एयर बेस 118, मोंट-डी-मार्सन, फ्रांस में इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स (एफएएसएफ) की संयुक्त बाइलेटरल एयर एक्सरसाइज गरुड़ का 8वां संस्करण 27 नवंबर 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। लगभग दो सप्ताह चली इस उच्च स्तरीय युद्धाभ्यास के सफल समापन के बाद आईएएफ की टुकड़ी 2 दिसंबर 2025 को भारत लौट आई। यह अभ्यास वर्ष 2025 में आईएएफ द्वारा किए गए सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियानों में शामिल रहा, जिसने सामरिक सहयोग को नई दिशा दी।

उन्नत वायु शक्ति का साझा प्रदर्शन
अभ्यास के दौरान इंडियन एयर फोर्स ने Su-30MKI बहु-भूमिका लड़ाकू विमानों के साथ भाग लिया। इन विमानों को IL-78 एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग टैंकर और C-17 ग्लोबमास्टर III ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से ऑपरेशनल समर्थन हासिल रहा। इस अभ्यास में दोनों वायु सेनाओं ने वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में जटिल हवाई अभियानों का संचालन किया, जिनमें लंबी दूरी के स्ट्राइक मिशन, एयर डिफेंस ऑपरेशन, एस्कॉर्ट मिशन और कई समन्वित सामरिक अभ्यास शामिल थे।
संयुक्त मिशनों के दौरान भारत और फ्रांस की सेनाओं ने एयर-ऑपरेशनल रणनीतियों, मिशन प्लानिंग, बहु-स्तरीय स्ट्राइक ऑपरेशन और रियल-टाइम टैक्टिकल कोऑर्डिनेशन जैसी प्रक्रियाओं को साझा किया। इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामरिक पारस्परिकता और ऑपरेशनल समझ में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक्स में उत्कृष्टता
आईएएफ के मेंटेनेंस क्रू ने पूरे अभ्यास के दौरान उच्च स्तरीय उड़ान सेवा उपलब्धता (फ्लाइट सर्विसेबिलिटी) सुनिश्चित की। परिणामस्वरूप सभी मिशन समयानुसार पूरे होते रहे और हर ऑपरेशनल टास्क को बिना किसी बाधा के निष्पादित किया गया। कठिन जलवायु परिस्थितियों और सतत ऑपरेशनल दबाव के बावजूद भारतीय तकनीकी दल ने उच्च तकनीकी दक्षता और पेशेवर क्षमता का प्रदर्शन किया।
क्लोजिंग समारोह और प्रशंसा
समापन समारोह में उपस्थित दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त अभ्यास में सम्मिलित सैन्य दलों से मुलाकात की। अधिकारियों ने भारतीय और फ्रांसीसी कर्मियों के प्रोफेशनलिज्म, अनुशासन, स्वामिभाव और समर्पण की सराहना की। यह भी उल्लेख किया गया कि इस तरह के अभ्यास न केवल सैन्य संबंधों को मजबूत करते हैं, बल्कि आधुनिक युद्धक तैयारी और संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता को भी सुदृढ़ बनाते हैं।
रणनीतिक साझेदारी को मिला नया आयाम
भारत और फ्रांस के बीच वायु रक्षा, एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी और रक्षा सहयोग लंबे समय से जारी है। राफेल लड़ाकू विमान सौदे से मजबूत हुई रक्षा साझेदारी को गरुड़ 25 ने और भी विस्तार दिया। इस अभ्यास ने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, तकनीकी साझेदारी, सैन्य रणनीति, क्षमता निर्माण और संयुक्त मिशन ऑपरेशन में सहयोग को नई दिशा प्रदान की।
साझा प्रशिक्षण से प्राप्त अनुभव भविष्य में भारतीय वायु सेना की युद्धक क्षमताओं को और अधिक प्रभावी और सशक्त बनाएंगे। अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करने की आईएएफ की क्षमता और भी सुदृढ़ होगी, जिससे भारत की वायु सुरक्षा और सामरिक प्रभावशीलता को वैश्विक स्तर पर मजबूत आधार मिलेगा।