भारतीय एसएमई सस्टेनेबिलिटी को व्यावसायिक सफलता के लिए एक प्रमुख चालक के रूप में देखते हैं: डीएचएल एक्सप्रेस ने ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी सर्वे 2024 किया लॉन्च

डीएचएल एक्सप्रेस के एक नए अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) के लिए सस्टेनेबिलिटी एक रणनीतिक अनिवार्यता बन गई है, जो उनके दीर्घकालिक मूल्य और विश्वसनीयता को विशेष रूप से प्रभावित करती है। आपूर्ति श्रृंखला संचालन में सस्टेनेबिलिटी की बढ़ती प्राथमिकता को बेहतर ढंग से समझने के लिए डीएचएल एक्सप्रेस ने 11 वैश्विक बाजारों: यूके, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चीन, सिंगापुर, जापान, मैक्सिको, कनाडा और भारत में 5,000 एसएमई में निर्णय निर्माताओं का गहन सर्वेक्षण किया। 

सर्वेक्षण में पाया गया कि 95% भारतीय एसएमई मानते हैं कि सस्टेनेबिलिटी उनके व्यवसाय के लिए “बहुत महत्वपूर्ण” या “बेहद महत्वपूर्ण” है। यह वैश्विक औसत 75% से काफी अधिक है और भारतीय व्यवसायों के बीच सस्टेनेबिलिटी के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डीएचएल एक्सप्रेस में कार्यकारी उपाध्यक्ष- ग्लोबल कमर्शियल, मिशेल ग्रीवेन ने कहा, “सस्टेनेबिलिटी अब कई व्यवसायों के एजेंडा में सबसे ऊपर है। लेकिन, सस्टेनेबिलिटी के लिए रणनीति विकसित करने और उसे लागू करने की चुनौती अक्सर भारी लग सकती है। कई सर्वेक्षण उत्तरदाताओं ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि इसके लिए शुरुआत कहाँ से की जाए। डीएचएल एक्सप्रेस जैसे विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स लीडर के साथ साझेदारी करके, जो कम उत्सर्जन शिपिंग समाधानों के अपने समर्पित पोर्टफोलियो के लिए प्रसिद्ध है, एसएमई खुद को व्यवहार्य, प्रतिस्पर्धी बने रहने और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने की स्थिति में ला सकते हैं”।

डीएचएल एक्सप्रेस के दक्षिण एशिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरएस सुब्रमण्यन ने बताया, “व्यवसायों के लिए अब सस्टेनेबिलिटी होना एक ‘विकल्प’ न रहकर विकास को गति देने, ग्राहकों को आकर्षित करने और दीर्घकालिक निवेश को सुरक्षित करने के लिए यह एक आवश्यकता बन गया है। भारतीय एसएमई इसे समझकर अपने संचालन में सस्टेनेबल प्रथाओं को शामिल करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं। वास्तव में, डीएचएल में हमारे सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 51% एसएमई और चीन में 47% एसएमई का मानना है कि उनके ग्राहक सस्टेनेबल शिपिंग के लिए अधिक भुगतान करने को तैयार होंगे, जबकि वैश्विक औसत 23% ही है। ऐसा संभवतः इसलिए है क्योंकि भारत और चीन निर्यात करने वाले पॉवर हाउस हैं और यहां एसएमई पश्चिमी उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए सस्टेनेबिलिटी की रणनीतियों को अपना रहे हैं।”

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इस शोध में नौ क्षेत्रों के व्यवसायों ने भाग लिया: खुदरा, उपभोक्ता सामान, पेशेवर सेवाएँ, इंजीनियरिंग, फैशन, प्रौद्योगिकी, रसायन, जीवन विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा, और वित्तीय सेवा, जो बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं, एसएमई को बदलते परिदृश्य के साथ सामंजस्य स्थापित करने और नए अवसरों को पहचानने में मदद करेंगे। इस अवसर पर जारी की गई ईबुक एसएमई पर सस्टेनेबिलिटी के प्रभाव और उनकी आपूर्ति श्रृंखला संचालन में बढ़ती प्राथमिकता के बारे में जानकारी देती है।

भारत के लिए सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

  • भारत और चीन में एसएमई के लिए सस्टेनेबिलिटी अत्यंत महत्वपूर्ण है: 72% चीनी एसएमई और 59% भारतीय एसएमई ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी उनके व्यवसाय के लिए “अत्यंत महत्वपूर्ण” है। यह 35% के वैश्विक औसत से काफी अधिक है।
  • सस्टेनेबिलिटी के लिए मजबूत ग्राहक समर्थन: 51% भारतीय एसएमई का मानना है कि उनके ग्राहक सस्टेनेबल शिपिंग के लिए ज्यादा  भुगतान करने को “बेहद” या “बहुत” अधिक तैयार हैं, जो वैश्विक औसत 23% से काफी अधिक है।
  • सस्टेनेबिलिटी व्यावसायिक सफलता को बढ़ावा दे रही है: 68% भारतीय एसएमई का मानना है कि सस्टेनेबल वितरण विकल्पों की पेशकश से व्यावसायिक सफलता में वृद्धि होगी।
  • सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं के साथ साझेदारी करना महत्वपूर्ण है: 90% भारतीय एसएमई का मामना है कि ऐसे लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं के साथ साझेदारी करना “अत्यंत” या “बहुत” महत्वपूर्ण है जो सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता देते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्ष और चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:

