बिलासपुर: गर्मी के बढ़ते तापमान के बीच बिजली कटौती ने नगर की आम जनता को खूब परेशान कर दिया है। आमजन अब न गर्मी से राहत पा रहे हैं न बिजली विभाग की जिम्मेदारी से। पिछले हफ्ते भर से जब से बादलों की आंख मिचौली और अंधड़ पानी शुरू हुआ है, तब से लगभग रोज ही शहर की लाइट चली जा रही है। लाइट कभी दो घंटा कभी चार घंटा और कभी-कभी तो पूरे चौबीस घंटे नहीं आती। ऐसा नहीं है कि बिजली कटौती नगर के कुछ वार्ड या क्षेत्र में ही होती है। बिजली कटौती का यह तो पिछले नौ दिनों से यह हाल है की पूरा शहर में ही अंधेरे का साम्राज्य छा जाता है। नगर वासी अब इससे इतने परेशान हो चुके हैं कि अब तो वह जनप्रतिनिधियों के दरवाजे तक पहुंच कर आक्रोश व्यक्त करने लगे हैं। शहर में बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। कभी मेंटनेंस तो कभी फॉल्ट के नाम पर बिजली आपूर्ति बंद कर दी जा रही है।
लगातार तीन दिनों से दिन में लगातार बिजली की ट्रिपिंग हो रही है।रविवार से गड़बड़ाई बिजली आपूर्ति बुधवार को भी दिन में बिजली की आंखमिचौली लोगों को रूलाती रही। घरों में लगे इनवर्टर भी जबाव दे दिया, जिसके कारण लोगों को अधिक कठिनाई हुई। पिछले दिन लगभग चार से पांच घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। शाम में एक बार फिर बिजली कट गई। बच्चों को पढ़ाइ के साथ गृहिणियों को काफी परेशानी हो रही है। एई की माने तो बिजली की जरूरत 20 मेगावाट है और आपूर्ति भी हो रही है। सहायक अभियंता दिलीप कुमार ने कहा कि जिले में प्रर्याप्त मेगावाट की बिजली आपूर्ति हो रही है। फाल्ट के कारण बिजली आपूर्ति काटी जा रही है। 33 केवीए में मेंटेनेंस का काम चल रहा है।
शहर की जनता हो रही आक्रोशित
हालांकि स्थानीय लोग इसे सिर्फ दिखावटी जवाब मानते हैं। उनका कहना है कि हर साल गर्मी के मौसम में यही समस्या होती है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता। शहर की जनता का अब सब्र टूटता जा रहा है। नागरिकों की मांग है कि बिजली विभाग सिस्टम को मजबूत बनाए, ताकि हर बार हवा और बारिश को बहाना न बनाया जाए। वहीं नगर निगम क्षेत्र के चिंगराजपारा मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं की कमी ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है. सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी जरूरी सेवाओं के अभाव में मोहल्ले के लोग आक्रोशित हैं. नागरिकों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद नगर निगम उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है।क्षेत्र के लोग वर्षों से सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिलते हैं। मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं की कमी ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है. सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी जरूरी सेवाओं के अभाव में मोहल्ले के लोग आक्रोशित हैं। नागरिकों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद नगर निगम उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है. क्षेत्र के लोग वर्षों से सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिलते हैं।

बच्चों की सही ढंग से नहीं हो पा रही पढ़ाई
अघोषित और रोज-रोज की बिजली कटौती से बच्चे सही ढंग से न तो पढ़ाई कर पा रहें हैं ओर न ही घरों में चैन से रह रहें हैं। बिजली नहीं रहने से घरों में पानी की किल्लत हो जाती है और घर का काम काज करने में काफी समस्या होती हैं। घरों में बच्चों को भी काफी दिक्कत होती है। नगर के कॉलोनी में रविवार रात 11 बजे एबीसी लाइन में फाल्ट के चलते आधा शहर अंधेरे में डूब गया। सोमवार सुबह भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सका। जिससे नागरिक भीषण गर्मी में परेशान हैं। एसडीओ ने बताया कि फाल्ट मिलने पर कर्मचारियों को मरम्मत कार्य के लिए भेज दिया गया है।
भीषण गर्मी में लाइट न होने से परेशान जनता
देर रात विद्युत फाल्ट के कारण आधे शहर में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई। नगर के कश्यप कॉलोनी, कर्बला, जूना बिलासपुर, किला वार्ड, हटरी चौक, कतियापारा, दुर्गा चौक दयालबंद, मसानगंज, गोडपारा, शनिचरी बाजार , शांति कॉलोनी व पंजाबी कॉलोनी समेत तमाम हिस्सों के नागरिक रात भर भीषण गर्मी में बेचैन रहे। रात भर लोग लाइट आने का इंतजार कर रहे थे। वहीं सोमवार को भी बिजली का आलम यही दिखाई दिया। नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।देर रात से बिजली न होने पर पीने के पानी की समस्या के साथ ही घरेलू कामकाज में भी लोगों को दिक्कतें हैं। वहीं नागरिकों का कहना है कि बिजली की कटौती आए दिन हो रही है।
