बारिश का मौसम में वातावरण में अत्यधिक ह्यूमिडिटी होती है। मौसम में होने वाली इस तब्दीली में आप हाइड्रेशन का पूरा ख्याल रखें। बाहरी सुंदरता के लिए भी जरूरी है कि हम भीतर से स्वस्थ रहें। जरूरी है कि आप जो खाएं वह मौसम के हिसाब से सादा, पौष्टिक और हल्का हो। आपके भोजन में विटामिन ई और ओमेगा 3 जरूर शामिल करें। इनमें तेल की अधिकता होती है, जिससे स्किन को पोषण मिलता है।
वहीं विटामिन सी इस मौसम आपकी बीमारियों से लडने की क्षमता को दोगुना करता है। इस मौसम में त्वचा संबंधी समस्या काफी आम होती है। खास तौर पर फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण आम समस्या है। इसलिए एंटी फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें ताकि संक्रमण से बचाव हो सके। इसके अलावा रेसेश, रिंगवर्म्स और त्वचा के रंग में आने वाला बदलाव भी काफी कॉमन परेशानियां होती हैं। इनसे बचाव का ख्याल रखें और अगर ऐसी परेशानी दिखे तो फौरन डाक्टर से कंसल्ट करें। इसके साथ ही इस मौसम में अपने पैरों, हाथों और बालों पर भी खास ध्यान देने की जरूरत है।
पैरों के लिए खास:
बारिश के दिनों में पैरों का खास ख्याल रखना जरूरी होता है, क्योंकि इसमें फंगल इंफेक्शन और चोट की वजह से संक्रमण होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। ऐसे में छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर हम घर पर ही पैरों का ध्यान रख सकतें है जैसे-
- पैरों की सफाई का खास ध्यान रखें, इसके लिए आप डिटॉल का प्रयोग भी कर सकती हैं।
- बाहर से आने के बाद पैर जरूर धोएं और सूखे व साफ तौलिए से पोछें। इससे कभी इंफेक्शन नहीं होगा।
अगर आपको मोजे पहनने पड़ते हैं तब नॉयलान के मोजों की जगह हमेशा कॉटन के मोजों का ही प्रयोग करें। समय-समय पर पेडीक्योर करवाती रहें क्योंकि इससे पैरों की सही प्रकार से सफाई हो जाती है। नंगे पांव बिलकुल न चलें, इससे कई तरह के संक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ज्यादा बंद या टाइट जूते और सैंडल न पहनें। ऐसी चप्पलें चुने जो आसानी से सूख जाएं। सप्ताह में एक दिन जूतों को कुछ देर धूप में जरूर रखें, जिससे उसमें मौजूद कीटाणु या फफूंद खत्म हो जाएं और जूते भी पूरी तरह से सूखे रहें। लैदर के जूतों को पॉलिश करके रखे जिससे वो खराब न हो और आपके पैरों को भी नुक्सान न पहुंचाए।
एडियों के फटने पर आम के कोमल और ताजे पत्तों को तोडने से निकलने वाले द्रव को घावों पर लगा दीजिए। ऐसा करने से बहुत जल्दी फायदा होता है और फटी एडियां ठीक हो जाती हैं। साथ ही गेंदे के पत्तों के रस को वैसलीन में मिलाकर लगाने से फटी एडियां ठीक हो जाती हैं।
देशी घी और नमक को मिलाकर फटी एडियों पर लगाएं। ऐसा करने से फटी एडियां ठीक हो जाती हैं और पैरों की त्वचा भी कोमल रहती है। वही मोम और सेंधानमक मिलाकर फटी एडियों पर मलने से बिवाईयां ठीक हो जाती हैं।
पपीते के छिलकों को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण में ग्लिसीरीन मिलाकर दिन में दो बार फटी हुई एडियों में लगाने से बहुत जल्दी फायदा होता है।
बालों की केयर है जरूरी:
