उसे कुछ नहीं आता: प्रमोद दीक्षित मलय

शिक्षक, सहपाठी और बच्चे
सभी कहते हैं
उसे कुछ भी नहीं आता,
नहीं सीखना है उसे कुछ भी नया
इसीलिए उसे मिली है
कक्षा की उदास दीवार की तरफ
मुंह करके खड़े होने की सजा।
सजा पूरी कर
उसके हटने के बाद
दीवार पर उभर आये हैं
इंद्रधनुष के इठलाते रंग,
फूल, पत्ती, भौंरे, नदी, पहाड़
अधखिला चांद और तारे।
क्या सच में
उसे कुछ भी नहीं आता?

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