आज की भाग दौड़ भरी व्यस्त जिंदगी में लोगों को फैटी लीवर की समस्या होने आम बात हो गई है। लिवर शरीर का एक प्रमुख अंग है, जो खाने पचाने, टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर में एनर्जी स्टोर करने का काम करता है। हालांकि वर्तमान समय में खराब खानपान के कारण लोग फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। इस बीमारी में लिवर पर अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है। साथ ही लिवर में सूजन या फिर सिकुड़न आ जाती है। फैटी लिवर को मेडिकल भाषा में हेपेटिक स्टीएटोसिस कहा जाता है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल 10 लाख लोग लिवर की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं।
अगर फैटी लिवर का समय रहते इलाज ना किया जाए तो इसके कारण लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस, पीलिया और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लिवर पर वसा की मात्रा बढ़ने के कारण वह डैमेज होने लगता है, जिसकी वजह से पेशाब का रंग गहरा, त्वचा और आंखों का रंग पीला, पेट में दर्द, सूजन, पैर और टखनों में सूजन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
लिवर शरीर का एक प्रमुख अंग है, जो खाने पचाने, टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर में एनर्जी स्टोर करने का काम करता है।
इस बीमारी में लिवर पर अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है। साथ ही लिवर में सूजन या फिर सिकुड़न आ जाती है। फैटी लिवर को मेडिकल भाषा में हेपेटिक स्टीएटोसिस कहा जाता है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल 10 लाख लोग लिवर की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं।
अगर फैटी लिवर का समय रहते इलाज ना किया जाए तो इसके कारण लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस, पीलिया और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लिवर पर वसा की मात्रा बढ़ने के कारण वह डैमेज होने लगता है, जिसकी वजह से पेशाब का रंग गहरा, त्वचा और आंखों का रंग पीला, पेट में दर्द, सूजन, पैर और टखनों में सूजन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
’योग के जरिए लिवर पर चढ़े हुए फैट को कम किया जा सकता है।’योग एक्सपर्ट अलका सिंह के मुताबिक योग के जरिए लिवर पर चढ़े हुए फैट को कम किया जा सकता है। फैटी लिवर में फायदेमंद साबित हो सकते हैं ये योगासनरूफैटी लिवर में फायदेमंद साबित हो सकते हैं ये योगासन’भुजंगासन’ भुजंगासन के जरिए लिवर से जुड़ी परेशानियां दूर हो सकती हैं। जो लोग लगातार तनाव या फिर चिंता से घिरे रहते हैं, उन्हें नियमित तौर पर भुजंगासन का अभ्यास करना चाहिए। इस आसन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और किडनी भी स्वस्थ बनती है।
’ताड़ासन’ फैटी लिवर के मरीजों को नियमित तौर पर ताड़ासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे शरीर में खून का सर्कुलेशन अच्छा होता है। साथ ही दिल मजबूत बनता है। नियमित तौर पर इस आसन का अभ्यास करने से घुटने और टखने भी मजबूत बनते हैं।
’वृक्षासन’ इस आसन का अभ्यास करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता तो मजबूत बनती ही है, साथ ही सीना चौड़ा होता है। पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी ये योगासन फायदेमंद साबित होता है। लिवर पर जमा अतिरिक्त वसा को भी इस आसन के जरिए कम किया जा सकता है।
अंततः निष्कर्ष निकलता है कि’ यदि नियमित रूप से इन यो योगा आसनों को किया जाए तो काफी हद तक फैटी लीवर की समस्या से निजात पाई जा सकती हैं।