दिल्ली: देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज के तत्वाधान में छठीं बाल चौपाल का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन दिल्ली के सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार तथा संस्था के संयोजक नरेन्द्र सिंह नीहार ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ नन्हे बाल कलाकार हुमैद अहमद ने अपनी मीठी बोली में रसगुल्ला कविता सुनाकर किया तो प्रांशी ने विरासत नामक कविता सुना कर अपनी धरोहर को बचाने की बात कही। देश के प्रसिद्ध बाल साहित्यकार संजीव जायसवाल संजय ने सोशल मीडिया का राजकुमार नामक कहानी सुनाकर स्मार्ट फोन की दुनिया से बाहर की दुनिया को जानने और समझने की प्रेरणा दी.वहीं मास्टर अर्णव ने मन्नू प्यारे नामक कविता सुनाकर सभी का मन मोह लिया।
गोरखपुर से जुड़े मास्टर अंश यादव ने किसान कविता सुना कर किसान की मेहनत का बखान किया तो वहीं बाल कवयित्री अलका बरनवाल ने आया जाड़ा खुल गया बक्सा नामक कविता सुनाई. गुजरात से जुड़े निर्वेद गुप्ता ने स्वच्छता नामक कविता सुनाकर साफ- सफाई का संदेश दिया। लखनऊ के मास्टर अफ्फान ने हुक्का पियो न दादा जी कविता सुनाकर सभी को नशे से दूर रहने का संदेश दिया तो वहीं बच्चों की चहेती कहानीकार नीलम राकेश जी ने टेडी बीयर कहानी सुना कर सभी को रोमांचित कर दिया। मुंबई से जुड़ी डाॅ वर्षा महेश ने ‘ पुण्य देश भारत की बच्चों सुनो कहानी’ कविता सुनाकर भारत का इतिहास बताया तो वहीं दिल्ली से जुड़ी चरिताक्षी ने स्वरचित कविता लकीर सुना कर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। गोरखपुर से जुड़े मास्टर दिव्यांश ने बया कविता सुनाकर सभी का मन मोह लिया।

हिन्दी की गूंज के संयोजक नरेंद्र सिंह नीहार ने एक पेड़ मां के नाम कविता सुनाकर बच्चों को पौधारोपण के लिए प्रेरित किया। रामकुमार पांडे और डॉ. वर्षा सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये.कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सूर्यकुमार पांडेय ने बालमन की कविताओं को सुनाकर सभी का मार्गदर्शन किया तथा सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि हिंदी की गूंज संस्था की तरफ से हो रही बाल चौपाल निश्चित रूप से सराहनीय है और इस तरीके के रचनात्मक आयोजन होते रहने चाहिए। कार्यक्रम में श्रोता के रूप में जुड़ी निर्मला जोशी, गिरीश चंन्द्र जोशी,अतुल खरे, प्रमोद चौहान, तरुणा पुंडीर आदि ने जुड़कर अपने संदेशों के माध्यम से सभी का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के अंत में हिंदी की गूंज की मीडिया प्रभारी डॉ ममता श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। भावना अरोड़ा ‘मिलन‘