स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए साइकिल चलाना कभी ना छोड़े

-वैश्विक साइकिल दिवस, 3 जून

यह तो आप सभी को मालूम ही है की साइकिल आमतौर पर आज दिखाई देने वाले वाहनों से भी बहुत पहले का एक सर्व सुलभ और सस्ता वाहन रहा है। यही वजह है कि इसकी उपयोगिता को देखते हुए विश्व साइकिल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाने लगा है। यह दिवस साइकिल चलाने के लाभों को बढ़ावा देने और लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ही मनाया जाता है।

‌‌‌‌सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया था। यह निर्णय साइकिल चलाने के लाभों को बढ़ावा देने और लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया था। विश्व साइकिल दिवस के उद्देश्य 1.साइकिल चलाने के लाभों को बढ़ावा देना।विश्व साइकिल दिवस का उद्देश्य साइकिल चलाने के लाभों को बढ़ावा देना है, जैसे कि व्यायाम, पर्यावरण संरक्षण, और आर्थिक लाभ।2. लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करना। विश्व साइकिल दिवस का उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करना है, खासकर उन लोगों को जो साइकिल चलाने के लिए नए हैं।3. साइकिल चलाने की संस्कृति को बढ़ावा देना।

विश्व साइकिल दिवस का उद्देश्य साइकिल चलाने की संस्कृति को बढ़ावा देना है, जिससे लोग साइकिल चलाने को एक स्वस्थ और पर्यावरण अनुकूल विकल्प के रूप में देखें। विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर हम सामूहिक रूप से साइकिल रैली आयोजित करें और विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर साइकिल रैली आयोजित करें और लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करें।साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करें। विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें साइकिल चलाने के लाभों के बारे में बताएं।साइकिल संबंधी कार्यक्रम आयोजित करें। विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर साइकिल संबंधी कार्यक्रम आयोजित करें, जैसे कि साइकिल प्रदर्शनी, साइकिल चलाने की प्रतियोगिता, आदि कार्यक्रमों के आयोजन से लोगों का रुझान साइकिल जैसे वाहन की और निश्चित ही बढ़ेगा, और साइकिल का उपयोग करने में सब की रुचि जागेगी।

यह कार्य निश्चित ही पर्यावरण और स्वास्थ्य के सुधार में एक महत्व कदम साबित होगा। तो चले आज से ही ऐसा ठान लें कि हमें कम से कम स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक घंटे दो घंटे ही सही साइकिल चलाने का कार्य शुरू करना है।आमतौर पर देखा जाए तो साइकिल बहुत ही उपयोगी और मितव्ययी वाहन है। आजकल लोगों को जल्दबाजी और रफ्तार का ऐसा जुनून चर्राया हुआ है कि लोगों ने इस स्वास्थ्यवर्धक और कम खर्च वाले वाहन की तरफ ध्यान देना बिलकुल छोड़ दिया है। फलत: अब लोग साइकिल चलाते हुए कम ही दिखते हैं। साइकिल को अब पिछड़े और पुराने जमाने की चीज समझा जाने लगा है। यह सोच ही नासमझी से भरा जान पड़ता है। गांव हो या शहर अब साइकिल चालक बहुत कम दिखाई देते हैं, जिसे भी देखो वह फर्राटेदार बाईक, स्कूटी,अन्य पेट्रोल चालित या इलेक्ट्रिक वाहनों में ही आना-जाना पसंद करने लगे हैं। इस वाहन को नजरअंदाज करना लोगों को अब भारी भी पडने लगा है।

इसके कई दुष्परिणाम सामने नजर आने लग गए हैं, जैसे स्वास्थ्य का बिगड़ना, पर्यावरण का बिगाड़ और खर्चों में बढ़ोतरी। यह प्रारंभिक और चिंतनीय भी कारण है। जिस पर विचार करना अत्यंत आवश्यक है। यह तो सर्वविदित तथ्य है की साइकिल एक बहुत ही उपयोगी और पर्यावरण अनुकूल वाहन है। इसकी उपयोगिता कितने ही मायनों में आपको दिखाई दे जाएगी, जैसे स्वास्थ्य लाभ 1व्यायाम: साइकिल चलाने से शरीर को व्यायाम मिलता है, जो हृदय स्वास्थ्य, मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन में सुधार करता है।2.वजन कम करने में मदद।साइकिल चलाने से कैलोरी जलती है, जो वजन कम करने में मदद करती है।3. तनाव कम करने में मदद साइकिल चलाने से तनाव और चिंता कम होती है, और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।पर्यावरण लाभ1. प्रदूषण कम करने में मदद। साइकिल एक शून्य-उत्सर्जन वाहन है, जो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।2. ऊर्जा की बचत।साइकिल चलाने से ऊर्जा की बचत होती है, क्योंकि यह मानव शक्ति पर चलता है।3. सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद। साइकिल चलाने से सड़कों पर भीड़भाड़ कम होती है, जो यातायात को सुगम बनाने में मदद करता है।

जैसे सर्वप्रथम है, आर्थिक लाभ:

  • ईंधन की बचत। साइकिल चलाने से ईंधन की बचत होती है, जो आर्थिक लाभ प्रदान करता है।
  • पार्किंग और रखरखाव की बचत।साइकिल को पार्क करना और रखरखाव करना आसान होता है, जो आर्थिक लाभ प्रदान करता है।
  • साइकिल की लंबी उम्र।साइकिल की लंबी उम्र होती है, जो आर्थिक लाभ प्रदान करता है।

सामाजिक लाभ:

  • सामाजिक संपर्क। साइकिल चलाने से सामाजिक संपर्क में वृद्धि होती है, जो मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  • सामुदायिक भागीदारी।साइकिल चलाने से सामुदायिक भागीदारी में वृद्धि होती है, जो सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाता है।
  • साइकिल चलाने की संस्कृति। साइकिल चलाने से साइकिल चलाने की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, जो पर्यावरण अनुकूल और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देता है।
सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"
सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”
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