रोज हो रहे फाल्टों से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।बिलासपुर में शनिवार रात आए तेज अंधड़-तूफान ने शहर की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया। शहर से लेकर गांव तक अंधेरा छा गया। बिजली की बहाली के लिए घंटों इंतजार करने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।आखिर नाराज लोगों ने देर रात विधायक अमर अग्रवाल के राजेंद्र नगर स्थित बंगले का घेराव किया। लोगों ने इस दौरान वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जनता जाग रही है और विधायक सो रहे हैं। विधायक इस दौरान बंगले से बाहर नहीं निकले।बिजली ठप होने से 982 पावर पंप बंद हो गए। इससे हजारों घरों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई। तालापारा, मगरपारा, चिंगराजपारा, खमतराई, बहतराई, राजकिशोर नगर और सरकंडा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया।
पूर्व विधायक ने भाजपाइयों पर कसा तंज
पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने तंज कसते कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि सो रहे हैं, जनता ने जिन्हें जिताया उन्हें शहर की जनता से कोई सरोकार नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री लोगों को राहत दिलाने के बजाय घर में सो रहे हैं। भाजपा विधायकों के घर में बिजली है, लेकिन आम जनता के घर में अंधेरा है।
पिछले सप्ताह से शहर में चारों तरफ बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बीते एक माह से लगातार बिजली बंद होने से उपभोक्ता आक्रोशित हैं। बिजली विभाग की लापरवाही के कारण अब लोग घेराव और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं।इसके बाद भी विद्युत सप्लाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान घंटों लाइट बंद होने की समस्या से आम जनता परेशान होने लगी है। जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। अधिकारी मेंटेनेंस की बात कह कर समस्या से पल्ला झाड़ रहे है।
बिजली विभाग झाड़ रहा पल्ला
कंपनी की लापरवाही से आम जनता परेशान हो गई है।बिजली बंद कर सुधार की बात कह कर विभाग बिजली की समस्या से पल्ला झाड़ रहा है।रोजाना दिन और रात मिलाकर राहत के नाम पर 4 से 5 घंटे तक बिजली बंद कर मेंटेनेंस का अभियान चलाया जा रहा है। मानसून में बिजली बंद ना हो इसके लिए विद्युत वितरण कंपनी के भीषण गर्मी में भी बिजली बंद कर राहत देने के नाम मेंटेनेंस किया था। तब भी लोग बिजली बंद से काफी परेशान थे। लेकिन अब फिर से वही मेंटेनेंस की बात कहां से आ जाती है।
बिना आंधी तूफान और बारिश के बंद होती है बिजली
विभाग आंधी तूफान का बहाना बनाकर बिजली तो बंद करता है लेकिन इस मामले में आम जनता कुछ अलग ही सोचती है।आम उपभोक्ताओं से बात करने पर उन्होंने बताया, ” बिजली विभाग मेंटेनेंस के नाम पर पूरा साल उन्हें परेशान करती है.” व्यापार विहार में रहने वाले शिव कुमार ने बताया, ” पहले तो आंधी तूफान और बारिश की वजह से बिजली विभाग बिजली गुल कर देता था लेकिन अब केवल मौसम में थोड़ा सा परिवर्तन आते ही बिजली बंद कर दी जाती है. ऐसे में उन्हें कई तरह की तकलीफ भी होती है.” इस मामले में सरकंडा में रहने वाले पवन सोनी का कहना है, “आम उपभोक्ताओं को विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बेवकूफ मानते हैं. यदि रोजाना मेंटेनेंस के नाम पर बिजली बंद की जाती है तो आखिर आगे चलकर बिजली बंद होने की समस्या सामने क्यों आती है? आम जनता के साथ बिजली विभाग मजाक करता है या फिर जानबूझकर उन्हें परेशान करने की कोशिश करता है।”
ट्रांसफार्मर खराब होने से बचाने बिजली सप्लाई बंद की जाती है
“कई बार आंधी तूफान की वजह से तारों पर पेड़ गिर जाता है।शार्ट सर्किट की वजह से ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है।ट्रांसफार्मर को खराब होने से बचाने के लिए बिजली बंद कर दी जाती है। लेकिन आंधी के बंद होने के बाद फिर से सप्लाई शुरू कर दी जाती है।”
– सुरेश जांगड़े, कार्यपालन अभियंता, बिजली विभाग बिलासपुर
बिना कारण बिजली बंद हुई तो होगी कारवाई
यदि बिना कारण बिजली बंद हुई तो मामले से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यदि सामानों की कमी या मैन पावर कम हो तो वे उन्हें जानकारी दें ताकि वे वैकल्पिक व्यवस्था के साथ ही सामानों की खरीदी के लिए राज्य सरकार को अवगत कराएं। क्योंकि विद्युत वितरण कंपनी होने के नाते सामानों की कमी नहीं हो सकती है। और यदि बिना कारण बिजली बंद हुई तो कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
– कलेक्टर, बिलासपुर
नगर के नागरिकों की समस्याओं का समाधान हमारी पहली प्राथमिकता है। हम बिजली कटौती की समस्या को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।” शहरवासी संयम बनाए रखें और बिजली विभाग को सहयोग दें ताकि समस्या का समाधान तेजी से हो सके। बिजली विभाग के मैदानी अमले से लेकर उच्च अधिकारियों से अपेक्षा है कि बिजली की सतत आपूर्ति के लिए जगरूक प्रयास करें एवं उपभोक्ताओं की शिकायतों का संवेदनशीलता के साथ निराकरण करें। बरसात पूर्व मेंटेनेंस की तैयारी के अलावा बिजली कटौती की शिकायतें नहीं आनी चाहिए, भीषण गर्मी में बार-बार बिजली जाने से आम जनता के दैनिक कामकाज प्रभावित होते हैं। वे इलाके जहां ओवरलोडिंग की समस्या से बार-बार ट्रांसफार्मर की समस्या आती है उसका स्थाई हल निकाले, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके।
– अमर अग्रवाल, नगर विधायक ,बिलासपुर
