लोकसभा में संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चल रही बहस के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने संविधान और धार्मिक ग्रंथ मनुस्मृति के बीच तुलना करते हुए हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर के लेखन का जिक्र किया।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा,
“भारत के संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति वह शास्त्र है जो हमारे हिंदू राष्ट्र के लिए वेदों के बाद सबसे पूजनीय है। हमारे प्राचीन समय से यह हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज, विचार और व्यवहार का आधार रही है। सदियों से इसने हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक और दिव्य यात्रा को दिशा दी है। आज मनुस्मृति ही कानून है।”
यह उद्धरण उन्होंने सावरकर के लेखन से लिया। गांधी ने दावा किया कि सावरकर ने अपने लेखों में स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीय संविधान को मनुस्मृति से बदल दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसे मौजूदा सरकार और भाजपा के दृष्टिकोण के साथ जोड़ते हुए कहा,
“यही असली लड़ाई है।”
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने संविधान की एक प्रति दाहिने हाथ में और मनुस्मृति को बाएं हाथ में पकड़कर यह संदेश दिया। उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा,
“जब आप संविधान की रक्षा की बात करते हैं, तो आप सावरकर का अपमान करते हैं। क्या आप अपने नेता (सावरकर) के शब्दों का समर्थन करते हैं या उन्हें खारिज करते हैं?”
भाजपा का पलटवार
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के इतिहास, खासकर इमरजेंसी के दौरान की गई कार्रवाइयों पर निशाना साधा। ठाकुर ने गांधी के संविधान दिखाने को नाटकीय बताते हुए कहा,
“कुछ लोग संविधान को अपनी जेब में रखते हैं लेकिन उसके पन्नों की संख्या भी नहीं जानते।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने डॉ. बीआर अंबेडकर को उनके जीवनकाल में हाशिए पर रखा और उनकी योगदानों को देर से स्वीकारा। रिजिजू ने एक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि अंबेडकर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की “तुष्टिकरण की राजनीति” पर आलोचना की थी और इसे दलित समुदाय की समस्याओं से भटकाने वाला बताया था।
प्रियंका गांधी का भी हमला
राहुल गांधी की बहन और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने अपने पहले लोकसभा भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे “भारत के संविधान” और “संघ के विधान” में अंतर करना भूल जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन बाकी
इस दो दिवसीय बहस का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ होगा, जहां वे भाजपा का पक्ष रखते हुए विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे।
(संसद में छिड़ी इस बहस ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है और संविधान बनाम मनुस्मृति का मुद्दा केंद्र में आ गया है।)