इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत के पर्यटन इकोसिस्टम की वृहद क्षमता का पता लगाना और उसका लाभ उठाना था। इस गोलमेज सम्मेलन में सरकारी अधिकारियों और पर्यटन उद्योग की हस्तियों के बीच यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में टिकाऊ और लचीले विकास के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और कारकों पर केंद्रित ठोस चर्चा हुई।
इस सम्मेलन मेंनीतिआयोग, यूनेस्को, यूएनईपी, डब्ल्यूटीटीसीआईआई, आईयूसीएन, आईएचएमसीएल, आईआरसीटीसी, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, एफएचआरएआई और इंट्रेपिड ग्रुप जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं सहित प्रतिष्ठित संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालयों/विभागों के साथ-साथ यात्रा और पर्यटन उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने इस संवाद की शोभा बढ़ाई।
इस सम्मेलन के उद्देश्यों में पर्यटन इकोसिस्टम के महत्वपूर्ण घटकों को शामिल किया गया, जिसमें शासन, स्थानीय समुदाय की भागीदारी, श्रम की भूमिका, आर्थिक प्रभाव, प्रौद्योगिकी का प्रभाव, पर्यटन स्थल, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण, बुनियादी ढांचा और पर्यावरणीय स्थिरता शामिल हैं।
इस सम्मेलन में कई विषयों पर सत्र आयोजित किए गए जिनका जोर पर्यावरण, यात्रा और पर्यटन नीति को सक्षम बनाना, स्थितियों, पर्यटन मांग चालक और बुनियादी ढांचे को उपयुक्त बनाना और यात्रा एवं पर्यटन को स्थिरता प्रदान करना रहा।