम से सबके साथे छठ मनाइब। बाकी टूट गइल देखल…
माँ धरो शुभ कदम
माँ धरो शुभ कदम तेरे शुभ कदम जब पड़ते हैं धरा पर, जग कल्याण को ही…
शाबाशियाँ ( स्त्री विमर्श )
बालियाँ तेरे हर किरदार को, शाबाशियाँ तेरे अस्तित्व को, शाबाशियाँ बेटी, बहन,बहू,पत्नी, माँ और सुगढ़ ग्रहणी…
हिंदी हिंद का मान
“ जैसा प्रेम पति को रहता, निज पत्नी की बिंदी से, शिवशंकर को अमर…
क्या जज्बात हैं उनके…
क्या जज्बात हैं उनके…जो दे रहे हैं ज्ञान, क्या हालात हैं उनके, जो बड़ा रहे हैं…