उच्च प्रासंगिकता लेकिन कम निवेश तत्परता 

सभी सर्वेक्षण क्षेत्रों में कम से कम दो तिहाई एसएमई ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी उनके लिए या तो “बहुत महत्वपूर्ण” या “बेहद महत्वपूर्ण” है। वित्तीय सेवा क्षेत्र और फैशन क्षेत्र इस विचार से सबसे अधिक सहमत थे और दोनों समूह में 81% उत्तरदाताओं ने इस विचार से सहमति जताई। इस मुद्दे के महत्व की व्यापक समझ के बावजूद, अधिकांश एसएमई सस्टेनेबल पहलों के लिए बजट आवंटित करने में अनिच्छुक हैं। अधिकांश (53%) सस्टेनेबिलिटी प्रथाओं में अपने परिचालन बजट का केवल 1-3% निवेश करने को तैयार हैं। केवल 9% एसएमई 5% से अधिक निवेश करेंगे, जबकि 16% बिल्कुल भी अतिरिक्त निवेश करना नहीं चाहते।

आंतरिक और ग्राहक सहमति एक बड़ी चुनौती 

जब एसएमई  से उनके सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों तक पहुँचने में आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछा गया, तो सभी क्षेत्रों की अधिकांश एसएमई के लिए मुख्य चिंता आंतरिक और ग्राहक सहमति हासिल करना था। जर्मनी में विशेष रूप से 74% एसएमई ने इस विषय को बड़ी चुनौती बताया।

फैशन उद्योग और वित्तीय सेवा क्षेत्र सर्वाधिक सस्टेनेबल उद्योग 

यद्यपि फैशन उद्योग अक्सर अपनी आपूर्ति श्रृंखला की सस्टेनेबिलिटी को लेकर जांच के घेरे में रहता है, अधिकांश फैशन एसएमई दृढ़ता से सस्टेनेबिलिटी के पक्ष में दिखे। इस क्षेत्र के 81% एसएमई ने कहा कि यह उनके व्यवसाय के लिए ‘बहुत महत्वपूर्ण’ या ‘बेहद महत्वपूर्ण’ है और तीन-चौथाई से अधिक (78%) का मानना है कि सस्टेनेबल डिलीवरी विकल्प की पेशकश करने से उनकी ब्रांड छवि में (कुछ हद तक / बड़े पैमाने पर / बहुत बड़े पैमाने पर) सुधार हो सकता है। वित्तीय सेवा क्षेत्र की (43%) एसएमई के लिए सस्टेनेबिलिटी उनके व्यवसाय के लिए ‘बेहद महत्वपूर्ण’ है । इस क्षेत्र की 88% एसएमई सस्टेनेबिलिटी तौर-तरीकों हेतु परिचालन बजट आवंटित करने के लिए इच्छुक है और 47% एसएमई (बड़े पैमाने पर/बहुत बड़े पैमाने पर) मानती हैं कि सस्टेनेबल वितरण विकल्प पेश करने से उनकी वाणिज्यिक सफलता में वृद्धि हो सकती है।

एसएमई सस्टेनेबिलिटी को समर्थन देने में डीएचएल एक्सप्रेस की भूमिका

गोग्रीन प्लस सेवा के साथ, डीएचएल एक्सप्रेस के ग्राहक डीएचएल के एयर कार्गो बेड़े में एसएएफ (सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल) के उपयोग के माध्यम से अपने स्कोप 3 उत्सर्जन को कम करने के लिए कदम उठा सकते हैं । प्राप्त उत्सर्जन बचत (स्कोप 3) ग्राहकों को प्रमाणपत्रों के रूप में दी जाती है। इसके अलावा, डीएचएल एक्सप्रेस अपने संचालन और सेवाओं की सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिससे डीएचएल समूह के सस्टेनेबिलिटी लक्ष्य प्राप्ति को बल मिल रहा है, जिससे वार्षिक जीएचजी (ग्रीन-हाउस गैस) उत्सर्जन को 29 मिलियन मीट्रिक टन से कम किया जा सके; 66% अंतिम-छोर डिलीवरी वाहनों  को विद्युतीकृत किया जा सके और 2030 तक सस्टेनेबल ईंधन की हिस्सेदारी को 30% से अधिक तक बढ़ाया जा सके।

सस्टेनेबिलिटी अगले दस वर्षों में उद्योग जगत को बदलने वाली है। यह व्यापक ई-बुक एसएमई को अपने लॉजिस्टिक्स की सस्टेनेबिलिटी में सुधार करने और अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं द्वारा प्रस्तुत किसी भी चुनौती को दूर करने के लिए कार्रवाई योग्य कदम उठाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई है। लॉजिस्टिक्स उद्योग में वैश्विक नेता के रूप में, डीएचएल एक्सप्रेस दुनिया भर में उद्योगों के विस्तृत दायरे में हजारों एसएमई का समर्थन करता है और एसएमई को उनके सस्टेनेबल तौर-तरीकों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करने के लिए सही उपकरण, रणनीति और अंतर्दृष्टि प्रदान करने का प्रयास करता है। आप ई-बुक यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं: सस्टेनेबिलिटी लॉजिस्टिक्स : डीएचएल एक्सप्रेस का वैश्विक सर्वेक्षण | डीएचएल ग्लोबल

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