बारिश के मौसम में बालों के बार-बार गीले होने का डर बना रहता है। बारिश के दौरान बालों के भीगने से पानी में मौजूद प्रदूषित तत्व बालों को कमजोर और डल बनाता है। इसलिए बालों को कवर करके निकलें चाहे दुपट्टे या स्कार्फ का इस्तेमाल करें या फिर छाता लगाएं। चाहे कोई भी मौसम क्यों न बालों की सफाई बेहद जरूरी है। इसलिए मानसून के दरम्यान भी बालों की सफाई का खास ख्याल रखें। अपनी सुविधा के अनुसार आप चाहें तो हर दूसरे दिन बालों को धो सकते हैं। बालों को नमी प्रदान करने के लिए रात में शुद्ध नारियल का तेल लगाएं। ये बालों को भरपूर नमी और चमक पैदा करता है। अपने बाल के अनुसार ही शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें। मानसून के दौरान बेहतर है कि केमिकल बेस्ड हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल कम से कम करें।
खास टिप्स:
हाइड्रेशन अच्छी व चिकनी त्वचा के लिए अच्छा जलयोजन एक महत्वपूर्ण उपाय है। ऐसा कहा जाता है कि आपको हर दिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। बेहतर होगा यदि आप और ज्यादा पानी पी सकें, लेकिन आप खुद को पानी पीने के लिए मजबूर न करें। स्वयं को प्यासा न होने दें, और पूरे दिन अपने पास सामने एक गिलास पानी का रखें, इस तरह आप अधिक बार पानी पीने का अवसर प्राप्त कर सकेंगी।
मास्चुराइचर्स बाहरी हाइड्रेशन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आंतरिक। यहां मास्चुरइचर सबसे पहली प्राथमिकता है। बहुत सी महिलाएं हर समय अपने साथ हैंडक्रीम रखती है और दिन भर में इसे सैकड़ों बार लगाती हैं। हालांकि इससे आपके हाथों को मुलायम बनाने में कुछ मदद मिलती है, लेकिन हैंडक्रीम के लिये ज्यादा उत्साहित न हों। एक बार सुबह और एक बार शाम को हैंडक्रीम का प्रयोग कर लेना आदर्श स्थित होती है। अगर आपके हाथों में कुछ रूखापन है और आपके हाथों को अतिरिक्त मॉइस्चराइजिंग की जरूरत है, तब बेशक इसकी उपेक्षा न करें।
गर्म पानी को कहें न आपने सुना होगा कि गर्म पानी वास्तव में आपकी त्वचा के लिए अच्छा नहीं है। यह त्वचा को शुष्क बनाता है और अतिरिक्त मॉइस्चराइजिंग की आवश्यकता को उत्पन्न करता है। यही बात आपके हाथों की त्वचा के लिए लागू होती है। अपने हाथों को केवल गुनगुने पानी से धोएं, कभी भी गर्म पानी से उन्हें न धोयें। तेज साबुन के साथ गर्म पानी वास्तव में आपकी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है और फिर इसे कोमल बनाने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता होती है।
एक अच्छे साबुन का चयन आप विश्वास करें या न करें लेकिन साबुन आपके हाथों की कोमलता के लिए सबसे बड़े दुश्मन हैं। यही कारण है कि एक अच्छा साबुन चुनना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह बहुत कुछ आपकी त्वचा के प्रकार और साबुन के तत्वों में से कुछ के प्रति सहिष्णुता पर निर्भर करता है। कछ अलग अलग साबुनों का प्रयोग करके देखें तथा उसे चुन लें जो आपको उपयुक्त लगें। हर हालत में, तेज और जीवाणुरोधी साबुन से बचें। ऐसे साबुन को चुनें जो मॉइस्चराइजिंग के रूप में या संवेदनशील त्वचा के लिए जाना जाता है।
पैक्स जब साधारण मॉइस्चराइजिंग से काम न चले-तो पैक्स की तरफ मुड़ें। बहुत से पैक्स उपलब्ध हैं जो आप खरीद सकते हैं। बस आपको उसे चुनना है जो आपको सबसे अच्छा सूट करें। पैक्स आमतौर पर शाम को लगाये जाते हैं। उन्हें लगाने के बाद आपको विशेष दस्ताने पहन लेने चाहिये और सो जाना चाहिए। आपके हाथ सुबह को कोमल, सिल्की व चिकने मिलेंगे।