योगासनों के प्रभाव से बुजुर्गों को जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से मिलेगी राहत

उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां शरीर को घेरने लगती हैं। ऐसे में जोड़ों का पुराना दर्द हो या स्टियोआर्थराइटिस की समस्या। कुछ योगासन की मदद से इन समस्याओं से राहत पायी जा सकती है। इस बात से ज्यादातर लोग वाकिफ होंगे कि, योग शरीर के लिए कितना ज्यादा फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं योग आपके दिमाग को तेज बनाने के साढ़ साथ फुर्तीला भी बनाता है। युवा हो या बुजुर्ग, हर किसी के लिए नियमित रूप से योग करना बेहद जरूरी है। हालांकि बात बुजुर्गों की करें तो, उनकी हेल्थ, इम्युनिटी पावर, जोड़ों में दर्द और पुराने से पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या योग करने से दूर हो सकती है। एक अच्छी और हेल्दी लाइफस्टाइल की शुरुआत करने में बिलकुल भी देरी नहीं करनी चाहिए। फिर चाहे आप किसी भी उम्र के पड़ाव में क्यों ना हों।

अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे तो डायबिटीज, दिल की बीमारी और कुछ तरह के कैंसर के खतरे से खुद को बचा पाएंगे। आप अपनी उम्र के हिसाब से शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें। इसके अलावा स्लो डाइजेशन, वजन को नियंत्रित रखने जैसी चीजें एक उम्र के बाद परेशानी का कारण बन सकती हैं। लेकिन एक सुरक्षित योग करके आप मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से फिट रह सकते हैं। अगर आप भी वरिष्ठ नागरिक या वृद्ध हैं, तो इन आसान से योगासन को अपना सकते हैं।

योगासन:

उम्र बढ़ने
  • तड़ासन

बहुत प्रभाव कारी हैं बुजुर्गों के लिए ये इस आसन को करने के तरीके के बारे में जान लीजिये। बाएं पैर को दाएं घुटनों से उपर रखें। संतुलन बनाए रखने के लिए दीवार का सहारा लें । इस आसन को करने से पहले लंबी सांस लें। सांस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं।

तड़ासन काफी आसान योगासनों में से एक है। इसके अनगिनत फायदे हैं। इसे कैसे करना है, ये जान लेते हैं। इस योगासन को करने के लिए आपको अपने एब्डोमिनल को खींचना होगा। अपने कंधे को पीछे की तरफ ढीला छोड़ना होगा। फिर अपने पैरों की उंगलियों को छूते हुए और एड़ी को एक साथ दबाते हुए खड़े होने की कोशिश करें। पैरों की मांसपेशियों को तानते हुए पांच से आठ गहरी सांस लें।

वृद्धावस्था में इस आसन को करना बेहद फायदेमंद है। इस आसन को करने के लिए अपने शरीर के वजह को दोनों पैरों पर समान तरीके से ही डालें।

  • वृक्षासन

इस आसन को ट्री पोज भी कहा जाता है। यह एक ऐसा आसन है, जो आपके शरीर में स्थिरता, संतुलन और सहनशीलता को बनाए रखने में मदद करता है। दोनों हाथों को उपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, साथ ही शरीर को मजबूत रखें। इस प्रक्रिया को बारी बारी से दोनों पैरों से दोहराएं।

  • वज्रासन

वज्रासन करने से डायजेशन मजबूत होता है और कब्ज से राहत मिलती है। इस आसन को मेडिटेशन करने के लिए सबसे अच्छ माना जाता है। इस आसन को करने के तरीके के बारे में जान लेते हैं पैरों को मोड़कर घुटनों के बल बैठ जाएं।

पंजो को पीछे की तरफ खींच लें और अंगूठो को एक दूसरे पर क्रॉस कर लें। शरीर को धीरे धीरे नीचे की तरफ ले जाएं, और हिप्स को एड़ियों पर टिका दें।

दोनों हाथों को घुटनों पर रखें, सिर को सीधा रखते हुए सामने की तरफ देखें । इस आसन को कम से कम 5 मिनट तक होल्ड करके रखें। अगर घुटनों में चोट है, तो इस आसन को करने से बचे|

अंततः निष्कर्ष निकलता है कि इन आसनों का इतना चमत्कारी प्रभाव शरीर पर होता है की बुजुर्गों के जोड़ों मांसपेशियों के दर्द मैं बेहद राहत मिलती है। इसलिए रोज करें योग स्वस्थ रहें मस्त रहें खुश रहें।

अलका सिंह
योग एक्सपर्ट

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