राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपनी पुर्तगाल यात्रा के अंतिम दिन, 8 अप्रैल 2025 को लिस्बन में पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष श्री जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से शिष्टाचार मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत और पुर्तगाल की संसदों के बीच नियमित संवाद और आदान-प्रदान को द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त करने का माध्यम बताया, जिससे दोनों देशों की जनता के बीच आपसी समझ और सहयोग को नई दिशा मिल सकेगी।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर पुर्तगाल के प्रधानमंत्री श्री लुइस मोंटेनेग्रो से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार, वाणिज्य, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के व्यापक अवसरों पर चर्चा की। यह बैठक भारत-पुर्तगाल रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही।
इससे पूर्व राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन स्थित प्रतिष्ठित चंपालिमॉड फाउंडेशन का दौरा किया। उन्होंने तंत्रिका विज्ञान, कैंसर अनुसंधान, प्रायोगिक नैदानिक अनुसंधान और उन्नत चिकित्सा वितरण के क्षेत्रों में चल रहे अत्याधुनिक अनुसंधान कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने वहां कार्यरत भारतीय वैज्ञानिकों और विद्वानों से भी संवाद किया और वैश्विक शोध में उनकी भागीदारी की सराहना की। उन्होंने भारत और पुर्तगाल के बीच उभरती तकनीकों एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को और गहराने की आवश्यकता पर बल दिया।
चंपालिमॉड सेंटर फॉर द अननोन को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का बहुविषयी चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान बताया गया है, जो आधुनिक अनुसंधान के साथ उच्च गुणवत्ता की क्लीनिकल सेवाएं प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है।
इसके पश्चात राष्ट्रपति ने लिस्बन में महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और राधा-कृष्ण मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इन कार्यक्रमों ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय धरातल पर पुनः प्रतिष्ठित किया।
लिस्बन में अपनी अंतिम सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत राष्ट्रपति ने भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित भव्य स्वागत समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने पुर्तगाल के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उनके साथ राज्य मंत्री श्रीमती निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया, सांसद श्री धवल पटेल और श्रीमती संध्या रे भी उपस्थित रहीं।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय न केवल भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि लोकतंत्र, सहिष्णुता और भाईचारे जैसे उन मूल्यों को भी जीवंत बनाए हुए है, जो भारत और पुर्तगाल की साझा विरासत का हिस्सा हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें भारत के सच्चे सांस्कृतिक दूत बताया।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीयों के कल्याण और उनसे जुड़ाव को अत्यंत महत्व देती है। संकट की घड़ी में प्रवासी समुदाय की सहायता के लिए भारत सरकार ने अनेक पहल की हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि विदेशों में स्थित भारतीय मिशन हर स्थिति में भारतीय नागरिकों के साथ खड़े हैं और मातृभूमि की भावना सदैव उनके साथ है।
स्वागत समारोह के बाद राष्ट्रपति मुर्मु स्लोवाकिया की यात्रा के लिए रवाना हुईं।