प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता को समर्पित एक अद्भुत रचना : पर्यटकों का ननिहाल

उमेश कुमार सिंह

पवन चौहान
पवन चौहान

पुस्तक “पर्यटकों का ननिहाल” हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता को समर्पित एक अद्भुत रचना है। लेखक पवन चौहान ने अपने अनुभवों, गहन शोध और यात्रा संस्मरणों को इस पुस्तक में इस प्रकार प्रस्तुत किया है कि पाठक स्वयं हिमाचल की वादियों में विचरण करने का अनुभव करता है। पुस्तक हिमाचल के मुख्य आकर्षणों के साथ-साथ उन अनछुए स्थानों का भी उल्लेख करती है, जिन तक बहुत कम पर्यटक पहुंच पाए हैं। यह पुस्तक पर्यटकों के लिए एक प्रेरणादायक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है।

“पर्यटकों का ननिहाल” शीर्षक ही पुस्तक की आत्मा को व्यक्त करता है। लेखक हिमाचल को पर्यटकों का ननिहाल कहते हैं, क्योंकि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, आतिथ्य-संस्कृति और शांत वातावरण हर पर्यटक को घर जैसा अनुभव कराता है। लेखक ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों को केवल दर्शनीय स्थल के रूप में नहीं, बल्कि वहां की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को भी पाठकों के सामने रखा है। पुस्तक का उद्देश्य केवल हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थलों को दिखाना नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और यात्रा के दौरान जिम्मेदारी निभाने का संदेश भी देना है। लेखक का आग्रह है कि हर पर्यटक अपने निशान के रूप में हिमाचल में एक पौधा लगाए और इस देवभूमि की स्वच्छता और सुंदरता बनाए रखने में योगदान दे।

डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक “पर्यटकों का ननिहाल” हिमाचल प्रदेश पुस्तक 17 अध्यायों में विभाजित है, जो हिमाचल के विभिन्न स्थानों, उनके प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अनोखी विशेषताओं का वर्णन करते हैं। प्रमुख स्थलों में कल्पा, अटल टनल, खजियार, कसौली, डलहौजी, और किन्नर कैलाश शामिल हैं। लेखक ने हर स्थान को एक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक उस स्थान की आत्मा को महसूस कर सके।

प्रमुख आकर्षण

1. कल्पा:

लेखक कल्पा को “कल्पना-सा सुंदर गांव” कहते हैं। यहां की शांति, देवदार के जंगल और हिमालय की चोटियां पर्यटकों को सम्मोहित करती हैं।

2. अटल टनल:

इस आधुनिक इंजीनियरिंग चमत्कार का वर्णन उत्साह और रोमांच से भरपूर है। लेखक इसे हिमाचल की यात्रा का नया द्वार कहते हैं।

3. खजियार:

“भारत का मिनी स्विट्जरलैंड” कहे जाने वाले खजियार का वर्णन लेखक ने इस तरह किया है कि पाठक स्वयं वहां की हरियाली और झीलों में खो जाता है।

4. जंजैहली:

यह घाटी रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का संग है। लेखक इसे हिमाचल के अनछुए रत्नों में से एक मानते हैं।

5. सांगला और छितकुल:

हिमाचल के अंतिम गांव छितकुल और सांगला घाटी का वर्णन बेहद खूबसूरत है। यहां के सेब के बागान और बास्पा नदी की सुंदरता को लेखक ने बखूबी चित्रित किया है।

पुस्तक केवल यात्रा का वर्णन भर नहीं है। इसमें हिमाचल की लोक-संस्कृति, त्योहारों, खान-पान, और वहां के लोगों की जीवनशैली का भी सजीव चित्रण है। लेखक ने स्थानीय लोगों की मेहनत और संघर्षों को भी रेखांकित किया है, जिससे हिमाचल के प्रति पाठकों का सम्मान बढ़ता है।

लेखन शैली और भाषा

पवन चौहान की लेखन शैली बेहद सरल, प्रभावशाली और रोचक है। उनका भाषा पर पकड़ और विवरणात्मक शैली पाठकों को बांधे रखती है। प्राकृतिक सौंदर्य, रोमांच और सांस्कृतिक विविधता का वर्णन इस तरह किया गया है कि पाठक पुस्तक पढ़ते हुए खुद को हिमाचल की वादियों में महसूस करता है।

लेखक ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया है। उनका यह प्रयास पाठकों को जिम्मेदार पर्यटक बनने की प्रेरणा देता है।

पवन चौहान एक अनुभवी लेखक हैं, जिनकी रचनाएं कविता, कहानी और बाल साहित्य की विभिन्न विधाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिमाचल के बाल साहित्य में उनका योगदान उल्लेखनीय है। उनकी कविताएं और कहानियां विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित हो चुकी हैं। पवन चौहान की लेखन यात्रा उनके गहरे अनुभव और हिमाचल के प्रति उनके लगाव को दर्शाती है।

पुस्तक की विशेषताएं

1. व्यापक शोध:

लेखक ने हिमाचल के स्थलों पर गहन शोध किया है। हर स्थान से जुड़ी जानकारी, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भों को बारीकी से प्रस्तुत किया गया है।

2. पर्यावरण संरक्षण का संदेश:

लेखक ने पर्यावरण संरक्षण और हिमाचल की स्वच्छता बनाए रखने के लिए पर्यटकों से अपील की है। पौधारोपण का सुझाव एक अनोखा और सराहनीय विचार है।

3. फोटोग्राफ्स का समावेश:

पुस्तक में विभिन्न स्थलों के सुंदर फोटोग्राफ्स शामिल किए गए हैं, जो पाठकों को स्थानों की कल्पना करने में मदद करते हैं।

4. सांस्कृतिक समृद्धि का चित्रण:

हिमाचल की लोक-संस्कृति, त्योहार, और धार्मिक महत्ता का वर्णन पुस्तक को और भी रोचक बनाता है।

BINDALI AUR LADDU13%
Age of Darkness18%

पुस्तक की एकमात्र कमी यह हो सकती है कि इसमें कुछ स्थलों का विवरण और अधिक विस्तृत हो सकता था। साथ ही, अगर यात्रा मार्गदर्शिका के रूप में अधिक जानकारी जैसे यात्रा का खर्च, मौसम की स्थिति और रहने की सुविधाओं का उल्लेख होता, तो यह पर्यटकों के लिए और उपयोगी हो सकती थी।

पुस्तक का महत्व

“पर्यटकों का ननिहाल” न केवल एक यात्रा वृत्तांत है, बल्कि यह हिमाचल की आत्मा को समझने और महसूस करने का माध्यम है। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है, जो हिमाचल की सुंदरता को करीब से देखना और महसूस करना चाहता है।

निष्कर्ष

“पर्यटकों का ननिहाल” एक ऐसी पुस्तक है, जो हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। पवन चौहान की लेखन शैली और उनके विचार पाठकों को न केवल हिमाचल की यात्रा के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी भी सिखाते हैं। यह पुस्तक हिमाचल की यात्रा करने वाले हर पर्यटक के लिए एक अनमोल खजाना है।

उमेश कुमार सिंह
उमेश कुमार सिंह

Loading

Translate »