आधी रात में केक काटने का चलन: उत्सव या दिखावा? 

कुछ दिनों पहले ही मेरा जन्मदिन बीता, रात के 12 बजते ही अचानक से फोन बज…

फेल होना भी है जरुरी….

हर चीज की शुरुआत बचपन से ही होती है। बचपन में सीखी सीख आपको भविष्य के…

राजनीति को नया आयाम देने के लिए जरुरी युवाओं की भागीदारी….

राजनीति—यह शब्द सुनते ही अक्सर हमारे मन में नकारात्मक विचारों की बाढ़ आ जाती है। भ्रष्टाचार,…

अब वो बात कहाँ… -अतुल मलिकराम

एक रोज मेरा किसी काम से जाना हुआ, घर लौटते हुए शाम हो गई। मैं घर…

अश्लीलता की बाढ़ में बर्बाद होती युवा पीढ़ी 

सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बढ़ती अश्लीलता, देश के लिए नई चुनौती खड़ी कर रही…

गरीबी या मक्कारी: अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

गरीबी, एक ऐसा शब्द है जो सुनने में जितना साधारण लगता है, वास्तविकता में उतना ही…

शब्दों में शक्ति तभी होगी जब सोच में गहराई होगी…

एक शाम मैं अपनी बालकनी में सुकून से बैठा था, बड़े दिनों बाद ऐसा मौका मिला…

सड़कें न हो जरुरतमंदों का घर……

हमारे शहरों के हर कोने में, जहाँ पर जीवन एक अलग लय में बहता है और…

पहले अपने गिरेबान में झाँकना सीख लीजिए..

अंबानी जी ने अपने सागर में से एक गागर पानी निकाला है, सागर भी उन्हीं का,…

भ्रष्टाचार और पेपर लीक की आग की लपटों में झुलसते छात्र – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार

भारत की शिक्षा प्रणाली एक भयानक तूफान के चपेट में आ बैठी है। एक ऐसा तूफान,…

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