ना रिर्जवेशन की चिंता, रेडी टु गो…कभी भी कहीं भी

अगर आपको कार से घुमने या फिर ड्रायविंग करने का शौक है तो आपके लिए दिल्ली के आस-पास की घुमने की जगह सबसे बेस्ट ऑप्शन रहेगा। ऐसे में अगर ग्रुप में जाए तो बात ही क्या है। घुमने के साथ खूब मौज-मस्ती भी हो जाएगी और गैट टू गेदर भी। चाहे दोस्तों के ग्रुप हो या फिर फैमिली का, दिल्ली की आस-पास की जगहें घुमने के लिए सबसे बेहतरनी विकल्प साबित होते है। घुमने के लिए तो यह जगहें बेस्ट है ही साथ ही सस्ती और आरामदायक भी है, जहां कोई भी और कभी भी जा-आ सकता है। तो फिर किस बात का है इतंजार रेडी टु गो…

अगर आपको कार से घुमने या फिर ड्रायविंग करने का शौक है तो आपके लिए दिल्ली के आस-पास की घुमने की जगह सबसे बेस्ट ऑप्शन रहेगा। ऐसे में अगर ग्रुप में जाए तो बात ही क्या है। घुमने के साथ खूब मौज-मस्ती भी हो जाएगी और गैट टू गेदर भी। चाहे दोस्तों के ग्रुप हो या फिर फैमिली का, दिल्ली की आस-पास की जगहें घुमने के लिए सबसे बेहतरनी विकल्प साबित होते है। घुमने के लिए तो यह जगहें बेस्ट है ही साथ ही सस्ती और आरामदायक भी है, जहां कोई भी और कभी भी जा-आ सकता है। तो फिर किस बात का है इतंजार रेडी टु गो…
यमुना जी की दर्शनीय आरती, मथुरा
दिल्ली से दक्षिण भारत या मुम्बई जाने वाली सभी ट्रेने मथुरा होकर गुजरती हैं। सडक द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। आगरा से मात्र 55 किलोमीटर दूर है। वृन्दावन पहुचने के लिये यह वृन्दावन की वेबसाईट काफी सूचना देती है; स्टेशन के आसपास कई होटल हैं और विश्राम घाट के आसपास कई कम खर्च वाली धर्मशालाएं रूकने के लिए उपलब्ध हैं। घूमने के लिए टेक्सी कर सकते हैं, जिससे मथुरा, वृन्दावन एक दिन में घूमा जा सकता है। अधिकतर मंदिरों में दर्शन सुबह 12 बजे तक और सांय 4 से 6-7 बजे तक खुलते हैं, दर्शनार्थियों को इसी हिसाब से अपना कार्यक्रम बनाना चाहिए। आटो और तांगे भी उपलब्ध है। यमुना में नौका विहार और प्रातःकाल और सांयकाल में विश्राम घाट पर होने वाली यमुना जी की आरती दर्शनीय है।
याद में बनवाया महल, आगरा
आगरा दिल्ली से 200 किमी. दूर है। यमुना नदी के किनारे बसा यहं शहर ताजमहल के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1631 से 1648 के बीच करवाया था। उन्होंने इसे अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। वर्ष भर लाखों देशी विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। दिल्ली के साथ-साथ यहां भी आना अच्छा रहेगा।
हिन्दू और मुस्लिम वास्तु्कला का अनूठा मिश्रण फतेहपुर सीकरी
लाल पत्थरों से बना यह शहर आगरा से 37 किमी. दूर है। इसका निर्माण अकबर ने 1571 से 1585 के बीच करवाया था। फतेहपुर सीकरी मुगल कला का अच्छा उदाहरण है। यहां की इमारतें हिन्दू और मुस्लिम वास्तु्कला का अनूठा मिश्रण हैं। कहा जाता है कि फतेहपुर सीकरी की मस्जिद मक्का की मस्जिद की नकल है और यह फारसी व हिंदू शैली में बनी है। ऐतिहासिक इमारतों में रुचि रखने वालों के लिए यह सही जगह है।
गुलाबी नगरी के नाम जयपुर
जयपुर जिसे गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के राजस्थान प्रान्त की राजधानी है। यह प्राचीन रजवाड़ा जिसे जयपुर नाम से जाना जाता था उसकी भी राजधानी थी। इस शहर की स्थापना 1728 में जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा की गयी थी। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खासियत है।
खूबसूरती की पहचान, रॉकगार्डन, चंडीगढ़
पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ भारत के सबसे खूबसूरत और नियोजित शहरों में एक है। इस केन्द्र शासित प्रदेश को प्रसिद्ध फ्रेंच वास्तुकार ली कोर बुसियर ने डिजाइन किया था। इस शहर का नाम एक दूसरे के निकट स्थित चंडी मंदिर और गढ़ किले के कारण पड़ा जिसे चंडीगढ़ के नाम से जाना जाता है। शहर में बड़ी संख्या में पार्क हैं जिनमें लेसर वैली, राजेन्द्र पार्क, बॉटोनिकल गार्डन, स्मृति उपवन, तोपियारी उपवन, टेरस्ड गार्डन और शांति कुंज प्रमुख हैं। चंडीगढ़ में ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी, प्राचीन कला केन्द्र और कल्चरल कॉम्प्लेक्स को भी देखा जा सकता है।
बाघा बोर्डर, मिलाप का एक बेहतरीन नजारा
बाघा बोर्डर पर हर शाम भारत की सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स की सैनिक टुकडियां इकट्ठी होती है। विशेष मौकों पर मुख्य रूप से 14 अगस्त के दिन जब पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस समाप्त होता है और भारत के स्वतंत्रता दिवस की सुबह होती है उस शाम वहां पर शांति के लिए रात्रि जागरण किया जाता है। उस रात वहां लोगों को एक-दुसरे से मिलने की अनुमति भी दी जाती है। इसके अलावा वहां पर पूरे साल कंटिली तारें, सुरक्षाकर्मी और मुख्य द्वार के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता।
विनीता झा
कार्यकारी संपादक

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