आज के एडवांस मेडिकल टाइम में रोबोटिक स्पाइनल सर्जरी उन प्रक्रियाओं के लिए सबसे सुरक्षित रास्त है
अलीगढ: दिल्ली के बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने स्पाइन सर्जरी के लिए एडवांस इंटीग्रेटेड रोबोटिक सिस्टम लॉन्च किया है. ये टेक्नोलॉजी एक बहुत ही एडवांस सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जो स्पाइन सर्जरी को सफल व सुरक्षित बनाने के मकसद से डिजाइन किया गया है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से जटिल ऑपरेशंस में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रीढ़ के स्ट्रक्चर को देखा जाता है. इससे फायदा ये होता है कि डॉक्टरों को रीढ़ के अंदर की एक्चुअल तस्वीर मिल पाती है, जिससे रोबोटिक सर्जरी में भी डॉक्टर अपना प्लान कर पाते हैं. इस इंटीग्रेटेड स्पाइनल रोबोट को स्पाइन सर्जरी में नेविगेट किया जाता है. ये एकमात्र रोबोटिक सिस्टम है, जिसमें स्पाइन सर्जरी के लिए सर्जिकल नेविगेशन और रोबोटिक गाइडेंस होता है, जो डॉक्टर्स की मदद करता है. इस सिस्टम की मदद से डॉक्टर्स बहुत ही सटीकता के साथ सर्जरी कर पाते हैं. रोबोटिक सर्जरी ने पूरी प्रक्रिया को बहुत ज्यादा सटीक व सफल बना दिया है.
ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर एंड हेड डॉ.पुनीत गिरधर, बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में न्यूरो सर्जरी एंड न्यूरो स्पाइन के सीनियर डायरेक्टर डॉ. अनिल कंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंटीग्रेटेड रोबोटिक सिस्टम के बारे में जानकारी साझा की. डॉ.पुनीत गिरधर ने हाल ही में 10 ऐसी स्पाइन सर्जरी की हैं, जो बहुत ही जटिल थीं. ये सर्जरी रोबोटिक नेविगेशन सिस्टम की मदद से की गईं जिनका रिजल्ट 100 फीसदी रहा. जिन मरीजों की सर्जरी की गई वो ऑपरेशन के अगले ही दिन बिना दर्द के चल पाने में सक्षम थे. इनमें से एक मरीज 71 वर्षीय भरत भूषण कामरा हैं, जो कि क्लासिकल सिंगर और रिटायर्ड गजेटेड अफसर हैं. भरत भूषण को पीठ का गंभीर दर्द था और उनकी रीढ़ की नसें भी दब गई थी, जिस कारण उन्हें चलने में भी दिक्कत हो रही थी. वो सर्जरी से घबरा रहे थे, लेकिन बीमारी की इस स्टेज में इसके अलावा कोई रास्ता नहीं था.
डॉ. पुनीत गिरधर ने बताया, ‘’ आज के एडवांस मेडिकल टाइम में रोबोटिक स्पाइनल सर्जरी उन प्रक्रियाओं के लिए सबसे सुरक्षित रास्त है जिनमें अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता होती है. इसमें न केवल सकारात्मक परिणामों आते हैं बल्कि सर्जरी के दौरान भी बहुत कम दिक्कतें आती हैं. भरत भूषण कामरा के मामले में रोबोटिक स्पाइनल मिसटिल्फ सर्जरी की गई. सर्जरी के बाद अगले ही दिन वो बिना दर्द के चल पाने में सक्षम थे.
रोबोटिक तकनीक द्वारा प्रदान की गई सटीकता के कारण स्पाइनल कशेरुकाओं में इंस्ट्रूमेंटेशन का लक्ष्य सटीक था. खून का नुकसान बहुत कम हुआ और रीढ़ की हड्डी में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी सफलता के साथ पूरी की गई.’’ डॉ.अनिल कंसल ने कहा कि जो केस बहुत ही संवेदनशील होते हैं उनमें भी रोबोट की मदद से की जाने वाली सर्जरी के रिजल्ट काफी बेहतर आते हैं, क्योंकि उनमें बहुत ही कम चीर-काट की जाती है. दरअसल, रीढ़ की सर्जरी में स्क्रू के सही न फिट होने से ही असल समस्या होती है और इसी वजर से डर रहता है. लेकिन रोबोटिक सर्जरी ने इस तरह के डर को पूरी तरह दूर कर दिया है और सर्जरी के सफल नतीजे आ रहे हैं. रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी डॉक्टर्स के लिए एक बहुत ही फायदेमंद टूल साबित हुआ है, जिसकी मदद से जटिल से जटिल ऑपरेशन बहुत ही सटीकता के साथ किए जा रहे हैं.